नई दिल्ली/ अदिति सिंह। भागीदारी जन सहयोग समिति की ओर से राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में वाईएमसीए टूरिस्ट हॉस्टल (YMCA Tourist Hostel) में नेशनल टीचर्स डे अवार्ड 2024 का आयोजन किया वाईएमसीए टूरिस्ट हॉस्टल में किया गया। इस मौके पर विभिन्न राज्यों से अलग-अलग यूनिवर्सिटीज से दिग्गज हस्तियां शिरकत की। मुख्यअतिथि के रूप में आईपी यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर,गुरु गोविंद सिंह, डॉ. के. के. अग्रवाल रहे। वह वर्तमान में साउथ एशिया यूनिवर्सिटी (South Asia University) के वाइस चांसलर है। इस दौरान अलग-अलग यूनिवर्सिटीज से विविध विभागों के शिक्षाविद, प्रिंसिपल और कई प्राध्यापक उपस्थित हुए जिन्हें बाद में सम्मानित भी किया।
—नेशनल टीचर्स डे अवार्ड 2024 में दिग्गज हस्त्यिों को सम्मानित किया गया
—भागीदारी जन सहयोग समिति की ओर से राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया गया
—मोटिवेशनल स्पीकर भावना अरोरा ‘मिलन’ को मिला राष्ट्रीय सम्मान
गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में दिल्ली पुलिस के स्पेशल पुलिस कमिश्नर रॉबिन हिबू उपस्थित रहे। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को वहाँ सभी के साथ शेयर किया और कहा कि कुछ वर्षों पूर्व तक मुझे लगता रहा कि बेटा घर में होना जरूरी है किंतु अपने आप ही मेरा हृदय परिवर्तन हुआ और मैंने महसूस किया कि बेटियाँ सबसे श्रेष्ठ और योग्य संतान हैं । मैं यह नहीं कहता कि पुत्र अयोग्यता की ओर जा रहे हैं या समाज में इस तरह की जो घटनाएँ हो रही हैं, उसके लिए केवल पुरुष वर्ग ही जिम्मेदार है, किंतु फिर भी मैं बहुत संतुष्ट हूँ कि मेरे घर में बेटी रूप में धन हमें प्राप्त हुआ,मुझे अत्यंत हर्ष है कि मैं दो-दो बेटियों का पिता हूँ और मुझे इस बात का कतई दुख नहीं कि मेरे पास पुत्र नहीं । दिल्ली राज्य से अन्य कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं हाई कोर्ट न्यायाधीश वहाँ पर उपस्थित थीं। विविध यूनिवर्सिटी के प्राध्यापक प्रिंसिपल्स और विविध विद्यालयों के अध्यापक अध्यापिकाएँ जिन्होंने इस नेशनल टीचर्स डे अवार्ड के नॉमिनेशन में भाग लिया था और सिलेक्ट हुए । उन सभी को वहाँ पर भागीदारी जन सहयोग समिति के चेयरपर्सन विजय गौड़ ने सम्मानित किया। नॉमिनेशन का आधार एक डिबेट प्रतियोगिता रही, जिसमें लोगों ने प्रतिस्पर्धा के रूप में भाग लिया और यह डिबेट जिस विषय पर था वह था -‘लीगल अवेयर ने बाई
एजुकेशन’राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान हेतु दिल्ली राज्य के समर फील्ड्स विद्यालय, कैलाश कॉलोनी से भावना अरोड़ा ‘मिलन’ ने भी इस प्रतिस्पर्धा में भाग लिया व उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान यहाँ प्राप्त हुआ ।
वह न केवल एक अध्यापिका हैं बल्कि वह लेखिका और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। वह विद्यालय की विविध गतिविधियों में और शिक्षा में विद्यार्थियों को मोटिवेट करने के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर भी विविध छात्रों और बच्चों की सहायता करती हैं, उनका मनोबल बढ़ाती हैं उन्हें तरह-तरह की प्रतियोगिताओं में साहित्यिक मंच पर ले जाकर उन्हें उनकी योग्यता में प्रखरता लाने और आत्मविश्वास बढ़ाने का मौका देती हैं ।
पहले हमें स्वयं को बदलना होगा :भावना अरोरा
मोटिवेशनल स्पीकर भावना अरोरा ‘मिलन’ ने इस मौके पर काव्य पाठ भी किया और नारी सशक्तिकरण की बात की। साथ ही कहा कि कानूनी शिक्षा किस प्रकार से विद्यालय, परिवार में संस्कारों के माध्यम से वैल्यूज के माध्यम से बदलाव ला सकती हैं ।
यदि हमें सबसे पहले शिक्षित करना है तो हमें स्वयं को शिक्षित करना है क्योंकि यदि हम मोबाइल चलाते हैं अधिक देर तक तो हमारे बच्चे भी उसी रास्ते पर चलते हैं । यदि हम सुबह उठकर मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे के भजन सुनते हैं,नमाज पढते हैं।
मंदिर जाते हैं या मस्जिद जाते हैं या गुरुद्वारे जाते हैं या कि चर्च तो वही प्रभाव बच्चों के दिमाग पर पड़ता है तो सबसे पहले हमें स्वयं को बदलना होगा जैसा कि गाँधी जी ने कहा था- ‘कि चीनी किसी को खाने से मना करना है या गलत काम करने से रोकना है तो पहले हमें स्वयं उसी रास्ते पर चलना होगा’ तो यह शुरुआत केवल एक माता-पिता अपने घर से कर सकते हैं, शिक्षक विद्यालय से कर सकते है तभी इन बच्चों का मानसिक रोग समाप्त होगा । शिक्षा के सही मायने लीगल तौर पर समाज के सामने आएँगे और छात्र एक अच्छा बच्चा बनकर परिवार से निकलेगा तभी वह अच्छा छात्र बनेगा और तभी वह बच्चे जाकर समाज के अच्छे नागरिक और राष्ट्र के महापुरुष बनेंगे । एक बच्चे के श्रेष्ठ कर्मों की नियति और दुष्कर्मो की नियति हम स्वयं लिखते हैं ।
Women Express ka बहुत-बहुत dhanyvad Hamare Samachar ko Itni khubsurti se Lagane ke liye behad aabhar Samajik jagrukta Hetu is Samachar Ko Sab Tak pahunchane ke liye