नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर घेराबंदी करते हुए जोरदार हमला बोला है साथ ही आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकार है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा एवं दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जो लोग कहते थे कि हम ईमानदार हैं, वही भ्रष्टाचार कर रहे हैं। भ्रष्टाचार को खत्म करने के उनके पुलिंदे जनता के सामने आ चुके हैं। यही इनकी असली कहानी है। दिल्ली में भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन चलाकर कार्रवाई करने का दावा करने वाले खुद भ्रष्टाचार में शामिल हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि सादगी की बात करने वाले अपने लिए करोड़ों रुपये का स्वीमिंग पुल बनवा रहे हैं। दिल्ली के तथाकथित कट्टर ईमानदार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी एवं मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन की पांच करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया गया। यह फर्जी कंपनियों के नाम पर हवाला कारोबारियों से उन्होंने खरीदी थी।
—भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन चलाकर खुद भ्रष्टाचार में शामिल
—केजरीवाल के करीबी मंत्री सत्येंद्र जैन की गडबडी उजागर, कार्रवाई नहीं
—जल बोर्ड एवं डीटीसी बसों की खरीद में लाखों का घोटाला : भाजपा
उन्होंने आरोप लगाया कि हवाला कारोबारियों से 16.38 करोड़ रुपये के लेन-देन का खुलासा होने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से बर्खास्त नहीं किया। जबकि हवाला कारोबारियों ने खुद माना है कि उन्होंने सत्येंद्र जैन को 16.38 करोड़ रुपये दिए हैं। उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन ने किसी को मोहरा बनाकर काम नहीं किया बल्कि स्वयं हवाला कारोबारियों से सीधे संपर्क में रहकर अपनी शेल कंपनियों को चलाते रहे। शेल कंपनियों के पते को अनधिकृत कॉलोनियों पर दिखाए गए, जिससे उनकी काली करतूत पर किसी का ध्यान न जाए और वे करोड़ों रुपये की गाढ़ी कमाई करते रहें।
दिल्ली के कट्टर ईमानदार मुख्यमंत्री केजरीवाल जी के मित्र और दिल्ली सरकार के मंत्री सतेंद्र जैन की 5 करोड़ की संपत्ति जो कि फर्जी कंपनियों के नाम पर हवाला कारोबारियों से उन्होंने खरीदी थी उसको जब्त कर लिया गया।
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तीन शेल कम्पनियों के माध्यम से सत्येंद्र जैन ने दिल्ली में सैकड़ों बीघा जमीन खरीदा और फिर उसे महंगे दामों पर बेचा। चूंकि सत्येंद्र जैन पीडब्ल्यूडी विभाग देखते हैं, उन्हें पहले पता होता था कि कहाँ सड़कें बनेंगी, कहाँ सीवर डलेगी और कहाँ पानी की लाइनें दी जायेंगी, इसलिए वे पहले सस्ते में जमीन खरीदते थे और जमीन का विकास होने के बाद उसे महंगे दाम पर बेच देते थे। सत्येंद्र जैन का यह खेल वर्षों से चल रहा था। जांच एजेंसियों ने उनकी जमीनें जब्त भी की हैं और कार्रवाई भी की है लेकिन तमाम भ्रष्टाचार के बावजूद अरविन्द केजरीवाल ने अपने मंत्री को अब तक नहीं हटाया।
भाजपा नेताओं ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के 60,000 करोड़ रुपये के खर्च का हिसाब अब तक दिल्ली सरकार ने नहीं दिया है। पिछले सात साल में सीएजी ने दिल्ली जल बोर्ड को 22 पत्र लिखे लेकिन दिल्ली सरकार न तो हिसाब दे रही है और न ही कोई जवाब दे रही है। अपने आखिरी पत्र में सीएजी को यह लिखना पड़ा कि जवाब नहीं देने का मतलब यह है कि दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार किया है। इसी तरह डीटीसी की बसों की खरीद में भी जम कर घोटाला हुआ। 1,000 बसें 975 करोड़ रुपये में केजरीवाल सरकार द्वारा खरीदी गई और मेंटिनेंस का अलग बोर्ड बना कर 3,500 करोड़ रुपये खर्च किया गया जबकि नई बसों की खरीद में मेंटिनेंस भी शामिल होता है। शराब माफिया के साथ भी केजरीवाल सरकार ने गंठबंधन कर भारी भ्रष्टाचार किया है। बार-बार भ्रष्टाचार के बावजूद कथित ईमानदार मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपने किसी भी मंत्री को नहीं हटाया।
Press conference by Dr. @sambitswaraj and Shri @adeshguptabjp at party headquarters in New Delhi.
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बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल रोज प्रेस कांफ्रेंस करके कहते थे कि हम भ्रष्टाचार समाप्त कर देंगे। हेल्पलाइन नंबर से कुछ नहीं हुआ, किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। केजरीवाल की रणनीति है- कुछ नहीं करना, केवल जिक्र करना और जिक्र का फिक्र करना।
डॉ पात्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी का सरकार के रुप में दिल्ली में पहला कार्यकाल 28 दिसंबर 2013 से 14 फरवरी 2014 तक का रहा। 8 जनवरी 2014 को एक भ्रष्टाचार विरोधी एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर अरविंद केजरीवाल ने स्वयं लांच किया था। यह हेल्पलाइन नंबर 011-27357169 था। इस एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर को लेकर ये दावा किया गया था कि हजारों फोन कॉल इस नंबर पर आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी का दूसरा कार्यकाल 2015-2020 तक था। अप्रैल 2015 को पुन: एक नव गठित हेल्प लाइन लांच किया गया – 1031 जो दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग के अंतर्गत था और इस पर आने वाले कॉल एंटी करप्शन ब्यूरो, जो उस समय सतर्कता विभाग के अंतर्गत था, को भेजा जाना था। ठीक इसके बाद, केजरीवाल सरकार ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कुछ आंकड़े रखे कि हेल्पलाइन नंबर 1031 पर भ्रष्टाचार विरोधी कुल 1 लाख 25 हजार कॉल्स आए हैं और ये कॉल्स कुछ विभागों- एमसीडी, पुलिस, परिवहन विभाग और दिल्ली जल बोर्ड से सम्बंधित थे। आम आदमी पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा गया कि इन कॉल्स के आधार पर 152 अधिकारियों को निलंबित और 35 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि सूचना के अधिकार के तहत दिल्ली पुलिस से इस संबंध में जानकारी मांगी गई तो पाया गया कि 1031 पर मात्र 282 कॉल्स आए और 7 केस दर्ज हुए। 20 अप्रैल 2015 को एसीबी के स्पेशल पुलिस कमिश्नर ने कहा कि 1031 पर अधिकतम 451 शिकायतें सामने आयीं और मात्र 11 मामले दर्ज हुए। बाद में यह नंबर बंद हो गया और कोविड हेल्पलाइन नंबर में इसे परिवर्तित कर दिया गया। फिलहाल यह नंबर अभी भी बंद है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उस समय के जो एसीबी अधिकारी थे, उन्होंने कहा कि जितने भी कॉल 1031 पर आए, उनका कोई भी रिकॉर्ड नहीं है क्योंकि दिल्ली सरकार ने निजी स्वयंसेवकों को इस सेवा में रखा गया था जिन्हें पता ही नहीं था कि इसे कैसे हैंडल किया जाए।