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Friday, September 13, 2024

हिंदू महासभा ने दी धमकी, हिंदुओं की रक्षा के लिए हमने गांधी को भी नहीं बख्शा

-हिंदू महासभा के एक नेता ने विवादित बयान दे कर खलबली मचा दी

मंगलुरू /नेशनल ब्यूरो : हिंदू महासभा के एक नेता ने कर्नाटक में शनिवार को विवादित बयान दे कर खलबली मचा दी। नेता ने कहा है कि हिंदुओं की रक्षा के लिए हमने गांधी को भी नहीं बख्शा। इसलिए कोई गलतफहमी न पाले। हिंदू महासभा ने भारतीय जनता पार्टी को मंत्रियों को खुली धमकी दे डाली। साथ ही कहा कि गलतफहमी में न रहें कोई।
हिंदू महासभा के इस नेता का नाम धर्मेंद्र है। वह मंगलुरू में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहा था। यह प्रेस कांफ्रेंस यहां ढहाए गए अवैध धार्मिक ढांचों के संबंध में आयोजित की गई थी। इस दौरान हिंदू महासभा नेता ने भाजपा सरकार के नेताओं को खुलेआम चुनौती दे डाली। धर्मेंद ने कहा कि जब हमने हिंदुओं की रक्षा के लिए महात्मा गांधी को नहीं बख्शा तो तुम्हें क्या लगता है हम तुम्हें छोड़ देंगे। उसने कहा, सरकार ने चित्रदुर्गा, दक्षिण कन्नड़ और मैसूर में मंदिरों को ढहा दिया है। कौन चला रहा है सरकार? अगर यह सब कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ होता तो तुम्हें क्या लगता है हालात ऐसे ही रहते? इस नेता ने आगे कहा कि जब तक हिंदू महासभा है, किसी भी हिंदू मंदिर को ढहाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

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हाल ही में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें मैसूर जिला प्रशासन एक मंदिर को ढहा रहा है। यह बयान इसी के बाद आया है। असल में कर्नाटक हाई कोर्ट ने सरकारी जमीनों पर बने अवैध निर्माणों पर सख्ती न करने के लिए सरकार की खिंचाई की थी। इसके बाद मैसूर जिला प्रशासन यह कार्रवाई कर रहा था। 12 अगस्त को हाई कोर्ट ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 29 सितंबर, 2009 के बाद बना कोई भी अवैध धार्मिक निर्माण मान्य नहीं होगा। हिंदू महासभा के इस  नेता ने आगे कहा कि इस अभियान के तहत मस्जिद और चर्च क्यों नहीं ढहाए जा रहे हैं? उसने कहा कि अगर हमारा संविधान समानता के अधिकार की बात करता है तो केवल हिंदू ही क्यों निशाने पर लिए जा रहे हैं? वहीं इस मामले पर जवाब देते हुए कर्नाटक सरकार ने कहा कि उसे मैसूर जिला प्रशासन के मंदिर गिराने की योजना की जानकारी नहीं थी। सरकार ने इस कदम को गलत ठहराते हुए, इस अभियान पर रोक लगाने की बात भी कही। ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने कहा कि सभी डिप्टी कमिश्नर से कहा जाएगा कि वह जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं। सरकार इस पर बैठकर विचार-विमर्श करेगी, इसके बाद उचित दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

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