–सजा दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से करेंगी सिफारिश, मिलेगी सजा
–1984 सिख दंगों की याद में विचार गोष्ठी आयोजित
–मोदी सरकार बनने के बाद दंगा पीडि़तों की सुनवाई हुई : लेखी
नई दिल्ली /अदिति सिंह : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सिख प्रकोष्ठ की ओर से आज यहां 1984 सिख विरोधी दंगों की याद में एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें मुख्य वक्ता के तौर पर केंद्रीय मंत्री एवं दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी मौजूद रहीं। गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस द्वारा सुनयोजित 1984 में बेकसूर सिखों के कत्लेआम को न भूलेंगे न माफ करेंगे।
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांगे्रस सरकारों ने इस मसले को हर समय दबाने का काम किया है। जब-जब भाजपा की सरकारें बनी, तब फाइल को नये सिरे से शुरू किया गया। लेखी ने सिखों को भरोसा दिया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सिफारिश करेंगी कि कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ऊपर भी जल्द कानूनी शिकंजा कसते हुए कार्रवाई करें, ताकि उन्हें भी फांसी की सजा मिल सके। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस सरकारों में जितने भी जांच आयोग बनाए, सबने मामले को दबाने का काम किया। लेकिन, 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद सिख दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। 14 नवम्बर 2014 को नई एसआईटी बनी और जांच के बाद सज्जन कुमार को जेल की सलाखों में भेजा गया, और सख्त से सख्त सजा दिलाई गई। इसके अलावा मोदी सरकार ने ही 1984 सिख दंगा पीडि़त परिवारों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा सिख सैल के संयोजक कुलविंदर सिंह बंटी ने की। उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आर. पी. सिंह, भाजपा नेता राजीव बब्बर, गुरमीत सिंह, चरणजीत सिंह लवली, सुखपरीत मलहोत्रा, जगदीप सिंह कोहली, धर्मेंद्र सिंह चहल, कुलजीत कौर, हरबख्शीश सिंह, नरेन्द्रजीत सिंह, राजविंदर कौर, प्रिती सिंह, परमजीत कौर, राजेन्द्र सिंह आहलूवालिया, गुरप्रीत सिंह, अजीत सिंह, फतेह रविन्द्र सिंह, मंजीत सिंह, परमिंदर सिंह, अमरजीत सिंह, अमर रिचाली सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।