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Wednesday, October 15, 2025

अश्विनी वैष्णव के 8 मंत्र से बदलेगी भारतीय रेलवे की तस्वीर, मिलेगी ट्रेनों को रफ्तार

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नई दिल्ली/ खुशबू पांडेय : भारतीय रेलवे की तस्वीर बदलने और यात्रियों को आधुनिक, हाईटेक एवं वर्ल्ड क्लास स्तर की सुविधाएं देने के लिए रेल मंत्रालय ने विशेष खाका तैयार किया है। इसकी कमान खुद रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने संभाली है। वैष्णव ने रेलवे की पूरी कायाकल्प के लिए 8 मंत्र जारी किया है, जिसके तरह आने वाले 50 सालों तक रेलवे चकाचक हो जाएगा। इसमें यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं, ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए नई पटरियां बिछाने, कम दूरी के शहरों को जोडऩे के लिए वंदे मैट्रो चलाने, यात्री रिजर्वेशन सिस्टम को आधुनिक बनाने, स्टेशनों के विकास और वल्र्डक्लास स्तर का बनाने, यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशनों पर स्थानीय प्रोडक्ट एवं घरेलू सामान के जन सुविधा केंद्र खोलने जैसे एजेंडे शामिल हैं। इसी प्रकार से हाइड्रोजन आधारित ट्रेन चलाने की तैयारी हो चुकी है। दिसंबर 2023 तक हैरिटेज लाइन पर गाड़यिां हाइड्रोजन से चलने लगेंगी।

-5 जी पर आधारित होगी भारतीय रेलवे की परिचालन प्रणाली
-2000 स्टेशनों पर खुलेंगे किराना स्टोर, यात्री खरीदेंगे घर का सामान
-गांव व शहरों के बीच बनेंगे फ्लाईओवर एवं नये तरह के अंडरपास
-यात्री टिकटिंग सिस्टम 10 गुना होगा इंप्रूव, घुसपैठ नहीं कर पाएंगे दलाल
-2000 स्टेशनों पर बिकेंगे लोकल प्रोडक्ट, 594 स्टॉल खुले
-कम दूरी के शहरों को जोड़ने के लिए चलाएंगे वंदे मेट्रो शटल

इसके अलावा भारतीय रेलवे विश्व की पहली ऐसी रेलवे होने वाली है जिसका ट्रेन कंट्रोल सिस्टम एवं संरक्षा तंत्र कवच आधुनिक 5 जी संचार तकनीक पर आधारित होगा। यही नहीं रेलवे ने इसी साल अपने यात्री आरक्षण प्रणाली की क्षमता दस गुना बढ़ाने की भी योजना बनायी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज यहां रेल मंत्रालय में आम बजट में रेलवे के आवंटन एवं नये वित्त वर्ष के लक्ष्यों के बारे में पूरा खाका सार्वजनिक किया।

अश्विनी वैष्णव के 8 मंत्र से बदलेगी भारतीय रेलवे की तस्वीर, मिलेगी ट्रेनों को रफ्तार

रेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष रेलवे को रिकॉर्ड आवंटन किया है जिसकी विस्तृत अनुदान मांगें आज संसद में पेश की गयीं हैं। बीते आठ वर्षों में रेलवे का बड़े पैमाने पर कायाकल्प हुआ है। इस बार के रिकॉर्ड आवंटन के बाद रेलवे की अवसंरचना के विकास में बहुत तेजी आएगी। वैष्णव के मुताबिक इस समय दुनिया में किसी भी देश में रेलवे 5जी तकनीक पर नहीं आयी है। कुछ विकसित देश 4जी तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप हम ट्रेन कंट्रोल सिस्टम और सिग्नलिंग को 5 जी तकनीक पर लाने जा रहे हैं। इसी प्रकार से टक्कर रोधी संरक्षा प्रणाली कवच का भी 5जी अवतार विकसित किया जा रहा है।

यात्री टिकटिंग प्रणाली फूलप्रुफ, घुसपैठ नहीं कर पाएंगे दलाल

बजट में रेलवे की प्रगति के 8 मंत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ष यात्री आरक्षण प्रणाली में व्यापक उन्नयन होने जा रहा है। सर्वर की क्षमता को दस गुना बढ़ाया जा रहा है। इस समय प्रति मिनट 25 हजार टिकट की बुकिंग होती है। लेकिन इसी वर्ष सितंबर तक टिकट बुकिंग की क्षमता दो लाख 25 हजार प्रति मिनट हो जाएगी। ऐसा होने के बाद यात्रियों को ऑनलाइन टिकट बुक करने में कुछ ही सेकंड लगेंगे। इसके साथ ही यात्री पूछताछ सेवा (इंक्वायरी सर्विस) अभी 4 लाख प्रति मिनट है। सितम्बर 2023 तक इसे 40 लाख प्रति मिनट कर दिया जाएगा। बकौल वैष्णव, यात्री टिकटिंग सिस्टम को 10 गुना इंप्रूव किया जा रहा है। सॉफ्टवेयर, नेटवर्किंग और सिक्योरिटी पर पूरा फोकस है। इसके शुरू होने के बाद यात्रियों को सुविधा मिलेगी। वहीं दलालों की घुसपैठ पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

4500 किमी लाइनें बिछायीं, अगले साल 7000 किमी का टारगेट

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वर्ष 2022-23 में नयी पटरियां बिछाने की योजनाओं जैसे नयी लाइन, दोहरीकरण, तीसरी एवं चौथी लाइन तथा अमान परिवर्तन के मद में 4500 किलोमीटर लाइनें बिछायीं। इस बार वर्ष 2023-24 में 7000 किलोमीटर का लक्ष्य रखा गया है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद बहुत सारी दिक्कतें दूर हो जाएंगी। वर्तमान में 12 किलोमीटर प्रतिदिन पटरी बिछा रहे हैं। 2014 से पहले (यूपीए सरकार) मात्र 4 किमी बिछाई जाती थी। मोदी सरकार के कार्यकाल में 3 गुना बढ़ोतरी हुई है।

