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Friday, September 29, 2023

DSGMC : गुरुद्वारा कमेटी प्रबंधन पर लटकी तलवार, 21 सदस्यों ने ठोंकी ताल

-DSGMC का तुरंत जनरल हाउस बुलाने की मांग, महासचिव को सौंपा पत्र
-अमिताभ बच्चन से चंदा लेने पर घिरे सिरसा के खिलाफ सभी विपक्ष एकजुट
-सिरसा पर दर्ज 2 एफआईआर और अमिताभ मामले पर हो चर्चा

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल: फिल्म अभिनेता अभिताभ बच्चन से चंदा लेकर घिरी दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और उसके प्रबंधकों के खिलाफ 3 विपक्षी दलों एवं निर्दलीय सहित 21 कमेटी के सदस्यों ने ताल ठोक दी है। कमेटी के 21 सदस्यों ने तुरंत जनरल हाउस बुलाने का दबाव बनाते हुए कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ दर्ज हुए 2 एफआईआर पर भी चर्चा करने की मांग की है। इस बावत आज बुधवार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव हरमीत सिंह कालका को पत्र लिखकर तुरंत जनरल हाउस बुलाने को कहा है। कमेटी के जनरल मैनेजर धर्मेंद्र सिंह को कमेटी दफ्तर में सौंपे ज्ञापन में कमेटी सदस्यों ने प्रबंधकों को 14 दिन में जनरल हाउस बुलाने का दबाव बनाया। साथ ही जनरल हाउस गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब परिसर की जगह किसी और जगह बुलाने की सलाह भी दी हैं।
DSGMC : गुरुद्वारा कमेटी प्रबंधन पर लटकी तलवार, 21 सदस्यों ने ठोंकी ताल

कमेटी सदस्यों की इस कवायद से दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आम चुनावों से ठीक पहले मौजूदा कमेटी प्रबंधकों पर अविस्वास की तलवार लटक गई है। साथ ही इसे सीधे तौर पर कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ चुनौती माना जा रहा है।  क्योंकि मौजूदा समय में वहां कोविड सेंटर चल रहा है, इसलिए एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। कमेटी महासचिव द्वारा 14 दिनों के निर्धारित समय में जनरल हाउस ना बुलाने पर उक्त सदस्यों ने कमेटी के जोखिम, खर्च तथा जिम्मेदारी पर खुद जनरल हाउस बुलाने की चेतावनी भी दी है।
यहां बता दें कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी एक्ट 1971 के अनुसार 17 सदस्य अपने दस्तखत वाले पत्र के जरिए कमेटी महासचिव से कभी भी जनरल हाउस बुलाने की मांग कर सकते हैं। लेकिन, आज सौंपे पत्र में 20 सदस्यों के तथा साथ में नत्थी एक अन्य पत्र में 1 सदस्य के दस्तखत मौजूद हैं। दिल्ली कमेटी को दिए गए इस ज्ञापन की प्रति दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय को भी जमा करवाई गई है।
जनरल हाउस बुलाने के लिए दिए गए एजेंडे में कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा पर भ्रष्टाचार मामले में हुई 2 एफआईआर तथा अमिताभ बच्चन के द्वारा दिए गए चंदे पर चर्चा करवाने की अपील की गई है। पत्र पर दस्तखत करने वालों में जागो, शिरोमणी अकाली दल दिल्ली, पंथक अकाली लहर पार्टी सहित निर्दलीय सदस्य भी शामिल हैं। इनमें मनजीत सिंह जीके, कुलवंत सिंह बाठ, हरिंदर पाल सिंह, गुरमीत सिंह शंटी, हरमनजीत सिंह, परमजीत सिंह राणा, तरविंदर सिंह मारवाह, चमन सिंह, करतार सिंह चावला, सुखबीर सिंह कालरा, बलदेव सिंह रानीबाग, हरजिंदर सिंह, इन्द्रमोहन सिंह, मनमोहन सिंह, कुलतारण सिंह, हरजीत सिंह जीके, स्वर्ण सिंह बराड़, शिवचरण सिंह लांबा, मलकिंदर सिंह, महिन्द्र सिंह भुल्लर तथा जतिंदर सिंह साहनी शामिल हैं।
इस बावत दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। कमेटी के महासचिव हरमीत सिंह कालका ने कहा कि इस समय चुनाव आचार संहिता लगी है, लिहाजा विरोधियों के जनरल हाउस बुलाने की मांग करने का केाई औचित्य नहीं है।

हर 15 दिन में होना चाहिए जरनल हाउस, महीनों से नहीं हुआ

बता दें कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी की पिछले काफी लंबे समय से कार्यकारिणी की बैठक भी नहीं हुई है। जबकि नियम के अनुसार हर 15 दिन के बाद कार्यकारिणी की बैठक बुलाना आवश्यक है। अब मामला इतना बढ़ गया है कि विरोधी सदस्यों ने प्रबंधन के खिलाफ मनमानी का आरोप लगाकर जनरल हाउस बुलाने की मांग की है। एक तरफ कमेटी के आम चुनाव कोरोना महामारी की वजह से स्थगित हो चुके हैं, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू है, इस बीच कमेटी प्रबंधकों के द्वारा लगातार कोरोना महामारी से संगतों को राहत दिलाने के लिए किए जा रहे कार्य विवाद में पड़ रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा मामला अमिताभ बच्चन के द्वारा दी गई करीब 12 करोड़ के चंदे का है, जिसे कमेटी प्रबंधन ने माना भी है कि अमिताभ बच्चन से इतनी बड़ी रकम आई है। 1984 सिख दंगों में अमिताभ बच्चन की कथित संलिप्पता को लेकर लंबे समय से विवाद चलता रहा है। लेकिन आम चुनाव से ठीक से ठीक पहले कमेटी अब इस मामले में घिर गई है।

मौजूदा कार्यकाल 14 मार्च को हो चुका है खत्म
बता दें कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की मौजूदा कार्यकारिणी का कार्यकाल 14 मार्च 2021 को समाप्त हो चुका है। नये कार्यकरणी के अस्तित्व में आने में समय लगेगा। कमेटी के 5 पदाधिकारियों में से वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीबी रंजीत कौर की सदस्यता अदालत ने रद कर दी है। जबकि कनिष्ठ उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह बाठ इस्तीफा देकर कमेटी से बाहर जा चुके हैं। हालांकि बाठ का इस्तीफा अभी तक जनरल हाउस में स्वीकार नहीं हुआ है।

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