नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय: सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह (Sri Guru Gobind Singh) के दो बेटों साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत की याद में आज यहां राष्ट्रीय स्तर पर वीर बाल दिवस मनाया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि सिख गुरुओं ने भारतीयों को अपनी भूमि के गौरव के लिए जीना सिखाया और देश को बेहतर व विकसित बनाने के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य किया। साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी शहादत को आज न केवल भारत में बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात तथा ग्रीस जैसे देशों में कार्यक्रमों के जरिए विश्व स्तर पर भी याद किया जा रहा है। भारत के वीर साहिबजादों को पूरी दुनिया और ज्यादा जानेगी, उनके महान कार्यों से सीखेगी। मोदी ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत गायन और मार्शल आर्ट के तीन प्रदर्शन देखा। साथ ही युवाओं के मार्च-पास्ट को भी झंडी दिखाई।
-सिखों ने देश को विकसित बनाने के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य किया
-वीर बाल दिवस पर पीएम मोदी ने साहिबजादों के बलिदान को याद किया
-भारत गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा, बदला नजरिया : मोदी
-वीर साहिबजादों को पूरी दुनिया और ज्यादा जानेगी, महान कार्यों से सीखेगी
मोदी ने कहा कि आज का भारत गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है तो देश के प्रति दुनिया का भी नजरिया बदला है। उन्होंने कहा, जब तक हमने अपनी विरासत का सम्मान नहीं किया, तब तक दुनिया ने भी हमारी विरासत को भाव नहीं दिया। आज जब हम अपनी विरासत पर गर्व कर रहे हैं, तो दुनिया का भी नजरिया बदला है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के पास भारत के युवाओं के असीमित सपनों को पूरा करने के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण और रोडमैप है, चाहे वे किसी भी क्षेत्र और समाज में पैदा हुए हों। उन्होंने कहा कि अगले 25 साल युवाओं के लिए बहुत सारे अवसर लेकर आएंगे। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में वृद्धि का हवाला देते हुए कहा कि सरकार की स्पष्ट नीति है और उसकी नीयत में कोई खोट नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया आज भारत को अवसरों की भूमि के रूप में देख रही है और देश वैश्विक चुनौतियों को हल करने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। भारत हर क्षेत्र में गर्व के साथ खड़ा है, चाहे वह अर्थव्यवस्था हो, विज्ञान हो, अनुसंधान हो या खेल हो। मोदी ने कहा, आज भारत, दुनिया के सबसे ज्यादा युवा देशों में से एक है। इतना युवा तो भारत अपनी आजादी की लड़ाई के समय भी नहीं था। जब उस युवा शक्ति ने देश को आजादी दिलाई, तो आज की युवा शक्ति भारत को किस ऊंचाई पर ले जा सकती है, यह कल्पना से परे है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह युवाओं को तय करना है कि 2047 में विकसित भारत क्या आकार लेगा और सरकार हमेशा एक दोस्त की तरह उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, हमें एक पल भी बर्बाद नहीं करना है। इस मौके पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, स्मृति जुबिन ईरानी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर आदि उपस्थित थे।
नशे के खिलाफ आंदोलन शुरू करें धार्मिक नेता एवं संगठन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं से अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आह्वान करते हुए कहा कि जब वे फिट होंगे तो अपने करियर और जीवन में सुपर हिट होंगे। उन्होंने उनसे अच्छा आहार लेने और नशीले पदार्थों के उपयोग से दूर रहने के लिए कहा। मोदी ने धार्मिक नेताओं और सामाजिक संगठनों से नशे के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की अपील की। इस अवसर पर मोदी ने युवाओं के एक मार्च-पास्ट को भी रवाना किया। पिछले वर्ष जनवरी में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के दिन प्रधानमंत्री ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
वीर साहिबजादे के अमर बलिदान का स्मरण कर रहा है राष्ट्र
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र वीर साहिबजादे के अमर बलिदान का स्मरण कर रहा है और उनसे प्रेरणा ले रहा है, क्योंकि आजादी के अमृत काल में भारत के लिए वीर बाल दिवस का एक नया अध्याय आरंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष इसी दिन मनाए गए पहले वीर बाल दिवस के समारोह का स्मरण किया, जब वीर साहिबजादे की वीरता की कहानियों ने पूरे देश को उद्वेलित कर रख दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जोर देकर कहा कि वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कभी न हार मानने वाले मनोभाव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें स्मरण दिलाता है कि जब वीरता की पराकाष्ठा की बात आती है तो उम्र कोई मायने नहीं रखती है। प्रधानमंत्री ने इसे सिख गुरुओं की विरासत का उत्सव बताते हुए कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके चार वीर साहिबजादों का साहस और आदर्श आज भी हर भारतीय का हौसला बढ़ाते हैं। प्रधानमंत्री ने बाबा मोती राम मेहरा के परिवार के बलिदान और दीवान टोडरमल के समर्पण का स्मरण करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस उन माताओं के लिए एक राष्ट्रीय श्रद्धांजलि है जिन्होंने अद्वितीय साहस वाले वीरों को जन्म दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुओं के प्रति यह सच्ची भक्ति, राष्ट्र के प्रति समर्पण की ज्वाला को प्रज्वलित करती है।
साहिबजादों के साहस की कहानी स्कूलों में दिखाई जाएगी
वीर बाल दिवस मनाने के लिए सरकार नागरिकों, विशेषकर छोटे बच्चों को साहिबजादों के अदम्य साहस की कहानी के बारे में जानकारी देने और शिक्षित करने के लिए पूरे देश में भागीदारी कार्यक्रम आयोजित कर रही है। साहिबजादों की जीवन कहानी और बलिदान का विवरण देने वाली एक डिजिटल प्रदर्शनी देश भर के स्कूलों और बाल देखभाल संस्थानों में प्रदर्शित की जाएगी। वीर बाल दिवस पर एक फिल्म भी देशभर में दिखाई जाएगी। साथ ही, इंटरैक्टिव क्विज़ जैसी विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगिताएं भी होंगी जो माईभारत और माईगवपोर्टल के माध्यम से आयोजित की जाएंगी।