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Wednesday, September 11, 2024

पूर्वांचल में अखिलेश की साइकिल पर बाबा का बुलडोजर भारी

वाराणसी/ सुरेश गांधी । 18वीं विधानसभा के गठन के लिए मतदान सोमवार को समाप्त हो गया। सातवें चरण में आज पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौ जिलों के 54 सीटों पर वोट डाले गए। छह बजे तक पोलिंग बूथ में पहुंचे मतदाताओं को वोट डालने दिया गया। इसके साथ ही अब सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। पांच बजे तक 54.18 प्रतिशत मतदान हुआ। वाराणसी में 50 प्रतिशत, आजमगढ़ में 52.34, भदोही में 54.26, चंदौली में 59.59 प्रतिशत, गाजीपुर में 53.67, जौनपुर में 53.55, मऊ में 55.04, मीरजापुर में 54.93, सोनभद्र में 56.95 और वाराणसी में 52.79 प्रतिशत मतदान हो गया था। जबकि प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव के सातवें चरण में 61.24 प्रतिशत मतदान हुआ था। लेकिन नतीजों से पहले एग्जिट पोल के नतीजों से साफ है कि यूपी में बीजेपी की लगतार दूसरी बार प्रचंड बहुमत की सरकार बनेगी।
जिले की आठों विधानसभा क्षेत्र में कुल 30 लाख 29 हजार 215 मतदाता मतदान किए। पहली बार 18 से 19 वर्ष के बीच के बने 34,550 मतदाता, 26 हजार 415 दिव्यांग वोटर शामिल हैं। वाराणसी में 58.80 फीसद मतदान शाम छह बजे तक हुआ। जिसमें पिण्डरा में 57.84 फीसदी, अजगरा में 61.82 फीसदी, शिवपुर में 63.48 फीसदी, रोहनिया में 60.34 फीसदी, वाराणसी उत्तरी में 56.82 फीसदी, वाराणसी दक्षिणी में 59.13 फीसदी, वाराणसी कैण्ट में 51.35 फीसदी, सेवापुरी में 61.72 फीसदी, मतदान हुआ है।

—वाराणसी में 50, आजमगढ़ में 52.34, भदोही में 54.26 फीसदी मतदान
— चंदौली में 59.59 फीसदी हुआ मतदान प्रतिशत

