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Sunday, September 14, 2025

रेल संग्रहालय में अब होगी शादी-विवाह, होगा समारोहों का नया ठिकाना

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—150 साल पुराने भांप के इंजन की पृष्ठभूमि में कीजिए वैवाहिक जीवन का श्रीगणेश
—संग्रहालय में नैरो गेज, मीटर गेज और ब्रॉड गेज के भांप से चलने वाले इंजन प्रर्दिशत
—1971 की लड़ाई के दौरान जब्त किया गया पाकिस्तान का भांप का इंजन शामिल

नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : जो जोड़े शादी के बंधन में बंधना चाहते हैं वे अब 150 साल पुराने भांप के इंजन की पृष्ठभूमि में वैवाहिक जीवन की शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए भारतीय रेलवे के पूर्व रेलवे ने हावड़ा स्थित अपने संग्रहालय को सामाजिक समारोह के लिए किराए पर देने का फैसला किया है। कोविड-19 संबंधी पाबंदियों की वजह से संग्रहालय के दरवाजे महीनों से बंद पड़े हैं, ऐसे में रेलवे ने राजस्व बढ़ाने के इरादे से फैसला किया है कि वह संग्रहालय के दरवाजें उन लोगों के लिए खोलेगा जो अपने विशेष अवसरों को मनभावन सजावट और शानदार कलाकृतियों के बीच मनाना चाहते हैं। पूर्व रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसमें संरक्षित पुराने इंजन जिनमें गाडिय़ों के शुरुआती डीजल से लेकर इलेक्ट्रिक इंजन तक शामिल हैं और इनके जरिये व्यक्ति इतिहास के उस हिस्से को आत्मसात कर सकता है। अधिकारी ने बताया कि इनके अलावा संग्रहालय में नैरो गेज, मीटर गेज और ब्रॉड गेज के भांप से चलने वाले इंजन प्रर्दिशत किए गए हैं जिनमें दाॢजङ्क्षलग हिमालयन रेलवे में सेवा देने वाले इंजन, पुराने लकड़ी के बने डिब्बे, निरीक्षण सैलून, 1971 की लड़ाई के दौरान जब्त किया गया पाकिस्तान का भांप का इंजन शामिल है।

रेल संग्रहालय में अब होगी शादी-विवाह, होगा समारोहों का नया ठिकाना

पूर्व रेलवे के प्रवक्ता एकलव्य चक्रवर्ती ने यहां बताया कि रेल संग्रहालय में निजी कार्यक्रम करने की अनुमति देने का फैसला अतिरिक्त आय के लिए किया गया है। सभी सामाजिक कार्यक्रम सरकार द्वारा तय कोविड-19 नियमों के अनुसार ही किए जाएंगे। इस संग्रहालय का उद्घाटन 2006 में हुआ था और इसमें करीब सदी पुराने चित्र, टिकटों का संग्रह, समय बताने वाली मशीन और पूर्वी क्षेत्र में रेलवे प्रणाली के विकास की जानकारी देने वाली ऐतिहासिक घटनाओं की तस्वीरों का भी संग्रह है। पूर्व रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस संग्रहालय में बहुत कम लोग आ रहे हैं। पहले यह बहुत लोकप्रिय स्थान था, खासतौर पर बच्चों में । उन्होंने कहा, हावड़ा स्थित संग्रहालय का परिचालन और रख-रखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनी को दी गई है जो अनुमति लेने के बाद सभागार और बाहर खुले स्थान को पारिवारिक कार्यक्रम और सामाजिक समागम के लिए देगी। हालांकि, संग्रहालय के परिचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी निजी हाथों में देने और परिसर को निजी समारोह के लिए किराए पर देने के फैसले का पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने विरोध किया है। पूर्व रेलवे के फैसले पर सवाल उठाते हुए राज्य के सहकारी मंत्री अरुप रॉय ने कहा, यह सच नहीं हो सकता कि रेलवे ने वित्तीय समस्या के चलते संग्रहालय को निजी कार्यक्रम के लिए किराए पर दिया है जिसमें देश की विरासत से जुड़े दुर्लभ सामान है। पश्चिम बंगाल के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं लोकसभा सदस्य दिलीप घोष ने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि आय के वैकल्पिक स्रोत तलाशने के लिए रेलवे की प्रशंसा की जानी चाहिए।

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