—कांग्रेस ने सचिन पायलट को अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री पद से हटाया
—कांग्रेस पार्टी ने दो मंत्रियों विश्वेन्द्र सिंह और रमेशचंद मीणा को किया बर्खास्त
—गोविंद सिंह को बनाया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, पायलट के करीबियों को हटाया
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली/जयपुर, 14 जुलाई : राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में सियासी महाभारत तेज हो गया है। तीन दिन से चल रहे सियासी संग्राम के बीच मंगलवार को सचिन पायलट के बगावती तेवरों के बाद सख्त एक्शन लिया। साथ ही कांग्रेस पार्टी ने पायलट को उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष दोनों से हटा दिया। उनके साथ-साथ दो और मंत्रियों विश्वेन्द्र सिंह और रमेशचंद मीणा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। कांग्रेस पार्टी ने आनन फानन में गोविंद सिंह दोतासरा को राजस्थान कांग्रेस को नया अध्यक्ष बनाया गया है। इस बीच सचिन पायलट ने राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए मंगलवार को कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं।
बीजेपी के मंसूबे पूरे नहीं हुए, उन्होंने कर्नाटक, मध्यप्रदेश में धनबल के आधार पर जो कुछ भी खेल खेला था राजस्थान में भी वो लोग वही करना चाहते थे। खुला खेल था….और मैं समझता हूँ कि खुले खेल में वो लोग मात खा गए.. pic.twitter.com/pdjDgrhBcQ
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 14, 2020
इस बीच कांग्रेस के विधायक दल की बैठक के पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने संवाददाताओं को इन कार्रवाइयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य के शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को अब नया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि पार्टी ने राजस्थान प्रांत युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से मुकेश भाकर को हटा कर उनकी जगह विधायक गणेश घोघरा को अध्यक्ष बनाया है। इसी तरह राकेश पारीक को हटाकर हेम सिंह शेखावत को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सेवा दल का नया मुख्य प्रदेश संगठक नियुक्त किया गया है। इस घटनाक्रम के बाद राजस्थान कांग्रेस में इस्तीफों का भी दौर शुरू हो गया है। सचिन पायलट समर्थक प्रदेश और जिला स्तर के दर्जनों पदाधिकारियों ने पार्टी प्रभारी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। इसमें टोंक जिला कांग्रेस अध्यक्ष भी शामिल हैं।
सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) July 14, 2020
पायलट और दो मंत्रियों को बर्खास्त करने का प्रस्ताव लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुबह राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाकात की। पार्टी सूत्रों के मुताबिक उन्होंने मौजूदा सियासी हालात का जिक्र करने के साथ 104 विधायकों का समर्थन पत्र भी राज्यपाल को सौंपा। उन्होंने एक तरह से राज्यपाल को आश्वस्त करने की कोशिश की कि उनकी सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत है। राजभवन से बाहर निकलते वक्त मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा कि बीते छह महीने से यह साजिश चल रही थी। उन्होंने इसका आरोप भाजपा पर लगा और कहा कि उनके कुछ साथी भाजपा के हाथों खेल रहे थे, जिसका यह परिणाम है। देर शाम गहलोत ने कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक की और अगली रणनीति पर चर्चा की।
इधर, पायलट के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद कांग्रेस के भीतर भी सियासी हलचल बढ़ गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 10 जनपथ पहुंच कर अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलीं। प्रियंका बीते 24 घंटे से राजस्थान के सियासी हालात को संभालने मे जुटी थीं। वे सचिन पायलट के भी संपर्क में थीं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी फोन किया था, लेकिन शायद बहुत आगे निकल चुके सचिन पायलट ने अब कदम पीछे खींचने में असमर्थता जता दी है। इसलिए उनकी कांग्रेस की सदस्यता समाप्त करने की घोषणा भी किसी भी वक्त की जा सकती है।
कांग्रेस की चारों इकाइयों (संगठन, युवा कांग्रेस, सेवा दल और छात्र संगठन) के अध्यक्ष और कार्यकर्ता अपनी ही सरकार के खिलाफ हो गए!
कांग्रेस का संगठन कांग्रेस की सरकार
फिर भी भाजपा कसूरवार!!#RajasthanPoliticalCrisis— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) July 14, 2020
उधर, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को गिराने के षडयंत्र में शामिल होने के आरोप में मंत्री पद से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट ने भले ही आगे की रणनीति को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हों लेकिन भाजपा ने उनके लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। प्रदेश के कई भाजपा नेताओं ने मंगलवार को कहा कि भाजपा की विचारधारा में विश्वास जताने वाले किसी भी नेता के लिए पार्टी के द्वार खुले हुए हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, कोई भी बड़े जनाधार वाला नेता किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होना चाहे तो उसका स्वागत किया जाता है। हमारी विचारधारा में विश्वास जताकर कोई यदि हमसे जुड़ता है तो हम खुले हाथों से उसका स्वागत करेंगे। यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
बता दें कि अंदरुनी कलह के बीच उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया था और दावा किया कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और गहलोत सरकार अल्पमत में आ चुकी है। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने कहा है कि गहलोत सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी। पायलट ने कहा कि 30 से अधिक कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों द्वारा उन्हें समर्थन देने के वादे के बाद अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है। इस बीच, राजस्थान के लिए कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि राज्य में पार्टी के सभी विधायक उनके संपर्क में हैं और सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।