लखनऊ /अदिति सिंह : उत्तर प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी सिपाही भर्ती परीक्षा की लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है। चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देशों के अनुरूप आयोजित इस परीक्षा के घोषित परिणाम के अनुसार, आरक्षण नीति का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए, प्राप्तांकों की श्रेष्ठता के आधार पर निर्धारित पदों के सापेक्ष लगभग ढाई गुना अधिक यानी कुल 1,74,316 अभ्यर्थियों को अगले चरण के लिए अर्ह घोषित किया गया है। यह चयनित अभ्यर्थी अब चयन प्रक्रिया के अगले चरण में अभिलेखों की संवीक्षा और शारीरिक मानक परीक्षण के लिए आमंत्रित किए जाएंगे। यह प्रक्रिया दिसंबर के तीसरे सप्ताह में होगी।
-1,74,316 अभ्यर्थियों को अभिलेखों की जांच और शारीरिक मानक परीक्षण के लिए बुलावा
—सबसे बड़ी सिपाही भर्ती परीक्षा, 60,244 पदों के सापेक्ष 48,17,441 अभ्यर्थियों ने किया था आवेदन
—समान कट ऑफ अंक पाने वाले सभी अभ्यर्थियों को अगले चरण का बुलावा
—दिसंबर के तीसरे सप्ताह में होगी अभिलेखों की जांच और शारीरिक मानक परीक्षण
—जनवरी के तीसरे सप्ताह में होगा शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) का आयोजन
—मुख्यमंत्री के निर्देशन में परीक्षा की शुचिता के लिए किए गए थे अभूतपूर्व प्रबन्ध
—अनेक नवाचारों की साक्षी रही भर्ती परीक्षा, शुचितापूर्ण परीक्षाओं के लिए बनी मॉडल
—शुचिता हुई सुनिश्चित, गोपनीयता का चक्रव्यूह को तोड़ नहीं सके नकल माफिया और साल्वर गैंग
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (Uttar Pradesh Police Recruitment and Promotion Board) के अध्यक्ष राजीव कृष्ण ने बताया कि आरक्षी (नागरिक पुलिस) के पदों पर सीधी भर्ती-2023 के लिए आयोजित इस लिखित परीक्षा में समान कट ऑफ अंक पाने वाले सभी अभ्यर्थियों को अगले चरण की अर्हता सूची में सम्मिलित किया गया है। अभिलेखों की संवीक्षा और शारीरिक मानक परीक्षण के लिए अर्ह अभ्यर्थियों की सूची बोर्ड की वेबसाइट पर जारी कर दी गई है, जहां अभ्यर्थी अपनी पंजीकरण संख्या अथवा परीक्षा अनुक्रमांक से अपना परिणामदेख सकते हैं।
शारीरिक दक्षता परीक्षा जनवरी में आयोजित की जाएगी
बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि अभ्यर्थियों के अभिलेखों की संवीक्षा और शारीरिक मानक परीक्षण (DV/PST) की कार्यवाही दिसंबर के तीसरे सप्ताह में होगी, जबकि अभिलेखों की संवीक्षा और शारीरिक मानक प्रशिक्षण में अर्ह अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा जनवरी, 2025 के तीसरे सप्ताह में आयोजित की जाएगी। बोर्ड ने सभी सफल अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए चयन से संबंधित अपडेट के लिए नियमित तौर पर बोर्ड की वेबसाइट विजिट करने की अपील की है।
बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण ने बताया कि चयन बोर्ड द्वारा परीक्षा की सभी 10 पालियों के प्रश्न पत्रों तथा उत्तर कुंजी को 11 सितंबर से 19 सितंबर तक बोर्ड की वेबसाइट पर प्रदर्शित करते हुये अभ्यर्थियों से आपत्तियों आमंत्रित की गईं। सभी स्रोतों से प्राप्त आपत्तियों पर गहन विचार किया गया तथा आवश्यकता अनुसार विषय विशेषज्ञों के पैनल से अभिमत भी प्राप्त किए गए। लिखित परीक्षा के बाद OMR आंसर शीट की स्कैनिंग की कार्यवाही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ संपन्न कराई गई। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में सुरक्षाकर्मी और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे। 24 घंटे लाइव मॉनिटरिंग की गई। भर्ती की विज्ञप्ति में उल्लिखित प्रावधानों के अनुसार स्कैनिंग के बाद अभ्यर्थियों के प्राप्तांकों के प्रसमान्यीकरण की कार्यवाही की गई है।
नकल माफिया और साल्वर गैंग के मंसूबों ध्वस्त
