–भाजपा ने ममता बनर्जी पर बोला हमला, हिंसा के लिए बताया जिम्मेदार
— पश्चिम बंगाल के ऊपर मंडरा रहे हैं हिंसा के काले बादल
–बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक ही गुहार, हमें बचा लो
— महिलाओं के साथ बलात्कार और अमानवीय दुव्र्यवहार : बीजेपी
नई दिल्ली/ अदिति सिंह : भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद लगातार बढ़ रही हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को यहां कहा कि चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद से हम जिस प्रकार का मंजर पश्चिम बंगाल में देख रहे हैं, उस पर विश्वास नहीं हो रहा है। पश्चिम बंगाल आज जल रहा है। हमारे कार्यकर्ता हर पल हमारे नेताओं को फोन कर रहे हैं और उनकी एक ही गुहार है हमें बचा लो। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो कुछ हो रहा है वो प्रशासन द्वारा प्रायोजित हिंसा है जिसके लिए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं।
Several BJP karyakartas have had to leave their houses in Bolpur, Birbhum and other constituencies for their safety. They're spending their days in fear.
– Dr. @anirbanganguly pic.twitter.com/vqQPdL84J7
— BJP (@BJP4India) May 4, 2021
पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा प्रवक्ता डॉ पात्रा एवं डॉ अनिर्बान गांगुली ने कहा कि लोकतंत्र में जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस और ममता दीदी को गरिमा का प्रदर्शन करना चाहिए। लेकिन आज मुझे इस पर प्रेस वार्ता करने में भी दु:ख हो रहा है। हिंसा के काले बादल आज पश्चिम बंगाल के ऊपर मंडरा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से चरमरा गया है। पश्चिम बंगाल से हमारे कार्यकर्ताओं के लगातार फोन आ रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण में अपराधियों के हमले हो रहे हैं, तृणमूल नेताओं के संरक्षण में हमले हो रहे हैं कि हमें बचा लीजिये। स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा का जो तांडव हो रहा है, यह निश्चित रूप से स्टेट स्पांसर्ड वायलेंस है। लोगों को केवल अलग विचारधारा चुनने के लिए राज्य की सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर निशाना बनाया जा रहा है।
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भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस बार बंगाल विधान सभा चुनाव में राज्य के लगभग 2.38 करोड़ बंगाली जनता ने भाजपा को वोट दिया। भाजपा को लगभग 38 प्रतिशत वोट मिले। क्या इन 2.38 करोड़ बंगाली लोगों का कोई अधिकार नहीं है? क्या इनपर केवल इसलिए हमले होंगे, क्योंकि इन्होंने पश्चिम बंगाल की भलाई के लिए भारतीय जनता पार्टी को एक विकल्प के रूप में चुना। क्या ममता बनर्जी इन 2.38 करोड़ बंगाली जनता के लिए इसी तरह निष्ठुर बनी रहेगी। क्या लोकतंत्र में केवल एक विचारधारा के चुनाव के लिए लोगों का नरसंहार किया जाएगा?
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ममता बनर्जी पर हमला करते हुए डॉ पात्रा ने कहा कि महिलाओं के साथ बलात्कार और अमानवीय दुव्र्यवहार किसी भी सभ्य समाज के लिए एक कलंक है। ममता दीदी, आप अपने-आप को बंगाल की बेटी और दीदी बताती हैं लेकिन जिन महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ, जिन महिलाओं के साथ अमानवीय दुव्र्यवहार हुआ, जिन महिलाओं को उनके घरों से निकाल कर सरेआम पीटा जा रहा है, क्या वे बंगाल की बेटी नहीं हैं? इस कुकृत्य के लिए शर्म आनी चाहिए आपको!
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंसा का तांडव निश्चित रूप से स्टेट स्पांसर्ड वायलेंस है। लोगों को केवल अलग विचारधारा चुनने के लिए राज्य की सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर निशाना बनाया जा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय, चिंताजनक और शर्मनाक है।
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तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद आज बंगाल धू-धू कर हिंसा की आग में जल रहा है। ममता सरकार के संरक्षण में हमारे कई कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या कर दी गई है। कई कार्यकर्ताओं के घर और दुकानें जला दी गई हैं। कई महिलाओं के साथ भी अमानवीय दुव्र्यवहार किया गया है। लोकतंत्र में इस प्रकार की हिंसा और कुकृत्यों की कोई जगह नहीं हो सकती। भाजपा इन घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करती है और अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग करती है। तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद हिंसा और उपद्रव की यह विभीषिका महज संयोग नहीं बल्कि प्रयोग है। चुनाव के समय एक रैली में ममता बनर्जी ने स्वयं आज की हिंसा की तस्वीर पेश करते हुए कहा था कि चुनाव के बाद केंद्रीय सुरक्षा बल के जाने के बाद क्या होगा? तब तो हम ही होंगे और देख लेंगे।
राहुल जी चुप क्यों हैं, आपके कार्यकर्ता भी दम तोड़ रहे
भाजपा नेता संबित पात्रा ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से पूछा कि बंगाल में आपके भी कार्यकर्ता दम तोड़ रहे हैं, लेकिन आप एक ट्वीट तक नहीं करते जबकि बंगाल में आपके नेता अधीर रंजन चौधरी और एनएसयूआई के कार्यकर्ता लगातार जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं।
लोकतंत्र में हिंसा किसी पार्टी का विषय नहीं, मानवता का विषय है। ऐसे मुद्दों पर सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आना चाहिए और हिंसा की राजनीति के खिलाफ आवाज बुलंद करनी चाहिए।