—बूथ स्तर पर महिलाओं को अपने साथ जोड़ेगी बीजेपी, गठित होंगी कमेटियां
—भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक में योगी आदित्यनाथ ने बढाया हौंसला
—महिला संगठनों द्वारा महिला कल्याण की विभिन्न योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाया जाए
लखनऊ /टीम डिजिटल : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में महिला मोर्चा का गठन होने के बाद इतनी बड़ी संख्या में महिला कायकत्रियां उपस्थित हुई हैं। वास्तव में आधी आबादी का प्रतिनिधित्व कैसे होना चाहिए, भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा को उसका आदर्श बनना चाहिए। महिला मोर्चा के पास बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। बूथ स्तर पर महिलाओं को अपने साथ जोड़ना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि बूथ जीता को चुनाव जीता तो पार्टी बूथ जीतने के साथ चुनाव जीतने के लक्ष्य को स्वतः ही प्राप्त कर लेगी। इस दिशा में हमें प्रयास प्रारम्भ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला मोर्चा संगठन को मण्डल स्तर, जिला स्तर, बूथ स्तर पर कमेटियां गठित करे, जिससे एक बेहतरीन संगठन की परिकल्पना को आप लोग साकार करते हुए आगे बढ़ सकेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला न्यायाधीश नियुक्त हुई हैं, जो प्रधानमंत्री जी की दीर्घकालिक सोच को स्पष्ट करता है। प्रधानमंत्री जी के कार्यकाल में ही सबसे अधिक संख्या में महिलाएं राज्यपाल पद की जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही हैं। आज देश का वित्त मंत्रालय एक सशक्त महिला के हाथ में है। एयर स्ट्राइक की कार्यवाही का सफलतापूर्वक संचालन एक महिला रक्षा मंत्री के द्वारा ही किया गया था। विदेश मंत्री के रूप में श्रीमती सुषमा स्वराज के नेतृत्व को देश ने देखा है। लोक सभा के स्पीकर के रूप में सुमित्रा महाजन ने किस प्रकार देश व संसद को नेतृत्व प्रदान किया है, यह हम सबके सामने है। स्वाभाविक रूप से नेतृत्वकर्ता के रूप में महिलाएं होंगी।
तीन तलाक की कुप्रथा से महिलाओं को मुक्त किया
प्रधानमंत्री मोदी ने जब देश के सामने इस प्रकार का एजेण्डा प्रस्तुत किया तो देखते ही देखते भारत की तस्वीर बदलती हुई दिखायी दी। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का अभियान रहा हो या फिर आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं के द्वारा किए जा रहे नेतृत्व का मामला हो। तीन तलाक की कुप्रथा से सैकड़ों वर्षों से भारतीय नारी तड़प रही थी। तीन तलाक की कुप्रथा से महिलाओं को मुक्त करने का काम प्रधानमंत्री जी ने किया। हमारा दायित्व बनता है कि हम उस सभी बहनों को अपने साथ जोड़ें, जिन्हें इस प्रकार की कुप्रथा व रूढ़िवादिता से मुक्ति दिलाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जाए तथा राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को सुनिश्चित करें।
1537 थानों, 350 तहसीलों में महिलाओं के लिए हेल्प डेस्क स्थापित
उत्तर प्रदेश के सभी 1537 थानों और 350 तहसीलों में महिलाओं के लिए हेल्प डेस्क स्थापित किये गये हैं। जहां वह अपनी समस्याओं को महिला अधिकारी के सम्मुख सही रूप में रख पा रही हैं। उस महिला पुलिस अधिकारी को एक तय समय का उस समस्या का निराकरण करना होगा। मिशन शक्ति के अगले चरण में प्रदेश सरकार ने महिला बीट अधिकारियों की नियुक्ति को आगे बढ़ाया है। हेल्पलाइन 1090 के माध्यम से महिलाएं अपनी सुरक्षा सम्बन्धी शिकायत दर्ज करा सकती हैं तथा पुलिस की पीआरवी 112 उनकी सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर है। इसके लिए प्रदेश में 4600 से अधिक वाहन कार्यरत हैं। यदि कोई महिला घरेलू हिंसा से परेशान है तो हेल्प लाइन 181 के माध्यम से सुरक्षा प्राप्त कर सकती हैं। इसके अलावा आईजीआरएस व मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 आपकी सुरक्षा व सेवा के लिए तत्पर है।
पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की है। आज प्रदेश में 30 हजार महिला पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि पहले महिला पुलिसकर्मियों को फील्ड की ड्यूटी नहीं दी जाती थी। वह फील्ड में जाकर पुरुषों के समकक्ष कार्य करना चाहती थी। लेकिन उन्हें काम नहीं दिया जाता था। प्रदेश सरकार ने इस मानसिकता को बदलते हुए इन महिला पुलिसकर्मियों को गांव में बीट अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी दी है। वह स्थानीय स्तर पर महिलाओं की समस्याओं के निराकरण में कार्य कर रही हैं। उन्हें शासन की योजनाओं की जानकारी प्रदान करने के कार्य से भी जोड़ा जाए। महिला संगठनों द्वारा विभिन्न महिला कल्याण की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाया जाए तथा सम्मान के साथ आधी आबादी को आगे बढ़ाया जाए।
छोटे कारोबार में भी महिलाएं बढ रही हैं आगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई विभाग द्वारा एक जनपद एक उत्पाद योजना संचालित की जा रही है। यह योजना महिलाओं के स्वावलम्बी बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही हैं। लखनऊ में चिकन जरदोजी के कार्य में महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। भदोही के कालीन उद्योग में ज्यादातर महिलाएं कार्यरत हैं। प्रदेश के ग्राम्य विकास विभाग व नगर विकास विभाग द्वारा क्रमशः ग्रामीण आजीविका मिशन व शहरी आजीविका मिशन योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षित करने, रिवाल्विंग फण्ड प्रदान करते हुए उनके स्वावलम्बन के कार्य किये जा रहे हैं। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र की लगभग 52 लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं तथा उन्हें रिवाल्विंग फण्ड उपलब्ध कराया जा चुका है। बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा संचालित पुष्टाहार कार्यक्रम का संचालन वर्तमान में स्वयं सहायता समूहों द्वारा ही किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को स्वावलम्बन के साथ जोड़ा है।
चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में महिला आरक्षण की मांग होती रही है। देश में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में महिलाओं के आरक्षण का प्राविधान है। उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न पंचायत चुनावों में जिला पंचायत अध्यक्षों व ब्लाॅक प्रमुखों में महिलाओं की भागीदारी 54 प्रतिशत व 56 प्रतिशत रही है, जिससे स्पष्ट होता है कि चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। यह भागीदारी आरक्षण के प्राविधान से भी अधिक है। आज पंचायतें आर्थिक रूप से सशक्त हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार के नेतृत्व में स्थानीय निकाय के चुनाव सम्पन्न हुए थे, जिसमें महापौर, नगरपालिका अध्यक्ष व नगर पंचायत अध्यक्ष के रूप में भी महिलाओं ने बहुत अच्छा नेतृत्व किया था। महिला संगठन को इन सभी महिलाओं को पार्टी के साथ सक्रिय रूप से जोड़ना होगा तथा समाज को एक यशस्वी नेतृत्व प्रदान करना होगा।