नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : केंद्रीय चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा एवं मणिपुर राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान शनिवार को कर दिया। सभी राज्यों में चुनाव कार्यक्रम सात चरणों में पूरे होंगे। उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 7 चरणों में होंगे। 60 सीट वाले मणिपुर में चुनाव दो चरणों में होंगे। जबकि 117 सीट वाले पंजाब, 70 सीट वाले उत्तराखंड और 40 विधानसभा सीट वाले गोवा में एक-एक चरणों में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण का मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा। सभी राज्यों में मतगणना एक साथ 10 मार्च को होगी। पांचों राज्यों की कुल 690 विधानसभा सीटों के लिए मतदान कराया जाएगा। इस ऐलान के साथ ही चुनाव अधिसूचना तत्काल प्रभाव से जारी कर दी गई। इसी के साथ आदर्श चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है। चुनाव के दौरान कोविड गाइडलाइन सख्ती से लागू की जाएगी। इसके साथ ही अब किसी भी राज्य में कोई सरकार जनता को लुभाने की घोषणाओं का ऐलान नहीं कर सकेगी।
24.9 लाख वोटर पहली बार डालेंगे वोट, हर सीट में एक बूथ संभालेंगी महिलाएं
-पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में होगी वोटिंग
-पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान
-चुनाव अधिसूचना जारी, आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू
-मतदान केंद्रों की संख्या 16 फीसदी बढ़ाई, मतदान समय 1 घंटे बढ़ाया
-हर केंद्र पर वोटरों की संख्या 1500 से घटाकर 1200 किया
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चन्द्रा ने शनिवार को विज्ञान भवन में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। साथ ही बताया कि 10 मार्च को सभी 5 राज्यों के नतीजों का ऐलान किया जाएगा। चन्द्रा के मुताबिक कोविड को ध्यान में रखते हुए इस बार कुल मतदान केंद्रों की संख्या 16 फीसदी बढ़ा दी गई है। कुल दो लाख 15 हजार से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए हैं। हर केंद्र पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1500 से घटाकर 1200 कर दी गई है। मतदान की अवधि इस बार एक घंटा बढ़ा दी गई है। मुख्य आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि सभी राज्यों में कुल 900 पर्यवेक्षक चुनावी प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। सभी राज्यों के लिए मतदाता सूची 5 जनवरी को प्रकाशित हुई है। इसमें 24.9 लाख नए वोटर जोड़े गए हैं। पोलिंग स्टेशनों में 16 फीसदी का इजाफा हुआ है। कोरोना संकट को देखते हुए उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन की भी सुविधा दी जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र बताया कि सर्विस मतदाता को मिलाकर 18.34 करोड़ मतदाता इस चुनाव में हिस्सा लेंगे जिनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं। 24.9 लाख वोटर पहली बार वोट डालेंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पोलिंग स्टेशन ऐसा होगा जिसका संचालन पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में होगा। यहां तक की इस पोलिंग स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी भी महिलाएं ही होंगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक पहले चरण में उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। इसके लिए 14 जनवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी। नामांकन 21 जनवरी तक किए जाएंगे। नामंाकन पत्रों की जांच 24 जनवरी को होगी और नाम 27 जनवरी को वापस लिए जा सकेंगे। दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब, उत्तराखंड एवं गोवा में भी वोट 14 फरवरी को डाले जाएंगे। तीसरे चरण का मतदान केवल उत्तर प्रदेश में 20 फरवरी को, चौथे चरण का मतदान केवल उत्तर प्रदेश में 23 फरवरी को होगा। पांचवे चरण में उत्तर प्रदेश के साथ मणिपुर मणिपुर में पहले चरण के लिए 27 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में छठे चरण और मणिपुर के दूसरे चरण का मतदान तीन मार्च को होगा। आखिरी एवं सातवें चरण के लिए उत्तर प्रदेश में 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे। बता दें कि वर्ष 2012 में सभी राज्यों में कुल 9 चरणों एवं 2007 में कुल 8 चरणों में वोट डाले गए थे।
कोविड नियमों के बारे में बताते हुए सुशील चंद्रा ने एक शेर से शुरुआत की। उन्होंने कहा कि यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है,
हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है।
चुनावी रैलियों पर पहली बार पूर्ण पाबंदी
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चन्द्रा के मुताबिक उत्तर प्रदेश सहित सभी 5 राज्यों में वोटिंग का समय एक घंटा बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा सभी राज्यों में 15 जनवरी तक किसी भी तरह की रैली, रोड शो, बाइक रैली, नुक्कड़ सभाओं पर रोक लगा दी गई है। सिर्फ वर्चुअल कैंपेन की ही अनुमति होगी। 15 जनवरी के बाद हालात की समीक्षा की जाएगी। यदि कोरोना नियंत्रण में होता है तो फिर कुछ छूट दी जा सकती हैं। चुनाव की समाप्ति के बाद किसी भी तरह के विजय जुलूस पर रोक होगी। डोर टू डोर कैंपेनिंग के लिए सिर्फ 5 व्यक्ति ही जा सकता है। साथ ही कोविड प्रोटोकाल के चलते कई राज्यों में लगे नाइट कफ्र्यू को देखते हुए रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक प्रचार की अनुमति नहीं होगी।
चुनाव कर्मचारियों के लिए दोनों डोज जरूरी, मिलेगा फ्रंट लाइन वर्कर्स का दर्जा
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट कर दिया कि विधानसभा चुनाव के दौरान कोरोना नियमों का पूरा पालन किया जाएगा। सभी पोलिंग पूरी तरह से सेनेटाइज्ड होंगे। बूथों पर सेनेटाइजर, थर्मल स्कैनिंग सहित सभी चीजों की व्यवस्था होगी। चुनाव में तैनात सभी कर्मियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगी होनी चाहिए। हालांकि जरूरत पडऩे पर बूस्टर डोज की व्यवस्था होगी। चुनाव में भाग लेने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फ्रंट लाइन वर्कर्स का दर्जा दिया जाएगा। कोविड नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। चुनाव आयुक्त ने कहा कि उत्तराखंड और गोवा में ज्यादातर लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं। यूपी में 90 फीसदी वयस्कों को कम से एक टीका लग चुका है। सभी मतदान केंद्र प्रथम तल पर स्थिति होंगे और वहां सेनेटाइजर, मास्क, दस्ताने इत्यादि की पूरी व्यवस्था होगी।
कालाधन, शराब, ड्रग्स पर रहेगी निगरानी
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान अवैध पैसे, कालाधान, शराब की तस्करी, ड्रग्स सहित किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक सामगी पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए सभी जगहों पर पूरी टीम स्थानीय पुलिस की मदद से काम करेगी और पकडे जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की देनी होगी हिस्ट्री
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने ऐलान किया कि यदि कोई राजनीतिक दल आपराधिक छवि वाले कैंडिडेट को चुनता है तो उसके बारे पूरी हिस्ट्री सार्वजनिक करनी होगी। अखबार, रेडियो में इसकी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा यह भी बताना होगा कि उन्हें क्यों चुना गया है। उम्मीदवारों को भी अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मुकदमों के बारे में जानकारी होगी। आयोग ने एक सुविधा ऐप भी लॉन्च किया गया है। इसके जरिए लोग अपने उम्मीदवार के बारे में विस्तार से जान सकेंगे।