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Friday, September 29, 2023

अनाथ बच्चों को दशमेश सोसायटी लेगी गोद, नर्सरी से 12वीं तक कराएगी फ्री पढाई

-दिल्ली की दशमेश एजुकेशन सोसायटी ने लिया बड़ा फैसला
-स्कूल की यूनीफार्म एवं पुस्तकें भी स्कूल की तरफ से मुफ्त में दी जाएगी
-सोसायाटी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखा पत्र

नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : 1984 सिख दंगों का दंश झेल चुके एक सिख परिवार ने कोरोना महामारी के चलते चपेट में आए परिवारों के बच्चों की मदद के लिए बड़ा ऐलान किया है। कोरोना महामारी में जिनके माता-पिता दोनों नहीं रहे, उनके बच्चों को नर्सरी से लेकर 12वीं तक की पूरी पढ़ाई का जिम्मा उठाया है। पढ़ाई के साथ स्कूल यूनीफार्म, किताब-कॉपी सहित सभी सामान स्कूल प्रबंधन की ओर से मुफ्त में दिया जाएगा। यह सबकुछ दशमेश एजुकेशन सोसायटी के तहत किया जाएगा, जिसके दिल्ली में दो स्कूल एवं गाजियाबाद में एक पब्लिक स्कूल संचालित हो रहा है। इसको लेकर सोसायटी के चेयरमैन सरदार बलबीर सिंह विवेक विहार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एवं विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को एक भावुक पत्र लिखा है। साथ ही अपील की है कि वह जितने भी अनाथ बच्चे हैं उन्हें भेज सकते हैं।

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दशमेश पब्लिक स्कूल, विवेक विहार, दशमेश पब्लिक स्कूल, वसुंधरा एन्कलेव मयूर विहार एवं दशमेश पब्लिक स्कूल शालीमार गार्डेन, गाजियाबाद में नर्सरी से 12वीं तक की पढाई फ्री कराएंगे।
सोसायटी के मुताबिक जिनके माता-माता का निधन हो गया है उनके बच्चों को फ्री एजुकेशन दिया जाएगा। नर्सरी से 12वीं तक की पढाई फ्री कराएंगे। इसके अलावा अगर किसी परिवार का सिर्फ मुखिया (कमाने वाला) अगर चला गया है तो उसके बच्चों को 50 प्रतिशत पूरी पढाई में छूट दी जाएगी।

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सोसायटी के चेयरमैन बलबीर सिंह ने कहा कि उन्होंने 1984 सिख दंगों का दर्द करीब से देखा है, इसलिए उन्हें अच्छी तरह से पता है कि जिनके माता-पिता दुनिया से चले जाते हैं उनके बच्चों का हाल क्या होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सोसायटी ने फैसला लिया है कि कोविड में मारे गए परिवारों के अनाथ बच्चों की पूरी पढाई वह मुफ्त में किया जाएगा। यह सोसायटी समय-समय पर जरूरत मंदों की मदद के लिए आगे आती रही है। बता दें कि बलबीर सिंह विवेक विहार दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य भी हैं।
बता दें कि कोरोना काल में पिछले डेढ़ सालों से दिल्ली एवं एनसीआर के प्राईवेट स्कूल बिना खुले बच्चों से पूरी फीस वसूल रहे हैं, ऐसे में एक संस्था आगे बढ़कर अनाथ बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाया है।

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