40.4 C
New Delhi
Sunday, June 15, 2025

महिलाओं के खिलाफ कुछ अपराध पर मिलेगी सजा-ए-मौत, बना कानून

मुंबई /अदिति सिंह : महाराष्ट्र विधानसभा ने बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक पारित कर दिया जिसमें महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध के लिए मौत की सजा समेत कड़े दंड के प्रावधान किये गए हैं। विधेयक में ऐसे मामलों के तेजी से निपटारे का भी प्रावधान किया गया है और अब यह विधान परिषद में पेश किया जाएगा। विधेयक को संयुक्त समिति की मंजूरी मिलने के बाद गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने इसे विधानसभा में पेश किया। विधेयक में ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई का प्रावधान किया गया है। आंध्र प्रदेश के दिशा कानून पर आधारित विधेयक को पहली बार 2020 के शीतकालीन सत्र में महाराष्ट्र विधानसभा में पेश किया गया था, लेकिन सरकार ने इसे विचार करने के लिए एक संयुक्त समिति के पास भेज दिया। समिति ने 13 बैठकें की और कुछ सिफारिशें प्रस्तुत की जिन्हें बुधवार को विधानसभा में पेश किया गया। विधेयक में महिलाओं और ब’चों के खिलाफ कुछ अपराधों के लिए मौत की सजा का प्रावधान है और शिकायत दर्ज होने के बाद जांच पूरी करने के लिए 30 दिनों की अवधि निर्धारित की गई है।

—महाराष्ट्र विधानसभा में कठोर सजा वाला विधेयक पारित
—महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए सख्त कार्रवाई
—शिकायत दर्ज होने के बाद 30 दिनों की अवधि में होगी जांच पूरी

जांच के मकसद से जरूरत पडऩे पर सोशल मीडिया मंच और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को आवश्यक डेटा भी मुहैया कराने होंगे। जांच अधिकारी द्वारा डेटा मांगने पर सात दिनों में यह मुहैया कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर सोशल मीडिया मंच और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के खिलाफ तीन महीने तक की सजा या 25 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। वलसे पाटिल ने कहा कि विधेयक में यौन उत्पीडऩ की झूठी शिकायत दर्ज कराने पर एक से तीन साल तक की सजा और एक लाख रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है। मंत्री ने कहा कि सभी हितधारकों से चर्चा की गई और समिति ने ऐसे मामलों की जांच के संबंध में दृष्टिकोण जानने के लिए पुलिस अधिकारियों से भी मुलाकात की। विधेयक में इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल माध्यमों से महिलाओं, पुरुषों और ट्रांसजेंडर लोगों की गरिमा भंग करने के मामलों से निपटने के लिए भारतीय दंड संहिता में एक नयी धारा 354ई को जोडऩे का भी प्रस्ताव है। विधेयक पर चर्चा के दौरान विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विधेयक में ऐसे अपराधों से निपटने के लिए निॢदष्ट अदालतों का प्रावधान है, लेकिन कानून को और अधिक प्रभावी बनाने के वास्ते महिलाओं के लिए सर्मिपत अदालतों की आवश्यकता है।

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Latest Articles