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Thursday, April 25, 2024

यूपी में कोरोना संक्रमण की दर में कमी, बेहतर हो रही रिकवरी

— कोविड-19 के खिलाफ जंग को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश
— ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पूरी सक्रियता से टेस्टिंग को जारी रखें
— सभी जनपदों में कोविड बेड की संख्या बढ़ाने की कार्यवाही तेजी से करें
— मृतक के अंतिम संस्कार के लिए शव को नदियों में प्रवाहित न करें

लखनऊ: टीम डिजिटल: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में लगातार आ रही कमी और निरन्तर बेहतर हो रही रिकवरी दर आशाजनक संकेत है। इसके दृष्टिगत उन्होंने ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के लक्ष्य के अनुरूप कोविड-19 के खिलाफ जंग को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री के साथ वर्चुअल उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति पर की गई समीक्षा

मुख्यमंत्री आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 (COVID-19) की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में अवगत कराया गया कि अब प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या दो लाख से कम होकर 1,93,815 रह गई है। विगत 30 अप्रैल को प्रदेश में सर्वाधिक 03 लाख 10 हजार 783 एक्टिव केस थे, जिसके सापेक्ष बीते 14 दिनों में एक्टिव केस की संख्या में लगभग 01 लाख 17 हजार की गिरावट दर्ज हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में टेस्टिंग कार्य की महत्वपूर्ण भूमिका है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पूरी सक्रियता से टेस्टिंग को जारी रखने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि प्रयोगशालाओं की टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की कार्यवाही में तेजी लायी जाए। बैठक में यह जानकारी दी गई कि विगत 24 घंटों में प्रदेश में 2,63,118 टेस्ट किए गए। इसमें 1,21,000 आर0टी0पी0सी0आर0 टेस्ट शामिल हैं। इसी अवधि में 15,747 संक्रमण के नए मामले मिले, जबकि बीते 24 घंटों में 26,179 संक्रमित लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा नीति आयोग ने प्रदेश सरकार के इस अभियान की सराहना की

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से वर्तमान में वृहद जांच अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा नीति आयोग ने भी प्रदेश सरकार के इस अभियान की सराहना की है। उन्होंने निर्देशित किया कि व्यापक जनमहत्व के इस अभियान को आंशिक कोरोना कफ्र्यू की पूरी अवधि में तत्परता के साथ संचालित किया जाए। प्रत्येक लक्षणयुक्त तथा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध व्यक्ति की एंटीजन जांच की जाए। इस कार्य को तेजी से सम्पन्न करने के लिए आर0आर0टी0 की संख्या बढ़ाई जाए।

होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तथा संदिग्ध लक्षणयुक्त लोगों को मेडिकल किट दी जाए

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निगरानी समितियां गांवों में घर-घर भ्रमण कर लोगों की स्क्रीनिंग का कार्य कर रही हैं। यह समितियां होम आइसोलेशन (Home isolation) में रह रहे मरीजों तथा संदिग्ध लक्षणयुक्त लोगों को आवश्यकतानुसार मेडिकल किट वितरित करती हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल किट वितरण की व्यवस्था की सतत निगरानी की जाए। निगरानी समितियां जिन्हें मेडिकल किट दे रही हैं, उनका नाम और फोन नम्बर इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आई0सी0सी0सी0) को उपलब्ध कराएं। आई0सी0सी0सी0 इसका सत्यापन करे। इसके अतिरिक्त, जिलाधिकारी के माध्यम से इस विवरण की एक प्रति स्थानीय सांसद तथा विधायकगण को उपलब्ध कराया जाए, ताकि यह जनप्रतिनिधिगण मेडिकल किट प्राप्त कर स्वास्थ्य लाभ कर रहे लोगों से संवाद कर सकें। इससे व्यवस्था का क्रॉस वेरिफिकेशन भी हो सकेगा।

18 जनपदों में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों का किया जा रहा टीकाकरण 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड प्रबंधन में निगरानी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका। इन समितियों द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्य का उल्लेख करते हुए उन्होंने इस व्यवस्था को और प्रभावी बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए बेहतर मॉनीटरिंग की आवश्यकता है। इस कार्य के लिए प्रत्येक जनपद में सचिव अथवा उससे उच्च स्तर के एक अधिकारी को नामित किया जाए। इसी प्रकार न्याय पंचायत स्तर पर जनपद स्तरीय अधिकारियों को सेक्टर प्रभारी के रूप में तैनात किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन अभियान (Covid Vaccination Campaign) सुचारु ढंग से संचालित किया जा रहा हैं। वर्तमान में 18 जनपदों में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग का टीकाकरण किया जा रहा है। इसके अगले चरण में आगामी सोमवार से प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर भी इस आयु वर्ग का टीकाकरण प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने टीकाकरण की कार्यवाही में कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन किये जाने पर बल दिया।

अस्पतालों में 18,000 और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 11,226 बेड बढ़ाये गए

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि सभी जनपदों में कोविड बेड की संख्या बढ़ाने की कार्यवाही तेजी से की जाए। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से इस कार्य की दैनिक समीक्षा करने की अपेक्षा की। बैठक में अवगत कराया गया कि इस वर्ष मार्च से अब तक स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में 18,000 और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 11,226 बेड बढ़ाये गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लागू की गई ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग (Online oxygen tracking) प्रणाली की सराहना नीति आयोग द्वारा की गई है। सभी जनपदों में ऑक्सीजन की अनवरत उपलब्धता बनाए रखने के प्रभावी प्रयास जारी रखे जाएं। होम आइसोलेशन में उपचाराधीन मरीजों को ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार जिस भी मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत हो, उसे ऑक्सीजन जरूर उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने सभी जनपदों को उपलब्ध कराए गए वेंटीलेटर तथा ऑक्सीजन कंसेंट्रटर को क्रियाशील रखने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग अभियान पूरी सक्रियता से संचालित किया जाए।यह कार्य कोविड से बचाव के साथ साथ विभिन्न संचारी रोगों से भी सुरक्षित रखने में भी उपयोगी होगा। अभियान में किये गए कार्यों का दैनिक विवरण स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराया जाए, ताकि वे भी इस संबंध में आमजन से फीडबैक प्राप्त कर सकें।

स्वच्छ पर्यावरण के मद्देनजर किसी भी दशा में शवों को जल में प्रवाहित न करें का दिया निर्देश

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता एवं स्वच्छ पर्यावरण के महत्व के संबंध में लोगों को सतत जागरूक किया जाए। नदियों को स्वच्छ और निर्मल रखना सभी का दायित्व है। केंद व राज्य सरकार नदियों को स्वच्छ रखने के लिए विशेष योजनाएं संचालित कर रही हैं। किसी भी मृतक के अंतिम संस्कार के लिए शव को जल में प्रवाहित करना पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। इस संबंध में धर्मगुरुओं से संवाद स्थापित करते हुए, लोगों को जागरूक करने में उनका सहयोग प्राप्त किया जाए। एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की जल पुलिस नाव से सभी नदियों में सतत पेट्रोलिंग करती रहें। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में शवों को जल में प्रवाहित न किया जाए, क्योंकि नदी में शव प्रवाहित करने से वह प्रदूषित होती है। संबंधित ग्राम पंचायतों तथा शहरी निकायों के पदाधिकारियों द्वारा लोगों को जागरूक करते हुए बताया जाए कि वे किसी स्थानीय परंपरा के तहत शव का जल प्रवाह न करें। इस संबंध में गृह विभाग, नगर विकास विभाग, ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज विभाग मिलकर कार्ययोजना बना कर ऐसी परंपराओं पर प्रभावी रोक लगाएं।

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