परीक्षा की शुचिता के लिए संकल्पित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने पुलिस भर्ती परीक्षा को निष्पक्ष, पारदर्शी और सकुशल संपन्न कराने के लिए हर संभव प्रबंध सुनिश्चित किये थे। तकनीक की मदद, गोपनीयता, और पुख्ता इंतजामों ने ऐसा व्यूह रचा, जिसने नकल माफिया और साल्वर गैंग के मंसूबों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की अहम भूमिका रही। इसके जरिये परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली को रोकने में लिए पुख्ता इंतजाम किये गये थे। इसके अलावा न केवल प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को मजबूत किया गया, बल्कि उनकी गोपनीयता भी सुनिश्चित की गई। प्रश्नपत्रों को गोपनीय चिन्हों से सुरक्षित किया गया और मल्टी-लेयर पैकेजिंग की गई ताकि किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न हो सके। योगी सरकार के मजबूत सुरक्षा उपायों ने नकल माफियाओं के मंसूबों को विफल कर दिया और पुलिस भर्ती परीक्षा को एक सफल और निष्पक्ष आयोजन में तब्दील कर दिया। सीएम योगी की सीधी मॉनीटरिंग से देश की सबसे बड़ी परीक्षा में शुमार पुलिस भर्ती परीक्षा पूरे देश में एक मॉडल बन गयी। 48 लाख से अधिक युवाओं की सहभागिता वाली इस परीक्षा में कई नवाचार अपनाए गए। प्रयोग सफल रहे, परिणामतः यह परीक्षा आज शुचितापूर्ण परीक्षाओं के आयोजन के लिए एक मॉडल बन कर उभरी है।
खास बातें इस प्रकार हैं
● आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिये 15 हजार प्रश्नों का एक विशाल प्रश्न बैंक तैयार कराया गया, जिसे परीक्षा के दौरान रैंडमाइजेशन किया गया। प्रश्नपत्रों में प्रश्नों को तीन कैटेगरी में बांटा गया था। इसमें प्रश्नों को कठिन, मध्यम और आसान श्रेणी में बांटा गया, जिसमें 30 प्रतिशत कठिन, 50 प्रतिशत मध्यम और 20 प्रतिशत आसान प्रश्न शामिल थे।
● परीक्षा में निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक प्रश्नपत्र की 08 अलग-अलग सीरीज तैयार की गई। यह व्यवस्था इसलिए की गई थी ताकि अगल-बगल बैठे अभ्यर्थियों को अलग-अलग सीरीज के प्रश्नपत्र वितरित किए जा सके। इससे नकल की संभावना को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया।
● परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया। इसके तहत सभी परीक्षा केंद्रों पर एआई सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।
● प्रश्न पत्रों को सुरक्षित रखने के लिए स्ट्रांग रूम/कोषागार की व्यवस्था की गई। जिसे सीसीटीवी और जीपीएस से लैस किया गया।
● पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग करायी गई। उन्हें सोशल मीडिया को लेकर किस तरह से अलर्ट रहना है, इसकी बारीकी से जानकारी दी गयी।
● नकल माफिया और सॉल्वर गैंग के 1541 लोगों की सूची तैयार की गयी और परीक्षा शुरू होने से पहले इन पर नकेल कसनी शुरू की गयी। इनमें 12 वर्ष के परीक्षा संबंधी आरोपियों पर विशेष निगरानी की गयी।
● उत्तर पुस्तिका को सुरक्षित करने के लिए बक्से की टैम्पर प्रूफ मल्टीपल लेयर पैकेजिंग की व्यवस्था की ताकि इससे कोई छेड़छाड़ न हो सके। प्रश्नपत्रों के लिए भी इसे ही अपनाया गया। इसके लिए बोर्ड परीक्षा को लेकर तीन चुनौतियों पर फोकस किया। इनमें टेलीग्राम, आधार प्रमाणीकरण और प्राइवेसी पॉलिसी शामिल है।
● परीक्षा केंद्रों के चयन एवं अभ्यर्थियों को केन्द्रों के आवंटन में नई व्यवस्था अपनाई गई। केवल शासकीय अथवा वित्तपोषित अशासकीय विद्यालयों को ही केंद्र बनाया गया।
● सभी अभ्यर्थियों का भौतिक सत्यापन के अतिरिक्त डिजिटल फोटो कैप्बरिंग एवं फेशियल रिकग्निशन, बायोमैट्रिक्स (फिंगर प्रिन्ट/आइरिस) एवं शत-प्रतिशत रियल टाइम आधार सत्यापन के उपरान्त ही परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति प्रदान की गयी।
● परीक्षा केंद्रों पर वृहद सीसीटीवी कवरेज सुनिश्चित किया गया एवं जनपद व बोर्ड स्तरीय कन्ट्रोल रूम में लाइव फीड प्राप्त कर परीक्षा की रियल टाइम मॉनीटरिंग की गयी।
● गोपनीय सामग्री की सुरक्षित अभिरक्षा के लिए डेडिकेटेड ट्रेजरी/चिन्हित स्ट्रांग रूम पर पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये तथा जिसका 24X7 लाइव मॉनीटरिंग किये जाने की व्यवस्था की गयी।
● गोपनीय सामग्री के सुरक्षित एवं समयबद्ध परिवहन हेतु प्रत्येक केन्द्र के लिए एक डेडिकेटेड वाहन, सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं पर्याप्त सशस्त्र पुलिस कर्मियों का प्रावधान किया गया।
● परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा की शुचिता एवं सुगम संचालन हेतु प्रत्येक केन्द्र पर एक स्टैटिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया।