देहरादून /धीरेंद्र शुक्ला । अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव होंगी । आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में अपनी मंजूरी दे दी है । वर्ष 1988 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी रतूड़ी, सुखबीर सिंह सन्धु का स्थान लेंगी जिनका कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो रहा है । नवंबर, 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड में शीर्ष प्रशासनिक पद पर पहुंचने वाली रतूड़ी पहली महिला हैं। अपने लंबे प्रशासनिक करियर के दौरान रतूड़ी ने अविभाजित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं। उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पति और पत्नी दोनों शीर्ष पदों तक पहुंचे हों ।
— रतूड़ी ने पहले पत्रकारिता में हाथ आजमाया,इंडियन एक्सप्रेस में किया काम
—मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में अपनी मंजूरी दे दी
—वर्ष 1988 बैच की IAS अधिकारी रतूड़ी, सुखबीर सिंह सन्धु का स्थान लेंगी
उनके पति अनिल रतूड़ी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे हैं जो प्रदेश में पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी संभालने के बाद नवंबर 2020 को सेवानिवृत्त हुए । छात्र जीवन से लिखने का शौक रखने वाली रतूड़ी ने पहले पत्रकारिता में हाथ आजमाया । अस्सी के दशक की शुरूआत में कॉलेज पत्रिका के संपादकीय बोर्ड में शामिल रहीं रतूड़ी दो साल तक इसकी संपादक भी रहीं । मुंबई से 1985 में इतिहास में स्नातक की उपाधि लेने के बाद रतूड़ी ने जन संचार का कोर्स किया तथा थोड़े समय के लिए ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार और ‘इंडिया टुडे’ पत्रिका में काम किया । रतूड़ी ने संघ लोकसेवा आयोग की तीन बार परीक्षा दी और तीनों में ही सफल हुईं । पहली बार वह भारतीय सूचना सेवा के लिए चुनी गयीं और उन्हें दिल्ली में तैनाती मिली । उन्होंने 1987 में दूसरी बार फिर परीक्षा दी और भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुनी गयीं। प्रशिक्षण के लिए वह हैदराबाद गयीं जहां वह अपने भावी पति अनिल रतूड़ी से मिलीं । अपने पिता के कहने पर 1988 में उन्होंने एक बार फिर परीक्षा दी और इस बार वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुनी गयीं । रतूड़ी मध्यप्रदेश कैडर की थीं लेकिन शादी के बाद उन्होंने अपना कैडर बदलकर उत्तर प्रदेश कर लिया ।