नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का चुनावी बिगुल आज बज गया। केंद्रीय चुनाव आयोग (Central election commission) ने लोकसभा चुनाव-2024 के चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया। इसी के साथ आचार संहिता (Code of conduct) भी देशभर में लागू हो गई। लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव सात फेज में कराए जाएंगे। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को और आखिरी फेज की वोटिंग 1 जून को होगी। चुनाव के रिजल्ट पूरे देशभर के एक साथ 4 जून को घोषित किए जाएंगे। वोटिंग से लेकर नतीजे तक कुल 46 दिन लगेंगे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और हरियाणा में 25 मई को मत डाले जायेंगे। पंजाब की 13 लोकसभा सीटों और हिमाचल प्रदेश की 4 लोकसभा सीटों पर 1 जून को मतदान होगा। 543 लोकसभा सीटों में से 412 जनरल श्रेणी, 84 सीटें अनुसूचित जाति और 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव की तारीखें भी जारी कर दी गई हैं। ओडिशा में 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को वोटिंग होगी। बाकी तीन राज्यों में एक फेज में चुनाव होंगे। अरुणाचल और सिक्किम में 19 अप्रैल, आंध्र प्रदेश में 13 मई को वोट डाले जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दोनों नवनियुक्त आयुक्तों ज्ञानेश कुमार एवं सुखबीर सिंह संधू की मौजूदगी में दिल्ली के विज्ञान भवन में तारीखों का ऐलान किया।
-देशभर की 543 सीटों पर 7 चरणों में होगा मतदान
-चुनावी घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई
-22 राज्यों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा
– राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और हरियाणा में 25 मई को मत डाले जायेंगे
-412 जनरल श्रेणी, 84 सीटें एससी और 47 सीटें एसटी के लिए आरक्षित
-4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव होंगे
– 10.48 लाख मतदान केन्द्र बनेंगे, 55 लाख ईवीएम उपलब्ध होगी
-चुनाव प्रक्रिया की प्रभावी निगरानी के लिए 2100 पर्यवेक्षक की तैनाती
-पंजाब की 13 एवं हिमाचल की 4 लोकसभा सीटों पर 1 जून को मतदान
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के अनुसार 10.48 लाख मतदान केन्द्र स्थापित किये जाएंगे, जिनमें करीब 55 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) उपलब्ध करायीं जाएंगी। चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया की प्रभावी निगरानी के लिए 2100 पर्यवेक्षक तैनात किये हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने भारत के आम चुनाव को दुनिया में लोकतंत्र का सबसे बड़ा महापर्व करार देते हुए कहा कि आयोग ने दो साल से इसकी तैयारी की और वह हिंसा, रक्तपात, धनबल एवं दुष्प्रचार को रोकने के लिए अब तक की सबसे प्रभावी व्यवस्था के साथ आये हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों की शुरुआत 20 मार्च को पहली अधिसूचना के साथ होगी। पहले चरण में 19 अप्रैल को 21 राज्यों की 102 सीटों पर, दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 13 राज्यों की 89 सीटों पर, तीसरे चरण में सात मई को 12 राज्यों की 94 सीटों पर, चौथे चरण में 13 मई को 10 राज्यों की 96 सीटों पर, पांचवें चरण में 20 मई को आठ राज्यों की 49 सीटों पर, छठवें चरण में 25 मई को सात राज्यों की 57 सीटों और सातवें चरण में एक जून को आठ राज्यों की 57 सीटों पर मतदान होगा।
मतदान का चक्र
1—पहला चरण : 21 राज्यों की 102 सीट पर चुनाव
2—दूसरा चरण : 13 राज्यों की 89 सीटों पर चुनाव
3—तीसरा चरण : 12 राज्यों की 94 सीटों पर चुनाव
4—चौथा चरण : 10 राज्यों की 96 सीटों पर चुनाव
5—पांचवा चरण : 08 राज्यों की 49 सीटों पर चुनाव
6—छठवां चरण : 07 राज्यों की 57 सीटों पर चुनाव
7—सातवां चरण : 08 राज्यों की 57 सीटों पर मतदान
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22 राज्यों के लिए एक ही चरण में मतदान
