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Wednesday, April 30, 2025

16 राज्यों के 3.61 लाख गांव होंगे हाईटेक कनेक्टिविटी से लैस

-पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, UP के गांवों में होगी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी
–भारतनेट के तहत उच्च गति की ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान की जाएगी
–दूरसंचार क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के जरिए बिछेगा जाल
–प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी

नई दिल्ली /नेशनल ब्यूरो : पंजाब, हरियाणा, हिमाचल एवं उत्तर प्रदेश सहित देश के 16 राज्यों के 3.61 लाख गांवों को हाईटेक ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी से लैस किया जाएगा। सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के जरिए सभी आबादी वाले गांवों में बहुत जल्द भारतनेट कनेक्टिविटी का विस्तार किया जाएगा। इसके तहत विश्वसनीय, उच्च गति की ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इस व्यवस्था में पहले चरण में केरल, कर्नाटक, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश को शामिल किया गया है। इसके तहत ग्राम पंचायतों सहित सभी गांवों को शामिल किया जाएगा। भारतनेट का अब इन 16 राज्यों में ग्राम पंचायतों से अलग सभी आबादी वाले गांवों तक विस्तार किया जाएगा। संशोधित रणनीति में रियायत के साथ भारतनेट का निर्माण, उन्नयन, संचालन, रख-रखाव और उपयोग भी शामिल है, जिसका चयन प्रतिस्पर्धी अंतरराष्ट्रीय बोली प्रक्रिया द्वारा किया जाएगा। इस पीपीपी मॉडल के लिए अनुमानित अधिकतम व्यवहार्यता अंतर कोष के लिए 19,041 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

16 राज्यों के 3.61 लाख गांव होंगे हाईटेक कनेक्टिविटी से लैस
इसके अलावा शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी आबादी वाले गांवों को शामिल करने के लिए भारतनेट का विस्तार करने को सैद्धांतिक मंजूरी भी मंत्रिमंडल ने दे दी। दूरसंचार विभाग इन शेष राज्यों के लिए अलग से तौर-तरीके तैयार करेगा।
बता दें कि PPP मॉडल के तहत संचालन, रख-रखाव, उपयोग और राजस्व सृजन के लिए निजी क्षेत्र की दक्षता का लाभ उठाया जाएगा और इसके परिणामस्वरूप भारतनेट की सेवा तेजी से प्राप्त होने की उम्मीद है। रियायत के आधार पर चयनित (निजी क्षेत्र के भागीदार) से पूर्व-परिभाषित सेवा स्तर समझौते (SLA ) के अनुसार विश्वसनीय, उच्च गति की ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने की उम्मीद है। केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा सभी आबादी वाले गांवों तक विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण, उच्च गति वाले ब्रॉडबैंड के साथ भारतनेट की पहुंच का विस्तार प्रदान की जाने वाली ई-सेवाओं की बेहतर पहुंच को सक्षम करेगा। यह ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन, कौशल विकास, ई-कॉमर्स और ब्रॉडबैंड के अन्य अनुप्रयोगों को भी सक्षम करेगा। यह उम्मीद की जाती है कि विभिन्न स्रोतों से राजस्व उत्पन्न होगा, जिसमें व्यक्तियों और संस्थानों के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्शन का प्रसार, डार्क फाइबर की बिक्री, मोबाइल टॉवरों का फाइबराइजेशन, ई-कॉमर्स आदि शामिल हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड का प्रसार डिजिटल पहुंच होगी
इस व्यवस्था के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड का प्रसार डिजिटल पहुंच के ग्रामीण-शहरी विभाजन को समाप्त करेगा और डिजिटल इंडिया की उपलब्धि प्राप्त करने में तेजी लाएगा। ब्रॉडबैंड के प्रवेश और प्रसार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार और आय सृजन में भी वृद्धि होने की उम्मीद है। जिन राज्यों में पीपीपी मॉडल की परिकल्पना की गई है, वे निर्बाध सेवा की सुविधा प्रदान करेंगे।

दूरसंचार के बुनियादी ढांचे में पीपीपी मॉडल एक नई पहल
दूरसंचार के इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में पीपीपी मॉडल एक नई पहल है। निजी क्षेत्र के भागीदार से भी एक समान भागेदारी का निवेश लाने और पूंजीगत व्यय के लिए तथा नेटवर्क के संचालन और रख-रखाव के लिए संसाधन जुटाने की उम्मीद है। इसलिए, भारतनेट के लिए पीपीपी मॉडल, डिजिटल इंडिया की उपलब्धि प्राप्त करने में तेजी लाने के लिए दक्षता, सेवा की गुणवत्ता, उपभोक्ता अनुभव और निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता, उद्यमिता और क्षमताओं का लाभ उठाएगा। यह जनता के धन की पर्याप्त बचत के अलावा होगा।

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