नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहृवान पर आज पूरा देश और दुनिया भर के कई देश योगमय हो गए। खुद प्रधानमंत्री मोदी विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लिया। पीएम ने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नजीर, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू गारू, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के. राममोहन नायडू , प्रतापराव जाधव , चंद्रशेखर , भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा , राज्य के डिप्टी सीएम पवन कल्याण गारू के साथ योग किया। इसके अलावा सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता, कार्यकर्ताओं ने अपने अपने राज्यों में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग सिर्फ़ एक व्यायाम नहीं है। यह जीवन जीने का एक तरीका है। विशाखापत्तनम में इस साल के योग दिवस समारोह में शामिल होना अद्भुत अनुभव है।
पीएम मोदी ने देश और दुनियाभर के सभी लोगों को इंटरनेशनल योग डे की बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी। साथ ही कहा कि आज 11वीं बार पूरा विश्व 21 जून को एक साथ योग कर रहा है। योग का सीधा-साधा अर्थ होता है जुड़ना और ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है। मैं बीते एक दशक में योग की यात्रा को जब देखता हूं, तो बहुत कुछ याद आता है। वो दिन जब संयुक्त राष्ट्र में भारत ने प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता मिले और तब कम से कम समय में दुनिया के 175 देश हमारे इस प्रस्ताव के साथ खड़े हुए। आज की दुनिया में ऐसी एकजुटता, ऐसा समर्थन सामान्य घटना नहीं है। ये सिर्फ एक प्रस्ताव का समर्थन भर नहीं था, ये मानवता के भले के लिए दुनिया का सामूहिक प्रयास था। आज 11 साल बाद, हम देख रहे हैं कि योग दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जीवन शैली का हिस्सा बन चुका है। मुझे गर्व होता है, जब मैं देखता हूँ कि हमारे दिव्यांग साथी ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं, गांव-गांव में युवा साथी योग ओलंपियाड में भाग लेते हैं। यहां सामने देखिये, ये नेवी के सभी जहाजों में भी अभी बहुत शानदार योगा कार्यक्रम चल रहा है। चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियाँ हों, या एवरेस्ट की चोटी हो, या फिर समंदर का विस्तार हो, हर जगह से एक ही संदेश आता है— योग सभी का है, और सभी के लिए है। Yoga is for Everyone, Beyond Boundaries, Beyond Backgrounds, Beyond age or ability.
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे बताया गया है कि योगांध्रा अभियान से दो करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं। पब्लिक पार्टिसिपेशन की यही वो स्पिरिट है, जो विकसित भारत का मुख्य आधार है। जब जनता खुद आगे बढ़कर किसी मुहिम को थाम लेती है, किसी लक्ष्य को Own कर लेती है, तो उस लक्ष्य की प्राप्ति से हमें कोई रोक नहीं पाता। जनता-जनार्दन की ये सद-इच्छा औऱ आपके प्रयास यहां इस आयोजन में हर तरफ नजर आ रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व में योग के प्रसार के लिए भारत, योग की साइंस को आधुनिक रिसर्च से और अधिक सशक्त कर रहा है। देश के बड़े-बड़े मेडिकल संस्थान योग पर रिसर्च में जुटे हैं। योग की वैज्ञानिकता को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान मिले, ये हमारा प्रयास है। हम देश के मेडिकल और रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स में, योगा के क्षेत्र में एविडेंस बेस्ड थेरेपी को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस दिशा में दिल्ली के एम्स ने भी बहुत अच्छा काम करके दिखाया है। एम्स की रिसर्च में सामने आया है कि योग की Cardiac और न्यूरोलॉजी डिस्ऑर्डर्स के उपचार और वूमन हेल्थ और Mental Well-being में अहम भूमिका है।
योग से भारत ने विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया : योगी
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग भारतीय मनीषा की अनुपम देन है।योग को लोक कल्याण का माध्यम बनाकर भारत ने विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। यही वजह है कि आज 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के करीब 190 देश भारतीय योग की विरासत के साथ जुड़कर गौरवान्वित हो रहे हैं। सीएम योगी 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शनिवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में योगाभ्यास करने के पूर्व योग साधकों, प्रशिक्षुओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी। महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि योग भारत की ऋषि परंपरा का ऐसा मंत्र है जो स्वस्थ काया के साथ स्वस्थ मस्तिष्क भी उपलब्ध कराता है। भारतीय मनीषा ने योग के महत्व को प्राचीनकाल से ही विस्तृत रूप से अवगत कराते हुए कहा है, ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’। (शरीर ही धर्म के पालन का साधन है)। सीएम योगी ने कहा कि मानव जीवन के चारों पुरुषार्थ धर्म, अर्थ काम, मोक्ष की प्राप्ति स्वस्थ शरीर से ही संभव है। स्वस्थ शरीर ही संसार सांसारिक उत्कर्ष और आध्यात्मिक उन्नयन का माध्यम है। धनोपार्जन से लोक कल्याण हो, कामनाओं की पूर्ति हो या फिर मुक्ति का मार्ग, इन सबके लिए स्वस्थ शरीर ही माध्यम है। उन्होंने कहा कि धर्म पालन का साधन बनाने और चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति के लिए शरीर को स्वस्थ रखने का कार्य योग से होता है। इसी योग को भारती ने लोक कल्याण का माध्यम बनाया और फिर इसके जरिये विश्व कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज योग के अलग-अलग आयाम देखने को मिलते हैं। भारतीय मनीषा ने योग के माध्यम से चेतना के उच्च आयाम से दुनिया को अवगत कराया। व्यक्तित्व विकास से लेकर ब्रह्मांड के रहस्यों को उद्घाटित करने तक योग के समृद्ध ज्ञान को विरासत के रूप में वेदों, उपनिषदों, पुराणों, स्मृतियों और शास्त्रों में प्रस्तुत किया।