—मध्यप्रदेश का 2021-22 का बजट 2,41,375 करोड़ रुपये का, कोई नया कर नहीं
—बहन—बेटियों के लिए सौगात है शिवराज सरकार का बजट
—लाड़ली लक्ष्मी योजना एवं महिला सशस्तिकरण पर विशेष फोकस
भोपाल /टीम डिजिटल : मध्यप्रदेश सरकार ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिये राज्य विधानसभा में 2,41,375 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 35,977 करोड़ रुपये ज्यादा है। इस बजट में कोई नवीन कर नहीं लगाया गया है और न ही किसी कर की दर बढ़ाने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा को उम्मीद है कि राज्य सरकार सुधारों की शर्त पूरी कर चालू वित्त वर्ष में बाजार से राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के आधा प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त कर्ज जुटाने की मंजूरी प्राप्त कर लेगी। यह बजट बहनों और बेटियों के लिए सौगात लेकर आया है। हर ग्राम पंचायत में एक राशन की दुकान खुलेगी और एक तिहाई दुकानें महिलाएँ संचालित करेंगी। हर जिले में महिला पुलिस थाना प्रारंभ होगा। बजट में लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत 900 करोड़ रूपये से अधिक के प्रावधान सहित महिलाओं के लिए कुल 10,674 करोड़ की राशि का प्रावधान राज्य सरकार के महिला कल्याण के लक्ष्य का परिचायक है। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटे की सामान्य सीमा चार प्रतिशत प्रस्तावित है एवं ऊर्जा क्षेत्र में अपेक्षित कतिपय सुधारों के करने पर इसको अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत बढ़ाने की स्वीकृत मिल सकती है।
बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ, महिला सशक्तिकरण, नौजवानों को रोज़गार तथा अन्य सभी क्षेत्रों की योजनाओं के लिए हमने पर्याप्त धनराशि आवंटित की है।
यह बजट मध्यप्रदेश को तेज़ी से आत्मनिर्भरता की ओर ले जायेगा। #MPBudget2021
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 2, 2021
देवड़ा ने कहा, हमें पूरा विश्वास है कि जो भी सुधार निर्धारित किये जाएंगे उसे हम पूरा कर हम राज कोषीय घाटे के मामले में अतिरिक्त सीमा की स्वीकृति प्राप्त करेंगे। इसे ध्यान में रखकर बजट अनुमान तैयार किया गया हैं। बजट में राजकोषीय घाटा साढे चार प्रतिशत रहने का अुनमान है। देवड़ा ने टैबलेट के जरिये बजट पेश किया। इसमें आगामी अप्रैल से शुरू होने वाले नये वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित कुल विनियोग की राशि 2,41,375 करोड़ रुपये है। इसमें राजस्व व्यय के अंतर्गत 1,72,971 करोड़ रूपये और पूंजीगत व्यय अंतर्गत 44,152 करोड़ रूपये के खर्च का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि सामाजिक आॢथक उत्थान की योजनाओं पर अगले वित्त वर्ष में 1,12,521 करोड़ रूपये के खर्च का अनुमान है। देवड़ा ने बताया, वर्ष 2021-22 की कुल प्राप्तियां 2,15,954 करोड़ रूपये तथा कुल व्यय 2,17,123 करोड़ रूपये अनुमानिक होने से वर्ष का शुद्ध लेन-देन का अंतर 1,169 करोड़ रूपये ऋणात्मक है एवं अंतिम शेष 5,465 करोड़ रूपये रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 50,938 करोड़ रूपये अनुमानित है जो कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत अनुमानित है।
मैं वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा जी को बधाई देता हूँ। यह 'सर्वजन हिताय – सर्वजन सुखाय' बजट है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने #AatmaNirbharBharat का मंत्र दिया था और हमने इसके निर्माण के लिए #AatmaNirbharMP का रोडमैप बनाया। #MPBudget2021 pic.twitter.com/PUM3GBZWPS
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 2, 2021
उन्होंने कहा कि इस वर्ष 8,293 करोड़ रूपये का राजस्व घाटा अनुमानित है। देवड़ा ने बताया कि हमारे बजट प्रस्तावों में हमने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के विजन को मूर्तरूप देने हेतु आवश्यक प्रावधान किये हैं। साथ ही सभी जन हितैशी व विकासोन्मुखी योजनाओं को निरन्तर रखने के लिए आवश्यक प्रावधान रखे गये हैं। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग द्वारा केंद्रीय करों में राज्यों का अलग अलग हिस्सा लगाने लगाने के फार्मूले के तहत मध्यप्रदेश के लिए 7.548 प्रतितशत की हिस्सेदारी तय की गई थी। मध्यप्रदेश द्वारा 15वें वित्त आयोग को इस हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए अपने मूल ज्ञापन तथा अतिरिक्त ज्ञापन में ठोस तर्क प्रस्तुत किये थे।
बजट में कोई नया कर, कर की दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं
देवड़ा ने बताया कि मुझे सदन को अवगत कराते हुए हर्ष है कि 15वें वित्त आयोग द्वारा वर्ष 2020-21 से वर्ष 2025-26 की अवधि के लिए हमारी हिस्सेदारी बढ़ाकर 7.85 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इस बढ़ोत्तरी से वर्ष 2021-22 में मध्यप्रदेश को केन्द्रीय करों की लगभग 2,000 करोड़ रूपये अतिरिक्त राशि प्राप्त होना अनुमानित हैं । देवड़ा ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 के पुनरीक्षित अनुमान अनुसार राज्य के स्वयं के कर एवं करेत्तर राजस्व में लगभग 5.05 प्रतिशत की कमी होना संभावित है। उन्होंने कहा कि आशावादी दृष्टिकोंण अपनाते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रदेश के स्वयं के कर राजस्व एवं गैर कर-राजस्व में वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान की तुलना में लगभग 33 प्रतिशत अधिक होने का अनुमान है। देवड़ा ने बताया,इस बजट में कोई नवीन कर अधिरोपित करने अथवा किसी भी कर की दर बढ़ाने क प्रस्ताव नहीं है।
सरकार के विजन और मिशन का प्रतिबिम्ब है बजट
इसी बीच, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश का आज विधानसभा में प्रस्तुत बजट प्रदेश को प्रगति पथ पर ले जाएगा और मध्यप्रदेश तेज गति से आत्मनिर्भरता के मार्ग की तरफ बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस बजट को जन-आकांक्षाओं और अपेक्षाओं का प्रतीक मान सकते हैं। यह बजट सरकार के विजन और मिशन का प्रतिबिम्ब है। कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों के बाद क्षतिग्रस्त हुई अर्थव्यवस्था को पुन: खड़ा कर आम लोगों का हित संवर्धन सुनिश्चित होगा।
महिलाओं के लिये 10,674 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस बजट में अधोसंरचना विकास के लिए ङ्क्षसचाई क्षेत्र के लिए 44,152 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। शिक्षा और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 40,958 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। कृषि से संबंधित प्रावधान 35,353 करोड़ रूपये, स्वास्थ्य एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए 15,622 करोड़ रूपये, गरीब कल्याण के लिए 11,950 करोड़ रूपये, ब’चों, विद्याॢथयों और युवाओं के लिए 11,136 करोड़ रूपये और महिलाओं के लिये 10,674 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए 1000 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। चौहान ने कहा कि बजट में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहरों के विकास और सौन्दर्यीकरण पर 900 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जाएगी। मेट्रो रेल सुविधा बढ़ाने के लिए 262 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। आपदा प्रबंधन और राहत के लिए 1680 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है।