गांवों एवं शहरों के बीच 1000 फ्लाईओवर एवं अंडरपास बनेंगे

रेलवे लाइन के दोनों ओर बसे नगरों, कस्बों एवं गांवों के विकास में पटरियां बाधक नहीं बनें, इसके लिए अब तक 10 हजार 438 उपरिगामी सेतु या अंडरपास बनाये गये हैं। वर्ष 2022-23 में 1000 उपरिगामी सेतु या अंडरपास बनाये गये हैं। अगले वित्त वर्ष के लिए भी इतने ही उपरिगामी सेतु एवं अंडरपास बनाने का लक्ष्य रखा गया है। खास बात यह है कि रेलवे ने विभिन्न तकनीकी संस्थानों से परामर्श करके आने वाले समय में उपरिगामी सेतु एवं अंडरपास की डिजाइन में जनता की सहूलियत के हिसाब से परिवर्तन किये हैं।

1275 स्टेशनों का विकास अमृत भारत योजना के तहत होगा

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक स्टेशन विकास के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना में 1275 स्टेशनों का विकास किया जाएगा। इनमें से 48 स्टेशनों पर काम शुरू हो गया है। स्टेशन विकास का काम विकास भी एवं विरासत भी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप होगा। इन अमृत भारत स्टेशनों में स्थानीय विरासत के गौरवपूर्ण दर्शन होंगे।

अब 2000 स्टेशनों पर मिलेगा रोजमर्रा एवं घरेलू सामान

रेलमंत्री के मुताबिक देश के 2000 रेलवे स्टेशनों को यात्रियों के वास्ते रोजमर्रा एवं घरेलू के इस्तेमाल की वस्तुओं के चौबीसों घंटे खुलने वाले जन सुविधा केन्द्र खोले जाएंगे। इनमें जन औषधि केन्द्र भी होंगे। यात्री गाड़ी में सवार होने के पहले या गंतव्य पर उतरने के बाद जन सुविधा केन्द्रों से घर की जरूरी चीजें खरीद सकेगा। इसी प्रकार एक स्टेशन एक उत्पाद की योजना बहुत कारगर साबित हुई है। इस समय यह 550 स्टेशनों पर काम कर रही है। अगले वित्त वर्ष इसे 750 स्टेशनों पर शुरू किया जाएगा। अगले साल इसे बढ़ाकर 2000 स्टेशन तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और यात्रियों एवं पर्यटकों को स्थानीय सामान। इस योजना से स्थानीय उत्पादकों को निर्यात के ऑडर्र भी मिलने लगे हैं।

लोकल ट्रेनों एवं शटल सेवा के बदले वंदे मैट्रो ट्रेन चलेगी

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक वंदे भारत एक्सप्रेस की तकनीक पर वंदे मेट्रो ट्रेन कम दूरी पर स्थित दो शहरों के बीच लोगों के आवागमन को सुलभ करेगी। अभी इसके डिजायन को तैयार किया जा रहा है। वंदे मेट्रो ट्रेन रेलवे की मुख्य लाइनों पर उत्तर प्रदेश में कानपुर एवं लखनऊ, कानपुर-प्रयागराज, सीतापुर लखनऊ, ग्वालियर-आगरा, ग्वालियर- वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी, वाराणसी-प्रयागराज आदि जैसे सेक्टरों पर शटल सेवा की तरह दिन में कई चक्कर लगाएगी जिससे दैनिक यात्रियों को सर्वाधिक लाभ होगा।

तीन साल में पुराने डिब्बों की छुटटी, राजधानी स्तर के डिब्बे लगेंगे

रेल मंत्री के मुताबिक मौजूदा मेल एक्सप्रेस गाड़यिों के खराब रखरखाव पर पूरा फोकस है। इस साल करीब 250 ट्रेनों के पुराने रैक हटा दिए जाएंग। उनके बदले नये राजधानी एक्सप्रेस के रैक स्तर का कोच होगा। अगले साल 325 ट्रेनों के रैक बदले जाएंगे। अगले तीन साल के भीतर सभी गाड़यिों के रैक बदल दिये जाएंगे। बकौल वैष्णव हाल ही कोचों में नये डिजायन के शौचालय तैयार किये गये हैं। करीब 35 हजार कोचों में नये शौचालय फिट किये जा रहे हैं।

वंदे भारत का स्लीपर ट्रेन इसी साल आएगी

वंदे भारत ट्रेन के बारे में चर्चा करते हुए रेलमंत्री ने बताया कि वंदे भारत का स्लीपर संस्करण इस साल सितंबर अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वंदे भारत की तकनीक एवं आपूर्ति श्रृंखला में स्थिरता आने के बाद उसे निर्यात की अनुमति मिलेगी। इस समय कोई निर्यात का ऑडर्र नहीं आया है लेकिन तमाम देशों के विशेषज्ञ इसे देखने को बहुत उत्सुक हैं। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस के मार्गों के चयन के पहले यातायात का अध्ययन किया जाता है और कोशिश होती है कि दो तीन बड़े केन्द्र जुड़ जाएं। उदाहरण के लिए सिकंदराबाद-विजयवाड़ा-विशाखापट्नम वंदे भारत चलने से यह एक आर्थिक कॉरीडोर भी बनता है। उन्होंने कहा कि रेलवे नयी सेवाओं के लिए अब कॉरीडोर के हिसाब से सोच रही है।

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