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Tuesday, October 14, 2025

दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया आर्थिक गड़बड़ी का FIR

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-45 लाख रुपये की हुई है गड़बड़ी, साढ़े 38 लाख रुपये मिली है बंद करंसी
—दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा करेगी जांच, दोषी जाएंगे जेल
—परमजीत सिंह सरना का दावा, लाखों रुपये की हुई है आर्थिक गड़बड़ी
—रजिस्टर्ड में दर्ज था 1 करोड़ 30 लाख रुपये, 45 लाख रुपये थे गायब
-गृहमंत्री अमित शाह को लिखी चिटठी लिखकर की थी उच्चस्तरीय जांच की मांग
—दिल्ली पुलिस के द्वारा केस दर्ज न करने पर पुलिस आयुक्त को लिखी थी चिटठी

नई दिल्ली /अदिति सिंह : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कोषागार से कथित तौर पर 45 लाख रुपये गायब होने के मामले मेें दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। थाना नार्थ एवेंन्यू मेें शिरोमणि अकाली दल (सरना दल) से संबंधित सदस्य करतार सिंह चावला की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है। हालांकि, इसमें किसी को नामजद अभियुक्त नहीं बनाया गया है। लेकिन, विश्वासघात की धारा आईपीसी 409 लगाई गई है। दिल्ली कमेटी एक्ट के अनुसार दिल्ली कमेटी का स्टाफ, कमेटी सदस्य तथा सब कमेटियों के मेंबर लोक सेवक की परिधि में आते हैं इसलिए 45 लाख की नगदी कम होने के मामले को अमानत में खयानत व विश्वासघात की धारा लगाई गई है। इस मामले में कमेटी के जिम्मेदार अधिकारी एवं पदाधिकारी के खिलाफ जांच हो सकती है।
इसका खुलासा शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने शनिवार को पत्रकारों के समक्ष किया है। साथ ही दावा किया है कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में हुई लाखों रुपये की आर्थिक गड़बड़ी की एफआईआर दर्ज हो गई है। गृहमंत्रालय और दिल्ली पुलिस आयुक्त के हस्तक्षेप के बाद केस रजिस्टर्ड कर लिया गया है। अब इस आर्थिक गड़बड़ी की गहराई से जांच होगी, दोषी पाए जाने पर 10 साल की सजा संभव है। सरना ने दावा किया है कि 13 नवम्बर को जब विपक्षी दलों के सदस्यों ने कमेटी का रिकार्ड चेक किया था तब रजिस्टर में 1 करोड 30 लाख रुपये खजाने में होना बताया गया था। लेकिन जब खजाने में रजिस्टर के हिसाब से मिलान करवाया गया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इसमें से 45 लाख रुपये गायब थे। पूछने पर बताया गया कि पैसा बैंक में जमा करवाने के लिए भेजा गया है। जबकि उस दिन शनिवार था और राष्टीय अवकाश के चलते बैंक बंद थे। इसके अलावा साढे 38 लाख रुपये की प्रतिबंधित करंसी बरामद हुई, जिसका चलन कुछ साल पहले भारत सरकार एंव आरबीआई ने बंद कर रखा है। इस पैसे को भी मूल में जोड़ा गया था, जो कानूनन कोई भी संस्था अपने पास नहीं रख सकती। इस मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस के आयुक्त एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर जांच की गुहार लगाई थी। सरना ने दावा किया कि दो दिन पहले दिल्ली पुलिस ने इस मामले को रजिस्टर्ड कर लिया है और अब इसकी जांच होगी।
दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना एवं शिअदद दिल्ली के प्रधान महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने गुरुद्वारा कमेटी के कार्यवाहक प्रबंधन पर लाखों रुपये की आर्थिक गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। साथ ही दावा किया कि कमेटी के कार्यवाहक प्रबंधन गुरू की गोलक का पूरा पैसा कमेटी में खर्च करने की बजाय पंजाब में अपनी राजनीतिक पार्टी को चुनाव में मजबूत करने के लिए पहुंचा रहे हैं। पंजाब में तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और दिल्ली कमेटी से पूरा पैसा भेजा जा रहा है। सरना ने दावा किया है कि उन्हें कमेटी में करोड़ों रूपये की गड़बड़ी का अंदेशा है। लिहाजा इसकी उच्चस्तरीय जांच के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। पत्र के जरिये मांग की गई है कि कमेटी में आर्थिक निगरानी के लिए एक रिसीवर नियुक्त किया जाना चाहिए ताकि गुरू की गोलक को लुटने से बचाया जा सके। सरना ने कहा कि आर्थिक गड़बड़ी की शिकायत दिल्ली पुलिस से भी की गई है और कोषागार सील करने की मांग की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इस मसले को भी गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष उठाते हुए हस्तक्षेप की मांग की है। परमजीत सिंह सरना ने दावा किया है पिछले कुछ महीनों से कमेटी में गुरू की गोलक नाजायज तरीके से निजी कार्यों, सदस्यों को लुभाने, गाड़ी खरीदने कर गिफट देने में इस्तेमाल की जा रही है। जबकि, कार्यवाहक अवस्था में सिर्फ जरूरी काम ही करने का अधिकार होता है।
दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष हरविंदर सिंह सरना ने दावा किया है कि कमेटी को सेवा विस्तार दिल्ली सरकार जानबूझ कर दे रही है। इसे ततकाल रोका जाना चाहिए। खजाने की जांच पड़ताल के दौरान 1.30 करोड़ रुपये का रिकार्ड दिखाया गया, उसमें से साढे 38 लाख रुपये पुरानी नगदी मिली, जो भारत सरकार एवं रिजर्व बैंक आफ इंडिया की ओर से प्रतिबंधित है।
पार्टी के महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल जानबूझ कर बहुमत होने के बावजूद नई कमेटी का गठन नहीं कर रही है। इनकी मंशा है कि पंजाब चुनाव तक ऐसे ही तारीख पर तारीख लगवाते रहें और गुरु की गोलक खुर्द बुर्द करते हैं।

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