अंतिम चरण में पूर्वांचल की धरा पर राजनीतिक योद्धाओं के बीच जबरदस्त जंग हुई। ज्यादातर सीटों पर लड़ाई आमने-सामने की रही। हालांकि कुछ सीटों पर संघर्ष त्रिकोणीय रहा। सातवें दुर्ग में प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर, नीलकंठ तिवारी, रविंद्र जायसवाल, गिरीश यादव, रमाशंकर पटेल, सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर, भाजपा से सपा में आए पूर्व मंत्री दारा सहित चैहान सहित कई दिग्गजों ने मजबूत लड़ाई लड़ी। हालांकि मतदाताओं की कसौटी और खामोशी ने जरूर मैदान में डटे योद्धाओं के माथे पर बल डाल रखा है। नौ जिलों की 54 सीटों पर हुए मतदान में ज्यादातर विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला हुआ है। कुछ सीटों पर बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशी की मजबूत मौजूदगी के चलते लड़ाई त्रिकोणीय हुई है। हालांकि हिंदू मतों में सेंधमारी के साथ मुसलमानों की एकजुटता से सपा भी उम्मीद लगाए बैठी है। भदोही की ज्ञानपुर सीट पर प्रगतिशील समाज पार्टी के विधायक विजय मिश्र प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों से सीधे मुकाबला कर रहे थे। उधर, जौनपुर की मल्हनी में पूर्व सांसद धनंजय सिंह रेस लगाए हुए हैं। चंदौली की सैय्यदराजा में भाजपा के सुशील सिंह और सपा के मनोज सिंह डब्ल्यू के बीच सीधी टक्कर है। मां विंध्यवासिनी धाम वाली मिर्जापुर नगर सीट पर भाजपा के रत्नाकर मिश्र और सपा के कैलाश सोनकर पूरे दिन जीत-हार के बीच संघर्ष करते रहे। मऊ में दारा सिंह चैहान, गाजीपुर की जहूराबाद में सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर, मऊ सदर पर माफिया मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी, आजमगढ़ की फूलपुर पवई सीट पर पूर्व सांसद रमाकांत यादव भी जनता दरबार से उम्मीद लगाए बैठे हैं। नौ जिलों की ज्यादातर सीटों पर मुसलमान एकजुट होकर सपा के पक्ष में दिखाई दिए। गंगा-गोमती और तमसा किनारे वाले इन जिलों में केंद्र और राज्य सरकार के विकास कार्य, काशी विश्वनाथ मंदिर का भव्य स्वरूप, विंध्याचल धाम और राम मंदिर के साथ ही कानून व्यवस्था, बेरोजगारी के मुद्दे के साथ ही जातीय समीकरण मतदान के इर्द-गिर्द घूमते नजर आए।
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र की पांच और वाराणसी जिले की आठ विधानसभा सीटों पर सपा, कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशियों ने भाजपा के दावेदारों से कड़ा मुकाबला किया। पिंडरा विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी डॉ. अवधेश सिंह, पूर्व विधायक अजय राय और बसपा के बाबूलाल पटेल के बीच कड़ा संघर्ष है। सेवापुरी में भाजपा के नीलरतन पटेल और सपा के सुरेंद्र सिंह पटेल के बीच लड़ाई नजर आई। रोहनिया में अपना दल एस के सुनील पटेल, सपा गठबंधन के अभय पटेल और कांग्रेस के राजेश्वर पटेल के बीच लड़ाई दिखी। शिवपुर में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर की राह रोकने के लिए सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर और बसपा के रवि मौर्या जुटते नजर आए। अजगरा में पूर्व विधायक टी राम और सुभासपा के सुनील सोनकर के बीच मतदाताओं की खेमेबंदी दिखी। उत्तरी में भाजपा के रविंद्र जायसवाल और सपा के अशफाक अहमद आमने-सामने की लड़ाई लड़ी। कैंट में सौरभ श्रीवास्तव के खिलाफ पूर्व सांसद कांग्रेस प्रत्याशी राजेश मिश्रा लड़ाई में नजर आए। दक्षिणी में नीलकंठ तिवारी के खिलाफ सपा प्रत्याशी कामेश्वर नाथ दीक्षित मजबूत लड़ाई में हैं।
10 सीटों पर सपा को बढ़त की उम्मीद है। हालांकि भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले बेहतर करती दिखी है। फूलपुर पवई विधानसभा सीट पर सपा प्रत्याशी पूर्व सांसद रमाकांत यादव से भाजपा के रामसूरत राजभर का सीधा मुकाबला है। मुस्लिम बहुल मुबारक सीट पर एआईएमआईएम की मौजूदगी ने मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है। आजमगढ़ विधानसभा सीट पर आठ बार विधायक रहे और सपा सरकार में मंत्री रहे दुर्गा प्रसाद यादव को भाजपा प्रत्याशी अखिलेश मिश्रा गुड्डू ने कड़ी टक्कर दी है। सगड़ी विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हुआ है। यहां भाजपा की वंदना सिंह, सपा के डॉ. एचएन पटेल और बसपा के शंकर यादव के बीच कड़ी टक्कर है।
