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Tuesday, October 14, 2025

बॉलीवुड बादशाह शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को जमानत नहीं, गए जेल

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—क्रूज पोत पर छापेमारी के बाद तीनों को गिरफ्तार किया गया
—अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने जमानत का विरोध किया

मुंबई /अदिति सिंह : मुंबई की एक अदालत ने यहां एक क्रूज पोत से प्रतिबंधित नशीले पदार्थ कथित रूप से बरामद होने के मामले में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और दो अन्य की जमानत याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दीं। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आर एम नेॢलकर ने कहा कि आर्यन (23), मुनमुन धमेचार और अरबाज मर्चेंट की जमानत याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं। स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने गोवा जा रहे एक क्रूज पोत पर छापेमारी के बाद इन तीनों को अन्य लोगों के साथ रविवार को गिरफ्तार किया था। एनसीबी ने आर्यन और सात अन्य की हिरासत बढ़ाए जाने के एनसीबी के अनुरोध को खारिज कर दिया था और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। संयोग से, अदालत ने ऐसे दिन आर्यन की जमानत याचिका खारिज की है, जब उनकी मां गौरी खान का 51वां जन्मदिन है। एनसीबी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध किया। उन्होंने पूर्व के कई आदेशों का जिक्र करते हुए दलील दी कि इन याचिकाओं पर सुनवाई करना मजिस्ट्रेट का अधिकार क्षेत्र नहीं है और स्वापक औषधि एवं मन-प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) के तहत सभी मामलों की सुनवाई किसी विशेष अदालत को करनी चाहिए। सिंह ने यह भी तर्क दिया कि यह कोई संयोग नहीं हो सकता कि सभी आरोपी एक ही स्थान पर पाए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग नियमित रूप से नशीले पदार्थ लेते हैं। एएसजी ने कहा कि आर्यन का परिवार प्रभावशाली है और यदि उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया, तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। ङ्क्षसह ने दावा किया कि आर्यन और सह आरोपी अंचित कुमार के बीच व्हाट्ऐप पर हुई बातचीत फुटबॉल के बारे में नहीं, बल्कि बड़ी मात्रा के बारे में थी। आर्यन के वकील सतीश मानेशिंदे ने दावा किया था कि यह बातचीत फुटबॉल के बारे में है। वकील ने शुक्रवार को तर्क दिया कि मजिस्ट्रेट की अदालत के पास जमानत याचिका पर फैसला सुनाने का अधिकार है और उसकी भूमिका आरोपी को केवल हिरासत में भेजने तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, यदि इस अदालत को मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलता है, तो उसके पास मुझे रिहा करने की शक्ति है। वकील ने दावा किया कि एनसीबी को आर्यन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे कोई षड्यंत्र साबित हो सके। उन्होंने कहा कि एक विशेष सामाजिक दर्जा रखने वाले आरोपी के लिए जेल में रहना अपमानजनक हो सकता है। उन्होंने कहा, क्योंकि मेरा परिवार प्रभावशाली है, केवल इस आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि मैं सबूतों से छेड़छाड़ करूंगा। मानेशिंदे ने कहा कि आर्यन एक 23 वर्षीय व्यक्ति हैं, जिनका आपराधिक इतिहास नहीं है। इस बीच, मर्चेंट के वकील तारक सईद ने दलील दी कि एनसीबी ने उनके पास से मात्र छह ग्राम चरस कथित रूप से बरामद की है और उनका किसी अन्य आरोपी से कोई संबंध नहीं है। वकील ने कहा, पंचनामा के अनुसार, मर्चेंट ने कहा कि वह चरस लेना और मस्ती करना चाहता था।

केवल नशा करना चाहता था….आर्यन 

केवल नशा करना चाहता था…. इसकी सजा क्या है? अधिकतम छह माह। एनडीपीएएस कानून के तहत माफी का भी प्रावधान है। अदालत ने दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिकाएं केवल यह कहते हुए खारिज कर दीं कि ये सुनवाई योग्य नहीं है। इस संबंध में विस्तृत आदेश बाद में मिलने की संभावना है। एनसीबी ने मुंबई तट के पास गोवा जा रहे एक क्रूज पोत पर शनिवार रात छापेमारी करने के बाद पिछले सप्ताहांत इन तीनों के साथ कुछ अन्य लोगों को हिरासत में लिया था। केंद्रीय एजेंसी का दावा है कि इन आरोपियों के पास से मादक पदार्थ बरामद हुए हैं। इस मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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