31.9 C
New Delhi
Friday, August 29, 2025

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर किसान आंदोलन की कमान महिलाओं ने संभाला

Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

—गाजीपुर बार्डर पर महिलाएं के हाथ में रही किसान आंदोलन की कमान
—गाजीपुर बार्डर पर जल्द ही एक महिला केंद्र स्थापित किया जाएगा

नयी दिल्ली /अदिति सिंह : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली के सिंधू, टीकरी एवं गाजीपुर के किसान प्रदर्शन स्थलों पर हजारों महिला किसानों ने मार्च निकाला और भाषण दिए । कृषि क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को देखते हुये आयोजकों ने महिला किसानों को मंच का प्रबंधन करने, भोजन और सुरक्षा की व्यवस्था करने तथा इस अवसर पर उनके संघर्ष की कहानियों को साझा करने के लिए विस्तृत योजना बनाई है। किसान नेता कविता कुरूगांती ने सोमवार को बताया कि मंच का प्रबंधन महिलाओं ने किया, सभी वक्ता महिलायें थीं और जिन मसलों पर चर्चा की गयी उनमें विशेष रूप से खेती और महिला किसानों का मुद्दा शामिल था । संयुक्त किसान मोर्चा की सदस्य कविता ने कहा, इस दौरान महिला किसानों और इस आंदोलन में महिला किसानों के योगदान पर भी चर्चा हुयी । उन्होंने कहा कि यहां हजारों महिलाओं के आने और इसमें उनके हिस्सा लेने के बाद इसका महत्व बढ़ गया है। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान पिछले 100 दिनों से दिल्ली सीमा पर जमे हुये हैं और उनकी मांग इन कानूनों को वापस लेने तथा उनके फसल के लिये न्यूनतम समर्थनम मूल्य की गारंटी देने की है । इन किसानों में अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं ।
यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर सोमवार को किसानों ने महिला दिवस म‌नाया। इस खास मौके पर आंदोलन की कमान पूरी तरह महिलाओं के हाथों में रही। सेवानिवृत्त विंग कमांडर अनुपमा आचार्य से दोपहर करीब 12 बजे मंच से संबोधन की शुरूआत की। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पहले ही इस बात की घोषणा की गई थी कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सभी मोर्चों पर महिला किसान ही मंच संचालन करेंगी। महिलाओं ने बखूबी मंच का संचालन किया।

हाथों पर मेंहदी लगाकर एकता का परिचय दिया, कानूनों का विरोध 

महिलाओं ने अपने हाथों पर मेंहदी लगाकर एकता का परिचय दिया और कृषि कानूनों का विरोध किया। सोमवार को दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस-वे पर संचालित किसान मंच पर संचालन तो महिलाओं के हाथ में रहा ही, स्वयंसेवकों का काम भी महिलाएं ही करती दिखीं और रोजाना 24 घंटे के क्रमिक अनशन पर बैठने वाली भी महिलाएं ही रहीं। अनशन पर बैठी महिलाओं ने भी अपने हाथों पर मेहंदी लगाई हुई थी। बता दें कि यह पहला मौका नहीं था जब मंच संचालन महिलाओं ने संभाला हो। सौ दिन से लंबे हो चले इस आंदोलन में ऐसे कई मौके आए और महिलाओं ने अपनी भागीदारी जमकर निभाई। सोमवार को मंच से हुए संबोधनों के दौरान सरकार विरोधी नारेबाजी तो हुई ही, नए कृषि कानूनों के खिलाफ भी महिलाओं ने जमकर मोर्चा खोला और बीच-बीच में यह महिलाएं महिला सशक्तिकरण की बात करती भी नजर आईं।

गाजीपुर बार्डर पर जल्द ही एक महिला केंद्र स्थापित किया जाएगा

महिलाओं द्वारा मंच से महंगाई पर भी वार किया गया। महिलाओं का कहना है कि घर की रसोई से लेकर बच्चों की पढ़ाई सब पर महंगाई की मार है लेकिन सरकार इन सब बातों से बेपरवाह होकर धन्नासेठों के बारे में सोचने में व्यस्त है। मंच का संचालन कर रहीं रवनीत कौर ने कहा कि विश्व महिला दिवस पर महिलाओं ने किसान आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधो पर ली है। उन्होंने कहा कि गाजीपुर बार्डर पर जल्द ही एक महिला केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र पर महिलाओं को न केवल उनकी जरूरत के सामान मिलेंगे बल्कि फिटनेस के लिए एक जिम भी खोला जाएगा। महिला केंद्र के लिए आंदोलन स्थल पर जगह चिन्हित कर ली गई है। उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन के समर्थन में पिछले तीन माह से अधिक समय से महिलाएं वालंटियर से लेकर लंगर सेवा, आईटी सेल, लीगल सेल और अन्य जगहों पर बखूबी काम कर रही हैं।

दिग्गज 18 महिलाएं रहीं अनशन पर

रीना चौहान, अंजु प्रवीन खां, नीलम, बबली, कविता देवी, रितु कौशिक, प्रेमवती, मंजूबेन पाल, कौशल्या कात्यान, जसपाल कौर, विनोद देवी, सुनीता, प्रेमवती, विमला, बिन्नू, सुरेश तेवतिया, सुनीता गुप्ता, लता चौधरी अनशन पर बैठीं।

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Kurukshetra epaper

Latest Articles