-अदालत ने दिया निर्देश, गुरुद्वारा निदेशालय पहुंचकर साबित करें अपनी योग्यता
–गुरुद्वारा कमेटी में एसजीपीसी के नुमाइंदगी वाली सीट को लेकर बढ़ा विवाद
–हरविंदर सिंह सरना पहुंचे हाईकोर्ट, सिरसा की सदस्यता की योग्यता पर उठाए सवाल
–सरना ने हाईकोर्ट में किया दावा, सिरसा नहीं हैं अमृतधारी
नई दिल्ली/ अदिति सिंह : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में आम चुनाव के बाद कोआप्शन में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के नुमाइंदगी वाली सीट को लेकर बवाल तेज गया है। इस सीट के लिए नामित प्रतिनिधि मनजिंदर सिंह सिरसा को अब धार्मिक परीक्षा से गुजरना पड़ेगा। उन्हें कमेटी में अध्यक्ष बनने से पहले एक नई प्रक्रिया से गुजरना होगा। यह व्यवस्था दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश के तहत हुआ है।
दरअसल 9 सितम्बर को इस मामले में दिल्ली कमेटी सदस्य हरविंदर ङ्क्षसह सरना और सतनाम सिंह खीवा ने कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा की एसजपीसी कोटे से दिल्ली कमेटी की होने वाली नामजदगी पर ऐतराज जताया था। साथ ही गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय में लिखित शिकायत भी दाखिल की।
इसपर गुरुद्वारा चुनाव निदेशक नरिंदर सिंह ने कानूनी राय लेने का हवाला देकर सिरसा की सदस्य के तौर पर कोआप्शन को अगले आदेश तक के लिए टाल दिया। साथ ही निदेशक ने इस मामले में दोनों शिकायतकर्ता सदस्यों को चुनाव अधिकारी जोगिन्दर सिंह के माध्यम से जवाब भेजा और बताया कि एक्ट में शिरोमणि कमेटी के सदस्य की नामजदगी को रोकने के लिए उनके पास अधिकार सीमित है, इसलिए वह भी प्रक्रिया को रोक नहीं सकते। इसके बाद हरविंदर सिंह सरना दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गए और सिरसा की शिरोमणि कमेटी सदस्य के रूप में नामजदगी को रद करने की गुहार लगाई। शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के प्रधान महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने दो चीजों को लेकर एतराज जताया है। पहला, दिल्ली कमेटी एक्ट के सेक्शन-10 में दिल्ली कमेटी सदस्य चुनने की जरूरी योग्यता का सिरसा पालन नहीं कर रहे हैं। जबकि दूसरा आरोप यह लगाया गया कि शिरोमणि कमेटी द्वारा सिरसा को नामजद करते वक्त तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया। हरविंदर सिंह सरना के वकील ने हाईकोर्ट में दावा किया कि मनजिंदर सिंह सिरसा अमृतधारी नहीं हैं और ना ही उन्हें गुरुमुखी पढऩे आती है। जिस पर जस्टिस प्रतीक जालान ने मनजिंदर सिंह सिरसा को निदेशक गुरुद्वारा निदेशालय के सामने पेश होकर सेक्शन-10 के तहत अपनी योग्यता साबित करने को कहा है। लिहाजा अब शिरोमणि कमेटी द्वारा तय की गई नामजदगी के विवाद पर कोर्ट, गुरुद्वारा निदेशक की रिपोर्ट आने के बाद फैसला लेगी। इसके साथ ही दिल्ली कमेटी, एसजीपीसी, डायरेक्टर गुरुद्वारा निदेशालय को अपना जवाब दखिल करने का आदेश दिया है।
सूत्रों के मुताबिक सिरसा को इसी सप्ताह डायरेक्टर गुरुद्वारा चुनाव के यहां पेश होकर साबित करना होगा कि वो डीएसजीपीसी मैंबर बनने की सेक्शन-10 की जरूरी योग्यता पूरी करते हैं ।
इस बीच कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि जो भी मेम्बर है उसका टेस्ट होना चाहिए उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। उनका ही नहीं बल्कि सभी सदस्यों का टेस्ट होना चाहिए। इस व्यवस्था के लिए उन्होंने खुद पहल की थी।