—गुलमर्ग की तरह सैलानियों के लिए खुलेगा सोनमर्ग
—सर्दियों के दिनों में कश्मीर की बर्फीली वादियों में सैर कर पाएंगे देशभर के पर्यटक
—श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर बन रहा है जेड टनल और जोजिला टनल
—सेना को फायदा मिलेगा, कारगिल से लद्दाख तक वर्ष भर आवागमन कर सकेंगे
—भारत—चीन और भारत पाकिस्तान के सीमाओं के निकट है यह क्षेत्र
—नितिन गडकरी आज जेड मोड़ और जोजिला सुरंग का निरीक्षण करेंगे
सोनमर्ग (जम्मू कश्मीर) /टीम डिजिटल: धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर घाटी में गुलमर्ग की तरह अब सोनमर्ग भी पूरे साल सैलानियों के लिए खुल जाएगा। इसके बाद सर्दियों के दिनों में कश्मीर की बर्फीली वादियों में सैर करने वाले देशभर खासकर उत्तर भारत के सैलानियों को घूमने का मौका मिल जाएगा। साथ ही स्थानीय लोगों एवं भारतीय सेना और सैन्य वाहनों के लिए भी सफर आसान हो जाएगा। यह सब कुछ श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर बन रहे जेड टनल और जोजिला टनल के बनने से संभव होगा। जेड मोड़ टनल के आंशिक रूप से खुल जाने से बारहों महीने आवागमन संभव हो पाएगा। साथ ही सर्दी के मौसम में सोनमर्ग पहुँचना संभव हो सकेगा। अब तक भारी बर्फ़बारी और हिम स्खलन के कारण सर्दियों में सोनमर्ग श्रीनगर से पूरी तरह से कट जाता था। सोनमर्ग के लोग अपने घर छोडकर दूसरी जगह शिफट हो जाते थे, लेकिन अब उन्हें ऐसा नहीं करना पडेगा। अब वह पूरे साल अपने घर और परिवार के साथ रह पाएंगे। इसके अलावा यह इलाका भारत—चीन और भारत पाकिस्तान के सीमाओं के निकट है।
इसलिए यहां यातायात की सुविधाा न होना परेशानी का सबब बन जाता है। जेड मोड़ टनल में आने-जाने के लिए दो अलग-अलग सुरंग बनाई गई है। एक सुरंग की लंबाई 435 किलोमीटर और दूसरी सुरंग की लंबाई 1920 मीटर है। इसके साथ ही इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए एक इस्केप टनल भी बनाया गया है।
केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार को जेड मोड़ टनल का मुआयना करेंगे। साथ ही कश्मीर में विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को राष्ट्र के नाम समर्पित करते हुए इनकी आधारशिला रखेंगे। नितिन गडकरी जेड मोड़ और जोजिला सुरंग की समीक्षा और निरीक्षण करेंगे। एस्केप टनल की लंबाई (खुदाई पूरी) 6.5 किमी है और जेड-मोड़ मेन टनल की लंबाई 6.5 किमी है। जेड-मोड़ टनल सोनमर्ग पर्यटन शहर को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। गडकरी जोजिला और जेड मोड़ टनल का निरीक्षण भी करेंगे, जिससे श्रीनगर और कारगिल (लद्दाख) के बीच ऑल वेदर रॉड शुरू हो सकेगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई, 2018 में इस परियोजना की नींव रखी थी और इसके निर्माण की जिम्मेदारी आईएलएंडएफएस को सौंपी गई थी। लेकिन इस कंपनी के दिवालिया घोषित होने तक पहुंच जाने के कारण 15 जनवरी 2019 को उसका कांट्रेक्ट रद्द कर दिया गया।
2022 में पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा
श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर बन रहे जेड टनल और जोजिला टनल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) जीएस कांबो के अनुसार वैसे तो जेड मोड़ टनल का काम 24 सितंबर को पूरा हो गया है। साथ ही पूरी इसके साथ बनने वाले इस्केप टनल का काम भी जून में पूरा कर लिया गया था। लेकिन इस टनल के को मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाले अप्रोच रोड बनाने का काम अभी चल रहा है। यह 2022 में पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अप्रोच रोड पूरी तरह नहीं बन पाने के बावजूद इसी साल से इस टनल को खोल दिया जाएगा। उनके अनुसार स्थानीय प्रशासन के साथ सलाह-मशविरा करके इसे दिन में कुछ घंटों के लिए खोला जा सकता है। जेड मोड़ के पास पहाड़ियों पर भारी बर्फ़बारी के साथ ही हिम स्खलन भी आम बात है। इसके कारण सर्दियों में पूरा सोनमर्ग बंद हो जाता है। सोनमर्ग और इसके आसपास के गाँव के लोगों को तीन-चार महीने के नीचे सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ता था। लेकिन जेड टनल के आंशिक रूप से खुल जाने से भी यहाँ न सिर्फ़ ज़रूरी सामानों की सप्लाई सुनिश्चित हो जाएगा, बल्कि साथ ही पर्यटकों का पहुँचना भी संभव हो सकेगा। ज़ाहिर है जेड मोड़ टनल सोनमर्ग के विकास की नई इबादत लिखेगा।
जोजिला टनल : श्रीनगर, द्रास, करगिल और लेह पूरे साल रास्ता खुल जाएगा
जोजिला टनल के निर्माण के साथ ही श्रीनगर, द्रास, करगिल और लेह के बीच हर मौसम के लिए रास्ता खुल जाएगा। अभी साल में 6 महीने यह मार्ग बंद होता है। इस टनल का काम पूरा होने के बाद लद्दाख से कश्मीर के बीच दूरी तय करने में तीन घंटे 15 मिनट की कमी आएगी।
जानकारी के मुताबिक 3 हजार मीटर की ऊंचाई पर जोजिला दर्रे के नीचे स्थित है। इसके जरिए न सिर्फ आम लोगों को फायदा मिलेगा बल्कि सेना को भी फायदा मिलेगा क्योंकि तब कारगिल से लद्दाख तक वर्ष भर उनका आवागमन संभव बना रहेगा। श्रीनगर से लेह के रास्ते पर अब बर्फबारी की चिंता खत्म हो जाएगी।
14.15 किमी है जोजिला टनल की लंबाई
जोजिला दर्रा 11578 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीनगर-कारगिल-लेह हाइवे पर स्थित है। इसी से होकर आगे लद्दाख तक जाया जाता है। सर्दियों में जोजिला दर्रा बंद हो जाता है। इसके बंद होने से सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण क्षेत्र लद्दाख सर्दियों में शेष भारत से पूरी तरह कट जाता है। लद्दाख को वर्ष भर शेष भारत से जोड़ने के लिए लगातार मांग होती रही है और अब जल्द ही यह मांग साकार होने जा रही है। यह एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी। यह करीब 6800 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है। जोजिला टनल की लंबाई 14.15 किमी है जबकि एप्रोच रोड की लंबाई 18.63 किमी है। इस प्रकार यह प्रोजेक्ट 32.78 किमी लंबा है।