दाहोद/सुनील पांडेय। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के विजन और निर्देशन में भारतीय रेलवे को दिन प्रतिदिन नई गति मिल रही है। बहुत जल्द एक नया इतिहास रेलवे के साथ और जुड जाएगा। भारतीय रेलवे में पहली बार 9000 हाॅर्स पावर का सबसे शक्तिशाली विद्युत रेल इंजन पटरी पर दौडने को तैयार है। यह शक्तिशाली इंजन भारत के अलावा विदेशों में भी दौडेगा। यह ऐतिहासिक इंजन गुजरात के दाहोद में तैयार किया जा रहा है। ऐसा भी कह सकते हैं कि दुनिया में दहाडेगा दाहोद का शेर, रोशन होगा भारतीय रेल।
गुजरात के दाहोद स्थित सीमेंस के संयंत्र में देश का पहला 9000 हाॅर्स पावर का सबसे शक्तिशाली विद्युत रेल इंजन बन कर तैयार हो गया है और एक माह में परीक्षण के बाद पटरियों पर दौड़ेगा जिन्हें दाहोद नाम से जाना जाएगा।
रेलवे को मिली नई ताकत,9 हजार हाॅर्स पावर का पहला इंजन तैयार
-एक माह में परीक्षण के बाद पटरियों पर दौड़ेगा जिन्हें दाहोद नाम से जाना जाएगा
-रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दाहोद के सीमेंस इलैक्ट्रिक लोकोमोटिव संयंत्र का दौरा किया
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्दी ही इस फैक्टरी को राष्ट्र को समर्पित करेंगे
—120 किमी प्रति घंटे की गति से 4500 टन कार्गो की ढुलाई करने में सक्षम
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने आज यहां दाहोद के सीमेंस इलैक्ट्रिक लोकोमोटिव संयंत्र का दौरा किया और नवनिर्मित इंजन का अवलोकन किया।
वैष्णव ने कहा कि दाहोद में बने रेल इंजन गुणवत्ता और क्षमता में विश्वस्तरीय हैं और तीन वर्षों में दाहोद के रेल इंजन निर्यात भी किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि दाहोद के संयंत्र को रिकार्ड समय में पूरा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्दी ही इस फैक्टरी को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
रेल मंत्री ने सीमेंस के इंजन की तकनीकी गुणवत्ता की सराहना करते हुए कहा कि यह इंजन कवच से युक्त है तथा इसमें शौचालय भी बनाया गया है। इसकी ड्राइविंग कैब वातानुकूलित है। इससे देश के मालढुलाई परिदृश्य में बड़ा परिवर्तन आएगा और लाजिस्टिक लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी। उन्होंने कहा कि दाहोद में बनने वाले इन इंजनों को दाहोद का नाम दिया जाएगा।
रेल मंत्री ने फैक्टरी के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ मुलाकात करके उनकी कुशलक्षेम पूछी। इस मौके पर दाहोद के सांसद भी उनके साथ थे।
वैश्विक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी फर्म सीमेंस ने भारत में माल ढुलाई के लिए इलेक्ट्रिक इंजनों की आपूर्ति और सेवा के लिए दो साल पहले भारतीय रेलवे के साथ 26 हजार करोड़ रुपये (3.25 अरब डॉलर) के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए ।
यह सौदा सीमेंस मोबिलिटी के इतिहास में सबसे बड़ा लोकोमोटिव सौदा है और भारत में कंपनी के लिए सबसे बड़ा ऑर्डर है। समझौते के अनुसार, सीमेंस उच्च क्षमता 9000 हॉर्स पावर के 1200 विद्युत रेल इंजन 11 साल में बनाएगा और रेलवे को 35 वर्षों के लिए सर्विसिंग भी प्रदान करेगा। यह भी बताया गया है कि इस इंजन में एआई का भी इस्तेमाल किया गया है।
ये उच्च हॉर्स पावर लोकोमोटिव मालगाड़ियों की औसत गति और लोडिंग क्षमता में सुधार करके संतृप्त पटरियों को कम करने में मदद करेंगे। यह 120 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से 4500 टन कार्गो की ढुलाई करने में सक्षम होगा। ये लोकोमोटिव कार्गो ट्रेनों की आवाजाही के लिए एक गेम चेंजर होंगे।
मधेपुरा के इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री में मेक इन इंडिया पहल के माध्यम से 12000 हाॅर्स पावर वाले इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की शुरुआत के साथ, भारतीय रेलवे ने मालगाड़ियों की उच्च गति हासिल की। इसके साथ, भारत स्वदेशी रूप से 12000 एचपी लोकोमोटिव बनाने वाले देशों की कतार में शामिल हो गया है।
9000 हाॅर्स पावर एकल लोकोमोटिव
अब, इन 9000 हाॅर्स पावर एकल लोकोमोटिव बनाने के साथ, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर कंटेनर ट्रेनों की औसत गति 75 किमी प्रति घंटे और अन्य रेलवे मार्गों पर 65 किमी प्रति घंटे तक बढ़ जाएगी, जिसके कारण लॉजिस्टिक लागत लगभग 8-10 प्रतिशत तक कम हो जाएगी। पूर्वी एवं पश्चिमी समर्पित माल गलियारे में मालगाड़ियों को चलाने के लिए 9000 हाॅर्स पावर के इंजनों को बहुत जल्द शुरू करने की आवश्यकता है।