गाजियाबाद/ भूपेंद्र् तालान। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के आदेश पर उनकी सख्ती के बाद पूरे प्रदेश में बिल्डर मैसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ अब कार्रवाई होना शुरू हो गई है।गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority) मैसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इफ्रांस्ट्रक्चर के डायरेक्टर,जनरल मैनेजर व अन्य अधिकारियों समेत 4 के खिलाफ धोखाधड़ी और ईडब्ल्यूएस फ्लैट की जमीन में प्लॉट काटकर बेचने के मामले में क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। जीडीए के अवर अभियंता की तहरीर पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-318(4),338,336(3),340(2),111,329(3), 61(2) व प्रिवेंशन ऑफ डेमेज टू पब्ल्कि प्रॉपर्टी एक्ट-1984 की धारा-3 के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। जीडीए प्रवर्तन जोन-5 के अवर अभियंता ज्ञान प्रकाश द्विवेदी द्वारा दी गई तहरीर में मैसर्स असंल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के डायरेक्टर प्रणव अंसल, डायरेक्टर विकास यादव,जनरल मैनेजर एवं प्रतिनिधि अमित शुक्ला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
— मुख्यमंत्री की सख्ती का असर,अंसल बिल्डर पर धोखाधड़ी व फलैटों की जमीन बेचने पर कार्रवाई
-अंसल के डायरेक्टर,जनरल मैनेजर,अन्य अधिकारी समेत 4 खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
-महिला का प्लॉट दूसरों को बेचा,ईडब्ल्यूएस लैट की जमीन पर बेचे गए भूखंड
जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि मैसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को ग्राम डूंडाहेडा की 152.89 एकड़ भूमि के लिए इंटीग्रेटेड टाउनशिप का विकसित करने के लिए चयन हुआ था। जिसके सापेक्ष प्रथम चरण में 127 एकड़ पर प्रस्तुत योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट(डीपीआर)जीडीए बोर्ड बैठक में एप्रुवल को दिया गया। वर्ष-2007 में डेवलपमेंट एग्रीमेंट किया गया।
इस प्रोजेक्ट को मई 2012 तक पूरा किया जाना था। इस टाउनशिप के प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने के बाद जीडीए द्वारा पुर्नगृहित कराई जा रही 14.50 हेक्टेयर भूमि के अर्जन पर कोर्ट में केस हो गया। इसके बाद 14.5 हेक्टेयर भूमि को अपनी डीपीआर से अलग करते हुए अवषेश भूमि 99.75 एकड़ पर संशोधित डीपीआर और ले-आउट शासन द्वारा गठित समिति की अनुशंसा के बाद जीडीए बोर्ड बैठक में रखा गया। परियोजना के आंतरिक विकास कार्य के सापेक्ष विकासकर्ता द्वारा जीडीए के पक्ष में पंजीकृत एग्रीमेंट के माध्यम से 2587.00 वर्गमीटर भूमि बंधक रखी गई थी।
बिल्डर ने ऐसे किया जमीन पर खेल
जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के स्वीकृत ले-आउट के अनुसार विकासकर्ता द्वारा आंतरिक एवं बाह्य विकास कार्य जिसमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी),पेयजल,आंतरिक सड़कें,बाउंड्रीवाल,नाली,पार्क मानक के अनुसार विकसित नहीं किए गए है। इसके संबंध में वहां के निवासियों द्वारा शिकायतें की जा रही हैं। इस संबंध में विकासकर्ता को अनकों बार पत्राचार के माध्यम से भी अवगत कराया गया। लेकिन बिल्डर के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्वीकृत योजना के तलपट मानचित्र के अनुसार दुर्बल एवं अल्प आय वर्ग के आरक्षित भूखंड पर आंशिक रूप से भवन का निर्माण कर अवशेष रिक्त भूमि पर अवैध रूप भूखंड काटने की कार्रवाई की गई। इसके खिलाफ जीडीए की तरफ से कार्रवाई की गई। दुर्बल एवं अल्प आय वर्ग के आरक्षित भूखंड की अवशेष भूमि पर अवैध रूप से भूखंड सृजन की कार्रवाई की गई। जीडीए अधिकारियों ने बताया कि बिल्डर के साथ हुए अनुबंध निर्मित ईडब्ल्यूएस एवं एलआईजी भवनों के आवंटन की प्रक्रिया जिलाधिकारी की अध्यक्षता में किया जाना था। लेकिन मैसर्स असंल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा ईडब्ल्यूएस व एलआईजी भवनों के विक्रय किए जाने की कार्रवाई स्वयं अपने स्तर से की गई। जो जनसमान्य एवं जीडीए के साथ स्पष्टता जालसाजी एवं धोखाधड़ी हैं।
भूखंडों के आवंटन में की गई गड़बड़ी
जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि मैसर्स असंल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा तलपट मानचित्र स्वीकृति के समय मांगा गया था। इसमें दिल्ली निवासी महिला मोनिका घई द्वारा आपत्ति प्रस्तुत की गई। उनकी आपत्ति थी कि जो भूखंड उनको आंवटित किया गया है। वह किसी और को आंवटित कर दिया गया है। आवंटी मोनिका घई को प्लाट सं या-ई-0028 के स्थान पर डी-121 प्लाट आवंटित किया गया। लेकिन बिल्डर द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र का उल्लंघन करते हुए उक्त प्लाट को विनय कुमार त्यागी एवं दिव्यांश जैन को आवंटित किया गया। जो कि शपथ पत्र का स्पष्टता उल्लंघन एवं धोखाधड़ी हंै। अंसल प्रॉपर्टीज के निदेशकों पर टाउनशिप योजना में फर्जीवाड़े का आरोप लगा। जीडीए ने अब धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।
EWS कोटे के 848 लैट बनाने की बजाय सिर्फ 160 फ्लैट का ही निर्माण कराया
बिल्डर पर डूंडाहेड़ा की जमीन पर इंटीग्रेटेड टाउनशिप योजना में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। जीडीए का आरोप है कि बिल्डर ने गरीबों के लिए आरक्षित ईडब्ल्यूएस कोटे के 848 फ्लैट बनाने की बजाय सिर्फ 160 फ्लैट का ही निर्माण कराया। जबकि बाकी जमीन करोड़ों रुपए में बेच दी गई। अंसल प्रॉपर्टीज ने सार्वजनिक उपयोग जैसे एसटीपी, पुलिस स्टेशन, स्कूल के लिए आरक्षित जमीन भी बेचकर करोड़ों रुपए कमाए और लोगों को सुविधाओं से वंचित किया।जीडीए अधिकारियों का कहना है कि बिल्डर ने जीडीए की शर्तों और स्वीकृत नक्शे का उल्लंघन किया है। बता दें कि मैसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड पर नगर निगम के डंपिंग ग्राउंड की जमीन को भी जीडीए के अधिकारियों के साथ साठगांठ कर उसका ले-आउट परिवर्तित कराकर खरीदा गया था। इस मामले में नगर निगम के पूर्व पार्षद राजेंद्र त्यागी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट के आदेश पर उक्त बिल्डर पर दो करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अब जीडीए ने भी क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में धोखाधड़ी करने पर एफआईआर दर्ज कराई है। एसीपी वेव सिटी उपासना पांडेय का कहना है कि बिल्डर के डायरेक्टर समेत चार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।