सपा और बसपा की मजबूत पकड़ वाली सोनांचल की चारों सीटों पर लड़ाई आमने-सामने की है। राबट्र्सगंज सीट पर भाजपा विधायक भूपेश चैबे और सपा के अनिल कुशवाहा के बीच लड़ाई दिखी। इसमें बसपा प्रत्याशी अविनाश शुक्ला के प्रदर्शन पर काफी हद तक परिणाम तय होगा। घोरावल में सपा के रमेश दूबे और भाजपा के अनिल मौर्या आमने-सामने दिखे। ओबरा में राज्यमंत्री संजीव सिंह गोंड के खिलाफ सपा के अरविंद गोंड मतदाताओं के बीच पैठ बनाते नजर आए। दुद्धी में बसपा के हरिराम चेरो और सपा के विजय सिंह गोंड के बीच कड़ा मुकाबला है।
पांच सीटों पर भाजपा और सपा गठबंधन के बीच कड़ा संघर्ष दिखा। ऊर्जा राज्यमंत्री रहे रमाशंकर सिंह पटेल के खिलाफ सपा के रवींद्र बहादुर सिंह पटेल और अपना दल कमेरावादी से अवधेश सिंह पटेल ने लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है। शहर सीट पर रत्नाकर मिश्रा और पूर्व मंत्री कैलाश चैरसिया के बीच मुकाबला बहुत कड़ा है। मझवां में निषाद पार्टी के विनोद कुमार बिंद और सपा के रोहित शुक्ला के बीच सीधा मुकाबला हुआ है। छानबे में अपना दल एस के राहुल प्रकाश के खिलाफ सपा की महिला प्रत्याशी ने लड़ाई को कठिन कर दिया है।
जिले की तीन सीटों में ज्ञानपुर में बाहुबली विधायक विजय मिश्र प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों से सीधा मुकाबला कर रहे हैं। यहां निषाद पार्टी के विपुल दूबे और सपा के राम किशोर बिंद मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। भदोही सीट पर भाजपा के रविंद्रनाथ त्रिपाठी और सपा के जाहिद बेग के बीच मुकाबला है।
जिले की चार विधानसभा सीटों पर सकलडीहा सीट हमेशा से सपा, बसपा और अन्य दलों के लिए ही मुफीद रही है। सकलडीहा सीट पर भाजपा के सूर्यमुनि तिवारी और सपा के प्रभु नारायण यादव के बीच मुकाबला है। सैय्यदराजा में भाजपा के सुशील सिंह और सपा ने पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के बीच सीधी लड़ाई नजर आई। मुगलसराय में त्रिकोणीय मुकाबले की तस्वीर दिखी है। यहां भाजपा से रमेश जायसवाल, सपा से चंद्रशेखर यादव और बसपा के इरशाद बबलू के बीच मतदाता बंटे हुए दिखाई दिए। चकिया सीट पर भाजपा के कैलाश खरवार की सीधी टक्कर सपा के जितेंद्र कुमार से हो रही है।
सपा के साथ चुनावी समर में ताल ठोक रही सुभासपा की अग्निपरीक्षा गाजीपुर की जहूराबाद सीट से होगी। यहां सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ भाजपा के कालीचरन राजभर का मुकाबला दिखा। बसपा की शादाब फातिमा का प्रदर्शन भी दोनों दलों को चिंतित किए है। भाजपा की अलका राय और सपा के मन्नू अंसारी के बीच मतदाता बंटे होने के कारण यहां संघर्ष काफी कड़ा दिखाई दे रहा है।
जिले की ज्यादातर सीटों पर भाजपा और सपा के बीच लड़ाई है। मल्हनी सीट पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह और सपा के लकी यादव के बीच सीधी टक्कर है। बदलापुर में वोटर भाजपा के रमेश चंद्र यादव और सपा के ओम प्रकाश दूबे बाबा के बीच खेमेबंदी किए रहे। शाहगंज में सपा के सिटिंग विधायक व पूर्व राज्यमंत्री शैलेंद्र यादव ललई और निषाद पार्टी के रमेश चंद्र सिंह के बीच टक्कर हुई है। जफराबाद में सुभासपा से पूर्व मंत्री जगदीश नारायण राय और सिटिंग विधायक डा. हरेंद्र प्रसाद में कांटे का मुकाबला हुआ है। मड़ियाहूं में त्रिकोणीय मुकाबला रहा। सपा से सुषमा पटेल, अपना दल एस के डा. आरके पटेल और बसपा के आनंद दुबे के बीच लड़ाई रही। मछलीशहर में भाजपा से मेंहीलाल गौतम और सपा से डा. रागिनी सोनकर के बीच कड़ा मुकाबला हुआ है। केराकत में भाजपा से दिनेश चैधरी, सपा से पूर्व सांसद तूफानी सरोज और बसपा प्रत्याशी डा. लाल बहादुर सिद्धार्थ में त्रिकोणीय मुकाबला रहा।

मऊ : चारों सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की तस्वीर 

चारों सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की तस्वीर बनी है। मऊ सदर में गठबंधन प्रत्याशी अब्बास अंसारी, भाजपा के अशोक सिंह और बसपा के भीम राजभर के बीच जंग हुई। मधुबन में सपा उमेश पांडेय, भाजपा के राम विलास पासवान और बसपा की नीलम कुशवाहा के बीच मतदाता बंटे रहे। मोहम्मदाबाद गोहना में भाजपा की पूनम सरोज, सपा के राजेंद्र कुमार और बसपा के धर्म सिंह गौतम के बीच खींचतान है। घोसी में पूर्व कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चैहान से भाजपा के विजय राजभर और बसपा के वसीम इकबाल के बीच लड़ाई है।

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