नई दिल्ली /अदिति सिंह : 1984 सिख दंगों के पीडि़तों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का रास्ता अब साफ होता नजर आ रहा है। अदालती आदेश के बाद सरकार ने विशेष पहल की है। सरकार की यह कवायद सफल रही तो सिर्फ दिल्ली में दर्जनों लोगों को नौकरी मिल जाएगी। हालांकि 1984 सिख विरोधी दंगों में 2733 लोग (सरकारी रिकार्ड के मुताबिक) मारे गए थे। जबकि, अपुष्ट संख्या इससे अधिक थी। इन पीडि़त परिवारों को मकान और फौरी सुविधाएं तो मिल गए थे,लेकिन सरकारी नौकरी को लेकर सरकारें भरोसा देती रहीं। लेकिन, 2018 में सिखों के द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में डाले गए केस और उसके हालिया फैसले के बाद सरकारों को नौकरी देना मजबूरी बन गई। केंद्र सरकार की 2006 की अधिसूचना के माध्यम से 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीडि़तों के लिए अब प्रशस्त हो गया है। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अब सरकार ने भी उन्हें सैद्धांतिक रूप से नौकरी देने का फैसला किया है।
-सरकार के विशेष पहल पर नौकरी पाने का मार्ग प्रशस्त
-सिख संगठनों ने संयुक्त रूप से डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा
-दिल्ली के उपराज्यपाल एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी पत्र
यह जानकारी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के डीसी संजीव खेरवाल ने भी दी है। इस बीच जागो पार्टी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके एवं शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के महासचिव हरविंदर सिंह सरना की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को दिल्ली के उपराज्यपाल एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक ज्ञापन भी सौंपा। सरना के मुताबिक नौकरी देने का मामला सरकारों ने कभी उठने ही नहीं दिया। लंबी लड़ाई के बाद अब जाकर रास्ता साफ हुआ है। इसमें जो परिवार बचे हैं उनमें से एक सदस्य को नौकरी मिलना तय है। मंजीत सिंह जीके के मुताबिक सरकार इसके लिए रिकार्ड एकत्र कर रही है। बहुत जल्द नौकरी के लिए आवेदन निकलेगा और जो भी पात्र लोग होंगे, उन्हे नोकरी दी जाएगी।
हरविंदर सिंह सरना के मुताबिक 1984 के सिख विरोधी दंगा पीडि़त 114 परिवारों को जल्दी ही उनकी बकाया रहती एक्स ग्रेशिया मुआवजा भी राशि मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि दंगा पीडि़त परिवारों को नौकरी देने का मामला पूरे देश भर में लागू होगा, जहां-जहां सिख दंगों में लोग मारे गए थे। इस मौके पर शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना, दिल्ली कमेटी के सदस्य परमजीत सिंह राणा, जागो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डा. परमिंदर पाल सिंह, पीडि़त परिवारों के सदस्य मौजूद रहे।