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Thursday, May 15, 2025

Haryana: विकास परियोजनाओं को पंख लगाने के लिए CM सैनी का तोहफा

फरीदाबाद /अदिति सिंह: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Haryana Chief Minister Naib Singh Saini) ने कहा कि फरीदाबाद में जलापूर्ति बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे की स्थापना सुनिश्चित करें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मिर्जापुर जोन में सीवरेज संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए 20 एमएलडी का नया एसटीपी भी बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने यह बात आज फरीदाबाद में आयोजित फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (Faridabad Metropolitan Development Authority) की छठी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक के दौरान बुनियादी ढांचे और नागरिक सुधार की गति को तेज करने के लिए लगभग 773.24 करोड़ रुपये के विकास बजट को मंजूरी दी गई। बैठक में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री राजेश नागर, बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक मूलचंद शर्मा, एनआईटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतीश फागना, बडख़ल विधानसभा क्षेत्र के विधायक धनेश अदलखा व फरीदाबाद के मेयर प्रवीण बत्रा जोशी भी मौजूद रहे।

—मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एफएमडीए का 773.24 करोड़ रुपये के बजट को दी मंजूरी
—यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र में भूजल रिचार्ज के लिए वाटर बॉडी बनाने का प्रस्ताव मंजूर
—एनआईटी और बड़खल विधानसभा क्षेत्रों में जलापूर्ति क्षमता में होगी वृद्धी
—मिर्ज़ापुर में नए 20 एमएलडी एसटीपी निर्माण को मंजूरी
—, मुजेसर, अनाज मंडी और हरि विहार में मौजूदा पंपिंग स्टेशन होंगे अपग्रेड

—माइक्रो एसटीपी लगाने को मंजूरी, पार्कों व इंडस्ट्री में उपचारित जल के पुनः उपयोग पर जोर
—पब्लिक फीडबैक से अधिकारियों की रेटिंग होगी तय

—नोडल विभाग बनाकर अतिक्रमण पर होगी कार्रवाई
—क्वालिटी व टाइमलाइन के साथ काम करेंगे अधिकारी

विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। एफएमडीए की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को सार्वजनिक सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को और बेहतर बनाने के लिए सीसीटीवी निगरानी परियोजना के तीसरे चरण से पहले दूसरे चरण के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। शहर में सीवरेज व्यवस्था में सुधार के लिए मुख्यमंत्री ने गांव बादशाहपुर में नए 45 एमएलडी क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और मुख्य पंपिंग स्टेशन (एमपीएस) का तेजी से निर्माण करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने फरीदाबाद में जलापूर्ति बढ़ाने से संबंधित कार्यों की प्रगति की जानकारी भी ली।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को बताया कि मौजूदा जलापूर्ति और वर्ष 2040 की संभावित जलापूर्ति मांग के बीच के अंतर को पूरा करने के लिए मास्टर डेवलपमेंट प्लान 2031 के अनुसार जलापूर्ति बढ़ाने के लिए 2174 करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव पांचवीं बैठक में मंजूरी मिलने के बाद वित्तीय सहायता के लिए एनसीआरपीबी को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
इस दौरान एनआईटी और बड़खल विधानसभा क्षेत्र के अंतिम छोर पर जलापूर्ति की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों की पहचान कर इन क्षेत्रों में 5 नए रैनी वेल, 40 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाने, बूस्टिंग स्टेशन स्थापित करने के माध्यम से पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 253.28 करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव रखा गया। इससे 50 एमएलडी तक जलापूर्ति बढ़ाई जा सकेगी। इस परियोजना को भी मंजूरी दी गई। इसके अलावा एफएमडीए एनआईटी और बड़खल विधानसभा क्षेत्रों के अंतिम छोर के क्षेत्रों में जलापूर्ति बढ़ाने के लिए इंटरमीडिएट बूस्टिंग स्टेशन के निर्माण के लिए फरीदाबाद नगर निगम के अंतर्गत गांव बजरी/गाजीपुर में 5 एकड़ भूमि टेकर ओवर करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे बैठक में मंजूरी दी गई।

