–शिरोमणि अकाली दल की प्रदेश ईकाई महीनों से पड़ी है भंग
–मंजीत सिंह जीके के हटने के बाद से खाली है अध्यक्ष की कुर्सी
–आंतरिक द्वंद के चलते भी अध्यक्ष की नहीं हो सकी नियुक्ति : सूत्र
–अकाली दल को दिल्ली में मिलती हैं 4 विधानसभा सीटें
(प्रिया गुप्ता )
नई दिल्ली, 15 अगस्त : शिरोमणि अकाली दल (बादल) की दिल्ली प्रदेश ईकाई पिछले 8 महीने से भंग पड़ी है। मंजीत सिंह जीके के शिअद एवं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष पद से हटने के बाद भी अकाली दिल्ली प्रदेश में अध्यक्ष नियुक्त नहीं कर पाए हैं। जबकि, दिल्ली में विधानसभा चुनाव सिर पर है। हालांकि, गुरुद्वारा कमेटी में अध्यक्ष उसी वक्त चुन लिया गया था। मंजीत सिंह जीके के नेतृत्व में पार्टी 10 साल तक ऊंचाईयों पर पहुंची थी। इसमें 2 बार 2013 तथा 2017 में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव हुए, जिसमें एकतरफा बहुमत के साथ पार्टी ने झंडा गाड़ा था। इसी प्रकार 2012 और 2017 के दिल्ली नगर निगम के चुनाव में अकाली दल 5 पार्षद जिताने में कामयाब रहा था।
इसके अलावा 2014 के विधानसभा चुनाव में अकाली दल उम्मीदवार राजौरी गार्डन, कालकाजी, शाहदरा सीट जीतने में कामयाब रहे थे। अकाली दल को 4 विधानसभा सीटें मिली थी, जिसमें से 3 सीटों पर विजय मिली थी। ये वही सीटें हैं, जहां भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर 15 साल में नहीं जीत पाई थी। लेकिन, मंजीत सिंह जीके के हटने के बाद पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति करने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव की आहट तेज हो गई है।

अकाली दल की सहयोगी भाजपा ने अपनी जमीन और मजबूत करने के लिए हर बूथ पर सदस्यता अभियान छेड़ रखा है। इसके अलावा भाजपा ने संगठन को संभालने के लिए 3 दिग्गज केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतार दिया है।
सूत्रों के मुताबिक शिरोमणि अकाली दल के मुख्य शाखा के साथ ही यूथ अकाली दल व स्त्री अकाली दल का भी पुर्नगठन होना है। यूथ अकाली दल का दिल्ली में कोई अध्यक्ष नहीं है। लेकिन, स्त्री अकाली दल को स्थायी तौर पर रंजीत कौर देख रही हैं। इसके अलावा छात्र ईकाई सहित बाकी संगठन भी चुने जाने हैं।
सूत्रों की माने तो पिछले दिनों पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अवतार सिंह हित को फिर से अध्यक्ष बनाने की बात चली थी, लेकिन उसी बीच हरीनगर स्कूल में उनके नाम से जुड़ी कुछ गड़बड़ी उजागर हो गई थी। नतीजन हित का नाम घोषित करने से पार्टी ने किनारा कर लिया। इसके बाद नया अध्यक्ष कौन होगा, इसकी कवायद भी कुंद पड़ गई।
वहीं दूसरी ओर पंजाब में भी अकाली-भाजपा में इस समय खटास नजर आ रही है। पहली बार अकाली दल ने भाजपा कोटे की 23 विधानसभा सीटों पर भी सदस्यता अभियान के तहत प्रवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं। वहीं, भाजपा पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक 2022 में पंजाब में कमल खिलने की भविष्यवाणी कर चुके हैं।
दिल्ली में चलाएंगे भर्ती अभियान, उसके बाद बनेगा नया अध्यक्ष
शिरोमणि अकाली दल वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के प्रभारी बलविंदर सिंह भूदड़ ने कहा कि पार्टी देशभर में नये कार्यकर्ताओं को जोड़ रही है। एक तरह से भर्ती अभियान शुरू करने जा रही है। दिल्ली में भी यह प्रक्रिया हर बूथ पर चलेगा। इसके लिए दिल्ली को 7 जोनों में बांटा गया है। प्रत्येक जोन में वरिष्ठ नेताओं की अगुवाई में कमेटी बनाई है। इसमें बूथ, ब्लाक, मंडल, जिला स्तर पर काम किया जाएगा। भूदड़ के मुताबिक बूथ पर नए वर्करों को जोडऩे के लिए पार्टी पदाधिकारी को 1 कापी दी जा रही है, जिसमें 100 नये सदस्य जोड़े जाएंगे। इसी हिसाब से सभी सातों जोन में अभियान चलाया जाएगा। सांसद भूदड़ ने बताया कि यह अभियान दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब एवं पंजाब बहुल वाले राज्यों में चलाने की तैयारी है।