नयी दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव ढींढसा की अकाली दल संयुक्त पार्टी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। इस तरह से तीन दल एक साथ मिलकर पंजाब के चुनावी समर में उतरने वाले हैं। सोमवार को यहां गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, कैप्टन सिंह, और सांसद ढींढसा के बीच गठबंधन को लेकर अहम बैठक हुई।
बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री एवं पंजाब के भाजपा चुनाव प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत ने संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि सीट बंटवारे को लेकर भी चर्चा हुई है। सीटों के बंटवारे को लेकर तीनों पार्टियों के दो-दो प्रतिनिधियों की एक टीम बनाई जाएगी। इसके बाद सीटें तय होंगी। उन्होंने कहा कि बैठक में फैसला लिया गया कि तीनों दलों का एक संयुक्त घोषणापत्र बनेगा। माना जा रहा है कि गठबंधन में सीटों का बड़ा हिस्सा भाजपा को जाने वाला है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी लंबे समय से सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के साथ अपने अनुभव को देखते हुए राज्य में अपने संगठन का विस्तार और मजबूत करना चाहती है।
—गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर हुई हाईलेवल बैठक में फैसला
—भाजपा का दोनों दलों से हुआ गठबंधन, तीनों दलों का संयुक्त घोषणापत्र बनेगा
—सीटों के बंटवारे को लेकर तीनों पार्टियों के दो-दो प्रतिनिधियों की कमेटी बनेगी
—भाजपा अभी तक पंजाब में मात्र 23 सीटों पर लडती रही विधानसभा चुनाव
पंजाब में 117 विधानसभा सीटें हैं। भारतीय जनता पार्टी अभी तक शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लडती रही है। भाजपा मात्र 23 सीटों पर चुनाव मैदान में अपने प्रत्याशी उतारती थी, बाकी सभी सीटों पर अकाली दल के उम्मीदवारों का समर्थन करती थी। लेकिन इस बार के चुनाव में वह बडे भाई की भूमिका में चुनाव मैदान में उतरेगी। साथ ही ज्यादा से ज्यादा सीटों पर भाजपा अपने प्रत्याशी उतारेगी।
सूत्रों के मुताबिक सोमवार को अमित शाह ने पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक कर सीट बंटवारे को लेकर चर्चा की। इसके बाद सुखदेव सिंह ढींढसा से सीट शेयर पर बातचीत की है। ढींढसा पुराने टकसाली नेता हैं और बादल परिवार का साथ छोडकर अलग पार्टी बना ली है। इनके साथ पुराने बागी अकालियों का भी साथ है।
बता दें कि पंजाब का विधानसभा चुनाव इस बार बहुकोणीय हो गया है। कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी राज्य में मजबूत स्थिति में दिख रही है। इसके अलावा अकाली दल और बसपा गठबंधन में उतरे हैं। वहीं भाजपा, कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखदेव ढींढसा की पार्टी मिलकर तीसरा मोर्चा बना चुके हैं। वहीं किसान संगठनों ने अपनी नई पार्टी बनाकर चुनावी समर में उतरने का फैसला लिया है। माना जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की पार्टी का बड़ा असर देखने को मिल सकता है।