35.3 C
New Delhi
Monday, October 7, 2024

Northern Railway ने बनाया रिकॉर्ड, स्क्रैप बिक्री कर कमाया 624.36 करोड़ रुपये

नई दिल्ली/ नेशनल ब्यूरो : उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान स्क्रैप निपटान के क्षेत्र में 624.36 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित कर भारतीय रेलवे पर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। उत्तर रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में स्थापित 536.99 करोड़ रुपये के पिछले बेहतरीन आकड़े /रिकार्ड को पार कर लिया है। उत्तर रेलवे एक वर्ष में 600 करोड़ रुपये की स्क्रैप बिक्री के आंकड़े को पार करने वाली एक मात्र जोनल रेलवे बन गई है। इस प्रक्रिया में, उत्तर रेलवे ने न केवल अपने पिछले वर्ष के 443 करोड़ रुपये के आंकड़े में 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है बल्कि रेल मंत्रालय द्वारा दिये गये 370 करोड़ रुपये के लक्ष्य से 69 प्रतिशत अधिक राजस्व अर्जित किया है। पिछले वर्ष के दौरान, उत्तर रेलवे शुरू से ही सहयोगी रेलों के बीच स्क्रैप्स निपटान के माध्यम से अधिकतम राजस्व अर्जित करने की दौड़ में अग्रणीय थी। विभिन्न क्षेत्रीय रेलों में, उत्तर रेलवे पहली ऐसी रेलवे थी जिसमें सितम्बर 2021 में 200 करोड़ रुपये, अक्तूबर 2021 में 300 करोड़ रुपये, दिसम्बर 2021 में 400 करोड़ रुपये, फरवरी 2022 में 500 करोड़ रुपये और मार्च 2022 में 600 करोड़ रुपये के आंकड़े को छुआ था। उत्तर रेलवे ने मंत्रालय द्वारा तय किये गए निर्धारित लक्ष्य को नवम्बर 2021 में ही हासिल कर लिया था।

—एक वर्ष में 600 करोड़ रुपये की बिक्री का आंकड़े को पार करने का दावा
—पिछले वर्ष की तुलना में 40 % अधिक और निर्धारित लक्ष्य से 69 % की वृद्धि
—370 करोड़ रुपये की लक्ष्य को पार किया : आशुतोष गंगल

भारतीय रेलवे पर स्क्रैप का निपटान एक महत्वपूर्ण गतिविधि है। राजस्व अर्जित करने के साथ-साथ यह कार्य परिसरों को साफ-सुथरा रखने में भी मदद करता है। रेलपथों के किनारे पड़े पटरियों के टुकड़े, स्लीपर, टाई बार, इत्यादि की मौजूदगी से न केवल संरक्षा संबंधी चुनौतियां उत्पन्न होती है बल्कि यह लोगों को देखने में भी साफ-सुथरा नहीं लगता। उत्तर रेलवे ने सतत कार्य करते हुए इस्तेमाल से बाहर कर दी गई ढांचों जैसे स्टाफ क्वार्टर, केबिन, शेड, पानी की टंकियां आदि के निपटान का कार्य किया है। इससे न केवल राजस्व अर्जित करने में मदद मिली है बल्कि शरारती तत्वों द्वारा पुराने ढ़ांचों के दुयपयोग के संभावनाओं को टालने में तथा बेहतर इस्तेमाल के लिए मूल्यवान स्थान भी उपलब्ध हुआ है।

Northern Railway ने बनाया रिकॉर्ड, स्क्रैप बिक्री कर कमाया 624.36 करोड़ रुपये

उत्तर रेलवे ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 8 स्थानों से 592 ई-नीलामियां की और एक लाख मीट्रिक टन से अधिक लोहे के स्क्रैप का निपटान किया। इसमें 70 हजार मीट्रिक टन का रेल स्क्रैप, 850 मीट्रिक टन अलौह स्क्रैप, 1930 मीट्रिक टन लीड एसिड बैट्री, 201 मीट्रिक टन से अधिक ई-कचरा, 250 से अधिक सेवा से हटाये गये रोलिंग स्टॉक, रेलपथों के किनारे पड़े 1.55 लाख कंक्रीट स्लीपर शामिल हैं। उत्तर रेलवे ने मिशन मोड में कार्य करते हुए दिनांक 31 मार्च 2022 को जीरो स्क्रैप का दर्जा प्राप्त करके अपने क्षेत्राधिकार से स्क्रैप को हटा दिया है।

latest news

Related Articles

epaper

Latest Articles