-15 कमेटी सदस्यों की मौजूदगी में संभाला पदभार, नहीं मिला कमरा
–महाप्रबंधक के कमरे में ही लगाया दरबार, जमाई चौकड़ी, मांगा हिसाब
-3 घंटे तक वहीं डटे रहे सभी सदस्य, जीएम से की जवाब तलबी
-कमेटी मे टकराव शुरू, प्रबंधन ने कहा-एक्ट में नहीं है कमरा देना
नई दिल्ली /टीम डिजिटल : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में मंगलवार को कमेटी सदस्य कुलवंत सिंह बाठ ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए कनिष्ठ उपाध्यक्ष का पदभर संभाल लिया। कमेटी के वर्तमान 15 सदस्यों को साथ लेकर कमेटी मुख्यालय गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब पहुंचे कुलवंत बाठ को उपाध्यक्ष के तौर पर आवंटित कमरा नहीं दिया गया। आखिरकार वह सभी सदस्यों के साथ महाप्रबंधक धर्मेंद्र सिंह के कमरे में पहुंच गए और वहीं चौकड़ी जमा दी। करीब 3 घंटे तक कार्यभार देखते रहे और इस दौरान कमेटी के कामकाज पर उठ रहे सवालों के बारे में जनरल मैनेजर धर्मेंद्र सिंह से जवाब तलबी की। खासकर फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन से कमेटी को आई करोड़ों रुपए की धनराशि तथा अकाली दल को पंजाब भेजें गए मेडिकल उपकरणों के मामले पर कमेटी से पूछा गया। साथ ही ऐलान किया कि प्रबंधकों के फैसलों पर रोजाना आकर अवलोकन किया जाएगा। इसके बाद टकराव की स्थिति बन गई है।
इस मौके पर कुलवंत सिंह बाठ ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कमेटी प्रबंधकों से उनकी मनमर्जीयों को लेकर सवाल पूछ रहे हैं। लेकिन कोई जवाब नहीं दिया जा रहा। उन्होंने पिछले दिनों अपना पदभार फिर से संभालने की इच्छा जताकर कमेटी से अपना कमरा मांगा था, जिस पर जनरल मैनेजर ने मुझे लिखित में कमेटी प्रबंधकों के हवाले से जवाब देकर कमरा देने की बाबत दिल्ली कमेटी एक्ट की धारा पूछी है।
बाठ ने हैरानी जताई कि नियम के तहत चुने हुए कनिष्ठ उपाध्यक्ष को कमेटी प्रबंध में अपना सहयोग देने की पेशकश करने पर एक्ट की धारा पूछने वाले खुद कमेटी एक्ट की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ना तो कोरोना राहत के नाम पर आए नकदी और सामान का ब्यौरा दिया जा रहा है और ना ही वितरित किए गए सामान की मात्रा और उसे देने के लिए अपनाएं गए मापदंडों की जानकारी दी जा रही है। एक तरफ कमेटी दावा करती है, कोई भी आकर हिसाब पूछ सकता है, पर बार-बार पत्र लिखने के बाद भी कुछ नहीं बताया जा रहा। इसलिए फैसला लिया है कि हम रोजाना आकर जनरल मैनेजर के कमरे में बैठकर कमेटी की दिनचर्या पर निगाह रखेंगे, क्योंकि कमेटी प्रबंध की पारदर्शिता संदेह के घेरे में है। बता दें कि बाठ ने कुछ महीने पहले कमेटी की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इस्तीफा अभी तक मंजूर नहीं हुआ था। अब जबकि हालात नाजुक हैं तब बाठ ने पूरे टीम के साथ दोबारा चार्ज संभालने का दावा ठाोंका। इस मौके पर कमेटी कार्यकारिणी के पांच पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इसमें परमजीत सिंह राणा, हरिंदर पाल सिंह, इन्द्रमोहन सिंह, पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी आदि मौजूद थे।
BJP के गुंडों ने की कमेटी कार्यालय पर कब्जा करने की कोशिश
दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कुलवंत सिंह बाठ के द्वारा चार्ज संभालने का सख्त विरोध किया है, साथ ही उनकी हरकतों की निंदा की है। कमेटी ने सीधे आरोप लगाया है कि भाजपा अपने गुंडों के माध्यम से कमेटी के कार्यालय पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है। कमेटी के संयुक्त सचिव हरविंदर सिंह केपी ने कहा कि भाजपा इस हद तक गिर गई है कि गुंडों को कमेटी के कार्यालय पर कब्जा करने के लिए भेज रही है।
कुलवंत सिंह बाठ अपने आप को कमेटी का उपाध्यक्ष कहते हैं जबकि वास्तविकता यह है कि वह भाजपा के सदस्य हैं। कुछ महीने पहले केंद्र सरकार के कृषि बिलों पर जब अकाली दल व भाजपा का गठबंधन टूट गया था तब कुलवंत बाठ ने खुद ही इस्तीफा दिया था। साथ ही कहा था कि भाजपा हाईकमान ने आदेश दिया है कि हमारा अकाली दल से गठबंधन टूट गया है इसलिए पर पद बने रहना ठीक नहीं इसलिए मैं इस्तीफा देता हूँ। यह बातें जगजाहिर है और सोशल मीडिया पर भी आईं थीं। उन्होंने कहा कि आज कुलवंत सिंह बाठ ने परमजीत सिंह राणा भाजपा पार्षद के साथ मिल कर कमेटी के कार्यालय पर कब्जा करने की कोशिश की जो कि बहुत निंदनीय है। भाजपा ने इनकी जिम्मेवारी लगाई है कि दोबारा जा कर कमेटी कार्यालय पर कब्जा किया जाए और चलते हुए प्रबंध व सेवाओं में खलल डाला जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने यह सब कुछ इसलिए किया क्योंकि उससे सिख कौम की चढ़दीकला बर्दाश्त नहीं हो रही व यह देखा नहीं जा रहा कि सिख कौम कैसे कोरोना काल में लोगों की सेवा कर रही है। दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी, भाजपा की इस घटिया हरकत की निंदा करती है और यह स्पष्ट करती है कि भाजपा व इसके गुंडों को कमेटी कार्यालय पर कब्जा करने की किसी भी सूरत में आज्ञा नहीं दी जाएगी।
गुरूद्वारा कमेटी का कार्यकाल 3 महीने के लिए बढ़ा
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की मौजूदा कार्यकारिणी का दिल्ली के उपराज्यपाल ने तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है। उपराज्यपाल ने नियम 7 ए, का उपयोग करते हुए 29 अगस्त 2021 या आम चुनाव होने तक, जो भी तारीख पहले होगी तक विस्तार कर दिया है। बता दें कि कार्यकारिणी को पहले मिले विस्तार 30 मई को समाप्त हो रही थी, कार्यकारिणी बोर्ड कार्यकाल का विस्तार कोरोना के चलते टले कमेटी के आम चुनाव की वजह से खड़े हुए खाली पन को दूर करने के लिए किया है। जबकि इस दौरान चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी।