देश में अब सड़क हादसे होंगे तो नपेंगे अधिकारी
–अधिकारियों की तय होगी जवाबदेही, ठेकेदार भी नपेंगे
–देशभर में 789 ब्लैक स्पॉट को चिन्हित किया गया
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : केंद्र सरकार अब सड़क हादसों के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय करने जा रही है। इसके तहत उनके क्षेत्र में सड़क हादसों की संख्या बढऩे पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही योजना से जुड़े ठेकेदार पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। नए राष्ट्रीय राजमार्गो में नए ब्लैक स्पॉट बन जाते हैं। इनकी निगरानी करने के साथ ऐसे स्थलों को ठीक किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक देशभर में 789 ब्लैक स्पॉट को चिन्हित किया गया था। इसमें 660 ब्लैक स्पॉट राष्ट्रीय राजमाार्गो व 129 राज्यमार्गो पर हैं। मंत्रालय ने 2019 तक 526 ब्लैक स्पॉट को ठीक किया और 134 को युद्ध स्तर पर दुरुस्त किया जा रहा है। दीर्घकालिक योजना के तहत इनमें समय व धन अधिक खर्च होगा।
बता दें कि केंद्र की ओर से राज्य सरकारों को हर साल केंद्रीय सड़क निधि से राज्य राजमार्गो के विकास के लिए धन आवंटन किया जाता है। नए नियम के अनुसार राज्यों को सड़क योजना को 10 फीसदी धन ब्लैक स्पॉट व सुरक्षा उपाय लागू करने में खर्च करना होगा। पीडब्ल्यूडी राज्य राजमार्गो व जिला सड़कों के ब्लैक स्पॉट की अनदेखी नहंी कर पाएगी।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ब्लैक स्पॉट से पहले खतरनाक संकेतों को लगा रही है। इसमें वाहन चालकों को पता चलेगा कि ब्लैक स्पॉट पर हादसे सीधी टक्करों से हो रहे हैं अथवा तीव्र मोड़ के कारण। इसके अलावा खतरनाक संकेतों में सड़क समाप्त होने, सड़क संकरी होने, ऊंचे गतिरोध, संकरा पुल, बगैर लाल बत्ती के चौराहे आदि के चित्र बने होंगे।
इसके अलावा सरकार स्पॉट को समाप्त करने के लिए अल्पकालिक व दीर्घकालिक योजनाओं पर काम कर रही है। दीर्घकालिक योजना में अंडरपास, फुट ओवर ब्रिज, इंटरचेंज, बाईपास, फ्लाईओवर आदि बनाए जा रहे हैं। इसमें अधिक समय लगने के साथ करोड़ो रुपये खर्च होते हैं। राष्ट्रीय राजमार्गो पर 30.1 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें मृतकों की संख्या सर्वाधिक 37.1 प्रतिशत है। हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में एक लाख 46 हजार से अधिक लोग मारे जाते हैं।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार हादसों के राष्ट्रीय राजमार्गो को सुरक्षित बनाने के लिए 14 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्गो, राज्य राजमार्गो व जिला सड़कों के ब्लैक स्पॉट (सर्वाधिक दुर्घटना स्थल) को दुरुस्त करने की योजना में नए प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत दुर्घटनाएं बढऩे पर अधिकारियों व ठेकेदारों की जवाबदेही तय कर दी गई है। वहीं, राज्य सरकरों को योजना लागत का 10 फीसदी सड़कें सुरक्षित बनाने के निर्देश दिए गए हैं।