मिर्ज़ापुर में नए 20 एमएलडी एसटीपी निर्माण को मंजूरी

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि मिर्जापुर जोन में मौजूदा एसटीपी की वर्तमान क्षमता 80 एमएलडी है। इसे वर्ष 2031 के डेवलपमेंट प्लान के अनुसार 107 एमएलडी के रूप में विकसित किया जाना है। सीवरेज ट्रीटमेंट के इस अंतर को पूरा करने के लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मानकों के अनुसार एसबीआर तकनीक पर एफएमडीए द्वारा 57.30 करोड़ रुपये की लागत से 20 एमएलडी एसटीपी के निर्माण का प्रस्ताव बैठक में रखा गया, जिसे स्वीकृति प्रदान की गई।
इसके अलावा करीब 30-40 साल पहले बिछाई गई मौजूदा सीवरेज प्रणाली की मरम्मत की आवश्यकता को देखते हुए मुजेसर के सेक्टर-3, 4, 24 में इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशनों (आईपीएस) का पुनर्निर्माण और सेक्टर 9, 18, अनाज मंडी व हरि विहार में आईपीएस की मरम्मत के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।

माइक्रो एसटीपी लगाने को मंजूरी

बैठक में उपलब्ध ताजे जल संसाधनों और ग्राउंड वाटर क्षमता के संरक्षण के लिए एफएमडीए 234 पार्कों और 24 सेक्टरों में फैले 349 एकड़ से अधिक ग्रीन बेल्ट एरिया में उपचारित अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग को बढ़ावा देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। साथ ही इंडस्ट्री में भी इस पानी के इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए। इसके तहत 500 केएलडी (प्रत्येक) के 12 माइक्रो एसटीपी विकसित करने का प्रस्ताव है, जो पार्कों और ग्रीन बेल्ट की जल आवश्यकता को पूरा करेगा। इससे लगभग 6 एमएलडी ताजा पानी की बचत होगी और यह एक स्थायी समाधान प्रदान करेगा।

भूजल रिचार्ज वाटर बॉडी बनाने का प्रस्ताव मंजूर

बैठक में यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र में भूजल रिचार्ज वाटर बॉडी बनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसमें गांव नंगला माजरा चांदपुर की राजस्व संपदा में 20 एकड़ भूमि पर जल निकाय के निर्माण को मंजूरी दी गई, जिसका उपयोग भूजल रिचार्ज के लिए किया जाएगा। इसके अलावा एफएमडीए भारत सरकार की अमृत सरोवर योजना के तहत यमुना नदी के किनारे 50 गांवों में नए तालाब बनाने के लिए आवश्यकता पड़ने पर विकास एवं पंचायत विभाग को वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा। इस दौरान बुढिया नाला में भी ग्राउंड वाटर रिचार्ज करने के विषय पर मंथन किया गया।
पब्लिक फीडबैक से अधिकारियों की रेटिंग होगी तय, नोडल विभाग बनाकर अतिक्रमण पर करें कार्रवाई
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सीवरेज व रिपेयर संबंधी कार्यों के लिए एसओपी बनाने के निर्देश दिए। इससे यह तय होगा कि कौन से विभाग की क्या जिम्मेदारी रहेगी। इसके साथ ही पब्लिक से फीडबैक लेकर अधिकारियों की रेटिंग की जाएगी। जिन अधिकारियों की कार्यप्रणाली संतोषजनक नहीं पाई जाएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने अतिक्रमण की समस्या के निदान के लिए एक नोडल विभाग बनाने के निर्देश दिए, ताकि अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। एमसीएफ में शामिल हुए गांवों में सफाई कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती करने के निर्देश भी दिए गए।
क्वालिटी व टाइमलाइन के साथ काम करें अधिकारी
बैठक के उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जलापूर्ति सुनिश्चित होनी चाहिए। यह राजनीति का मुद्दा नहीं है। जल ही जीवन है और सभी को उनके हिस्से का पानी मिलना चाहिए। आगामी 20 से 30 वर्षों की प्लानिंग के अनुसार विकास कार्य किए जा रहे हैं। इसी तरह राजा नाहर सिहं स्टेडियम के अधूरे पड़े कार्य के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर जांच रिपोर्ट मांगी गई है। जनता के पैसे का सदुपयोग होना चाहिए। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों को भी क्वालिटी व टाइमलाइन के अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने स्टेडियम का अधूरा काम छोड़ने वाले ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जांच के भी निर्देश दिए।

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