(अदिती सिंह)
नई दिल्ली / टीम डिजिटल : कोरोना जैसी जैसी मुश्किल घड़ी के बीच अमेरिका ने एक बड़ा फैसला लिया है। कोरोना वायरस वायरस का कहर अमेरिका में सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है, अमेरिका में अब तक इस महामारी से 8,02,590 केस सामने आए हैं। 683,728 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और 43545 लोगों की मौत हो चुकी है।
चीन से नाराज़ ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वक्त चीन से काफी नाराज़ नजर आ रहे हैं। कोरोना जैसी महामारी फैलाने का आरोप उन्होंने चीन के सिर पर लगाया है साथ ही इसका जिम्मेदार डब्ल्यूएचओ को भी ठहराया।
डब्ल्यूएचओ को मिलने वाली फंडिक पर लगाई रोक
डोनाल्ड ट्रंप ने ने अमेरिका की तरफ से डब्ल्यूएचओ को जो फंडिंग फंडिंग मिलती थी उस पर रोक लगा दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि उसने कोरोना जैसी महामारी को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती है। डब्ल्यूएचओ ने एक तरीके से चीन की मदद की है। ट्रंप ने साथ में यह भी कहा कि अमेरिका चीन से ज्यादा डब्ल्यूएचओ को फंडिंग देता रहा है फिर भी डब्ल्यूएचओ ने उसके साथ यह व्यवहार किया।
कितनी फंडिंग करता है अमेरिका
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ने मंगलवार को यह ऐलान किया कि अब वह डब्ल्यूएचओ को फंडिंग नहीं देगा।
साल 2018 से लेकर 2019 के बीच अमेरिका ने अब तक डब्ल्यूएचओ को 893 USD मिलियन का कॉन्ट्रिब्यूशन दिया है।
पहले भी लगाया आरोप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी विश्व स्वास्थ्य संगठनWHO को पक्षपात होने के आरोप लगाए हैं। लेकिन बीते मंगलवार उन्होंने WHO की फंडिंग रोकने की बात कर अपनी नाराज़गी जतायी । आपको बता दें कि WHO के कुल बजट का 15 परसेंट हिस्सा अमेरिका ही देता आ रहा है।
चीन और अमेरिका के बीच फंसा WHO
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक संबोधन ने बताया कि उन्होंने WHO को पिछले वर्ष 40 crore Dollar का फंड दिया था। डोनाल्ड ट्रंप के फंडीग रोकने के फैसले को लेकर चीन ने उसकी कड़ी आलोचना की है। चीन का कहना है कि अमेरिका अपनी नाकामी पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है जिसके चलते वह इस तरह के का अनैतिक कदम उठा रहा है।
Halting funding for the World Health Organization during a world health crisis is as dangerous as it sounds. Their work is slowing the spread of COVID-19 and if that work is stopped no other organization can replace them. The world needs @WHO now more than ever.
— Bill Gates (@BillGates) April 15, 2020
इस तरीके का कदम अनैतिक- बिल गेट्स
दुनिया के सबसे अमीर लोगों में गिनती किए जाने वाले बिल गेट्स ने अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा उठाए गए इस कदम को अनैतिक बताया है। बिल गेट्स का कहना है कि इस संकट की घड़ी में जहां पूरी दुनिया में कोरोना का कहर है उस वक्त WHO की फंडिंग को रोकना एक खतरनाक कदम साबित हो सकता है।