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक देश के 22 राज्यों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा। जबकि बिहार, पश्चिम बंगाल एवं उत्तर प्रदेश की सीटों के लिए सभी सातों चरणों में मतदान कराया जाएगा। चार राज्यों -कर्नाटक, राजस्थान, त्रिपुरा एवं मणिपुर में दो चरणों में, छत्तीसगढ़ एवं असम में तीन चरणों में, ओडिशा, मध्य प्रदेश एवं झारखंड में चार चरणों में, महाराष्ट्र एवं जम्मू कश्मीर में पांच चरणों में मतदान कराया जाएगा।
करीब 96.8 करोड़ मतदाता रजिस्टर
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि इस बार के आम चुनाव के लिए करीब 96.8 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें पुरुष मतदाता 49.7 करोड़, महिला मतदाता 47.1 करोड़ तथा ट्रांसजेंडर मतदाता 48 हजार हैं। 12 राज्यों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। उन्होंने कहा कि 19.74 करोड़ मतदाता युवा वर्ग (20 से 29 वर्ष आयु) के हैं जबकि 1.82 करोड़ मतदाता 18 से 19 वर्ष आयु के हैं और मतदान के लिए पहली बार पंजीकृत किये गये हैं जिनमें 85.9 लाख महिलाएं हैं।
100 वर्ष से अधिक आयु के 2.18 लाख मतदाता
मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक 2.18 लाख मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं। जबकि पांच से छह लाख ऐसे मतदाता भी वोट दे सकेंगे जो एक अप्रैल को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करेंगे। उन्होंने मतदाता पंजीकरण के लिए पहले से आवेदन कर रखा था। आयोग ने इस बार 85 वर्ष से ऊपर के 82 लाख और 40 प्रतिशत तक दिव्यांग वाले 88.4 लाख मतदाताओं से घर से मतदान करने का विकल्प उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
पुरुषों से ज्यादा महिला वोटर्स
मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक बड़े खुशी की बात है कि 12 राज्यों में एक हजार से ऊपर जेंडर रेश्यो है। महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। 1.89 करोड़ नए वोटर्स में से 85 लाख महिलाएं हैं। जिस किसी की उम्र 1 जनवरी 2024 को 18 साल नहीं हुई थी, उसका भी नाम हमने एडवांस लिस्ट में लिया। 13.4 लाख एडवांस एप्लिकेशन हमारे पास आई है। 5 लाख से ज्यादा लोग 1 अप्रैल से पहले वोटर बन जाएंगे।
शिकायत, गड़बड़ी पर हमेशा नजर
मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक हर जिले में कंट्रोल रूम है। टीवी, सोशल मीडिया, वेबकास्टिंग, 1950 और सी विजिल पर शिकायत की व्यवस्था की गई है। एक सीनियर अफसर हमेशा इन 5 चीजों पर नजर रखेगा। जहां शिकायत मिलेगी, सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमने सभी अफसरों को निर्देश दिए हैं, हिंसा न होने दें। नॉन बेलेबल वारंट को पुलिस एक्जिक्यूट कर रही है। इंटरनेशनल, इंटर स्टेट्स बॉर्डर पर कड़ी नजर रखी जा रही है। ड्रोन से चेकिंग की जा रही है।
शिकायत पर 100 मिनट में मौके पर पहुंचेगी टीम
मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक सी-विजिल एप में किसी को शिकायत करनी है, कहीं पैसा या गिफ्ट बांटी जा रही है। बस फोटो खींचिए और हमें भेजिए। आप कहां खड़े हैं हम जान जाएंगे। 100 मिनट के भीतर अपनी टीम भेजकर शिकायत का निराकरण करेंगे।
चुनाव आयोग के सामने चार बड़ी चुनौती
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग के सामने चार बड़ी चुनौती है। पहला बाहुबल, दूसरा धनबल, आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और गलत सूचना (फेक न्यूज) से निपटने की है। उन्होंने कहा कि आयोग ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह कमर कस रखी है। सुचारू मतदान और मतगणना के लिए पर्याप्त संख्या में केन्द्रीय पुलिस बलों की तैनाती की जायेगी। चुनाव आयोग भ्रामक सूचनाओं पर स्पष्टीकरण के लिए एक वेबसाइट -मिथ वर्सेस ट्रुथ शुरू करेगा।
ये ऐतिहासिक मौका है : राजीव कुमार
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा- एक बार फिर भारतीय मिलकर अपनी इच्छा जाहिर करेंगे। ये ऐतिहासिक मौका है। दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत पर सभी का ध्यान केंद्रित रहता है। देश के सभी हिस्से इसमें शामिल होते हैं। चुनाव का पर्व-देश का गर्व।