नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की याद में आज यहां प्रथम अरुण जेटली स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिना समावेश के वास्तविक विकास संभव ही नहीं है और बिना विकास के समावेश का लक्ष्य भी पूरा नहीं किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार की नीतियां जनता की आवश्यकताओं और उनकी आकांक्षाओं पर आधारित होती हैं ना कि किसी प्रकार की लोकलुभावन भावनाओं के दबाव में। पीएम मोदी ने कहा कि पहले भारत में बड़े सुधार तभी हुए जब पहले की सरकारों के पास कोई और रास्ता नहीं बचता था लेकिन उनकी सरकार सुधारों को आवश्यक बुराई नहीं बल्कि कामयाबी की पसंद मानती है, जिसमें राष्ट्रहित और जनहित समाहित है।
बिना विकास के समावेश का लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सकता: मोदी
-पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की याद में स्मृति व्याख्यान का आयोजन
–सरकार का नीति निर्माण जनता की नब्ज पर आधारित : प्रधानमंत्री
-सरकार की नीति को लोकलुभावन भावनाओं के दबाव में नहीं आने दिया
विज्ञान भवन में आयोजित प्रथम अरुण जेटली व्याख्यानमाला में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रही। प्रधानमंत्री ने अरुण जेटली को अपना अभिन्न मित्र बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और सरकार की नीतियों के निर्माण में उनके योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि आज का भारत बाध्य होकर सुधार के कदम उठाने की बजाय ²ढ़ विश्वास द्वारा सुधार के कदम उठा रहा है और आने वाले 25 सालों का खाका तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा, हमारा नीति निर्माण जनता की नब्ज पर आधारित है। हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुनते हैं। उनकी आवश्यकता और उनकी आकांक्षा को समझते हैं। इसलिए हमने नीति को लोकलुभावन भावनाओं के दबाव में नहीं आने दिया।
बता दें कि कार्यक्रम का आयोजन वित्त मंत्रालय के आॢथक कार्य विभाग की ओर से अरुण जेटली के राष्ट्र के लिए अमूल्य योगदान को मान्यता देने के क्रम में आयोजित किया गया है। इस मौके पर पूर्व मंत्री अरुण जेटली का परिवार भी मौजूद रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के मुखिया के तौर पर 20 वर्षों के उनके अनुभव का सार यही है, बिना समावेश के वास्तविक विकास संभव ही नहीं है। और, बिना विकास के समावेश का लक्ष्य भी पूरा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इसलिए उनकी सरकार ने समावेशी विकास का रास्ता अपनाया और सबके समावेश का प्रयास किया। पिछले 8 वर्षों में भारत ने समावेशी विकास के लिए जिस गति के साथ काम किया है और जिस स्तर पर काम किया है, वैसा उदाहरण दुनिया में कहीं भी नहीं मिलता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ करोड़ से ज्यादा महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संख्या दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, सिगापुर, न्यूजीलैंड की सारी आबादी के जोड़ से भी ज्यादा है। इसी प्रकार उन्होंने 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए जाने, तीन करोड़ मुफ्त आवास देने और 45 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खोले जाने की सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि यह संख्या कई देशों की आबादी से अधिक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले के 10 सालों में करीब 50 मेडिकल कॉलेज बना करते थे जबकि भारत में पिछले 7-8 साल में ही पहले के मुकाबले चार गुना से ज्यादा यानी 209 नये मेडिकल कॉलेज बनाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, बीते 7-8 साल में भारत में स्नातक मेडिकल सीटों में 75 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। भारत में अब मेडिकल सीटों की वाॢषक संख्या बढ़कर लगभग दोगुनी हो चुकी है।
इस व्याख्यान में सिगापुर की सरकार के वरिष्ठ मंत्री थरमन षणमुग रत्नम, आॢथक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के महासचिव माथियास कॉर्मन, कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अरङ्क्षवद पनगढिय़ा आदि प्रमुख हस्तियां पहुंची।