—प्रधानमंत्री मोदी ने सर्वदलीय बैठक में सदन में सार्थक चर्चा का आह्वान किया
—संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
—सत्र की 19 बैठकों के दौरान 31 सरकारी कार्य पूरे किए जाएंगे
—संसद में पेश किए जाएंगे 29 विधेयक, बैठक में 33 दलों ने लिया हिस्सा
नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय। संसद के सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले सरकार ने आज कहा कि वह नियम प्रक्रिया के दायरे में हर मुददे पर चर्चा के लिए तैयार है। जबकि विपक्षी दलों ने पेटोल डीजल की बढती महंगाई के साथ कई अन्य मुददों पर सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार की है। संसदीय सौंध में ढाई घंटे तक चली सर्वदलीय बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया कि सरकार सत्र के दौरान सभी मुददों पर सार्थक चर्चा के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने सार्थक एवं स्वथ्य चर्चा की उम्मीद जताई है और कहा कि चर्चा शांतिपूर्ण एवं नियमों के अंतर्गत होनी चाहिए। सदस्य लोकतंत्र की परम्परा को ध्यान में रखते हुए जो मुददे उठाना चाहते हैं, सरकार नियम प्रक्रिया से सभी पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। सर्वदलीय बैठक में सर्वदलीय बैठक में 33 राजनीतिक दलों के 40 से अधिक नेताओं ने हिस्सा लिया तथा विभिन्न विषयों पर चर्चा के सुझाव दिए।
Joined the NDA meeting. Our alliance will keep working for public good and fulfilling people’s aspirations. pic.twitter.com/trhiPsn3a2
— Narendra Modi (@narendramodi) July 18, 2021
संसद का मानसून सत्र, 2021 सोमवार, 19 जुलाई से शुरू होगा और 13 अगस्त तक जारी रहेगा। सत्र की 19 बैठकों के दौरान, 31 सरकारी विषय (29 विधेयक और 2 वित्तीय विषयों सहित) सामने रखे जाएंगे। छह विधेयक अध्यादेशों की जगह लेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों खासकर विपक्षी सांसदों के सुझाव महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वह जमीन से आते हैं उन्होंने कहा कि इन सुझावों को चर्चा में शामिल करने से बहुत समृद्ध होती है। सर्वदलीय बैठक के समाप्त होने के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में विपक्षी नेताओं ने एक अलग कक्ष में अपनी रणनीति को लेकर बैठक की। सूत्रों के अनुसार किसानों के आंदोलन, महंगाई, बेरोजगारी, पेट्रोल—डीजल के दाम और कोरोना महामारी के संकट को लेकर विपक्ष के तेवर कड़े हैं और शुरुआत में दोनों सदनों में गतिरोध देखा जा सकता है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी विभिन्न पार्टियों के सदन में नेताओं के साथ एक अलग बैठक की। उन्होंने कहा कि वह नियमों के तहत सरकार एवं विपक्षी दलों के बीच सहमति से किसी भी मुद्दे पर चर्चा कराने का पर्याप्त अवसर एवं समय देंगे। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भाग लिया। इसके अलावा बैठक में राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी. मुरलीधरन भी उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र की हमारी परम्पराओं के तहत, जनता से जुड़े मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से उठाया जाना चाहिए और सरकार को इन चर्चाओं पर प्रतिक्रिया देने का अवसर दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक अनुकूल वातावरण तैयार करना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि वास्तव में जमीनी हालात को अच्छी तरह से जानते हैं, और इसीलिए चर्चाओं में उनकी भागीदारी से फैसले लेने की प्रक्रिया समृद्ध होती है। मोदी ने कहा कि ज्यादातर सांसदों का टीकाकरण हो चुका है और उम्मीद है कि इससे आत्मविश्वास के साथ संसद की गतिविधियों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने संसद में सभी दलों के नेताओं से सहयोग मांगा
प्रधानमंत्री ने संसद में स्वस्थ विचार-विमर्श का आह्वान किया और सभी दलों के नेताओं से सहयोग की मांग की। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि सत्र सुचारू रूप से चलेगा और अपना काम पूरा करेगा। उन्होंने कोविड-19 महामारी के चलते जान गंवाने वालों के लिए अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। बैठक की शुरुआत में जोशी ने कहा कि सरकार नियमों के तहत किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। सदन के सुचारू संचालन में सभी दलों से पूर्ण सहयोग की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि सदन में सभी मुद्दों पर एक व्यवस्थित चर्चा होनी चाहिए।
बैठक में 33 राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया
बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, वाईएसआरसीपी, शिव सेना, जद यू, बीजद, सपा, टीआरएस, एआईडीएमके, बसपा, राकांपा, टीडीपी, अकाली दल, आरजेडी, आप, सीपीआई, सीपीआई (एम), आईयूएमएल, एजेएसयू, आरएलपी, आरएसपी, एमडीएमके, तमिल मनीला कांग्रेस, केरल कांग्रेस, जेएमएम, एमएनएफ, आरपीआई, एनपीएफ सहित 33 राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया।
मानसून सत्र, 2021 के दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची
I – विधायी कार्य
-अधिकरण सुधार (सेवा का युक्तिकरण और शर्तें) विधेयक, 2021- अध्यादेश की जगह लेने के लिए।
-दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021- अध्यादेश की जगह लेने के लिए।
-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग विधेयक, 2021- अध्यादेश की जगह लेने के लिए।
-आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021- अध्यादेश की जगह लेने के लिए।
-भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2021- अध्यादेश की जगह लेने के लिए।
-होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2021- अध्यादेश की जगह लेने के लिए।
-डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक, 2019।
-फैक्टरिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020
-सहायक प्रजनन तकनीक (विनियमन) विधेयक, 2020।
-अभिभावक और वरिष्ठ नागरिक देखरेख एवं कल्याण (संशोधन) विधेयक, 2019।
-राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान विधेयक, 2019, जैसाकि राज्य सभा द्वारा पारित किया गया।
-नौवहन के लिए समुद्री सहायता विधेयक, 2021, जैसाकि लोकसभा द्वारा पारित किया गया।
-किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021, जैसाकि लोकसभा द्वारा पारित किया गया।
-सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2019।
-कोयला क्षेत्र (अधिग्रहण एवं विकास) संशोधन विधेयक, 2021।
-चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कॉस्ट और वर्क्स अकाउंटेंट्स तथा कंपनी सेक्रेटरीज (संशोधन) विधेयक, 2021
-सीमित दायित्व भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021
-कैंटोनमेंट विधेयक, 2021
-भारतीय अंटार्कटिका विधेयक, 2021।
-केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021।
-भारतीय वन प्रबंधन संस्थान विधेयक, 2021।
-पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021
-जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) विधेयक, 2021
-भारतीय समुद्री मात्स्यिकी विधेयक, 2021
-पेट्रोलियम और खनिज पाइपलाइन (संशोधन) विधेयक, 2021।
-अंतर्देशीय पोत विधेयक, 2021
-विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2021
-मानव तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक, 2021।
-नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2021।