तमिलनाडु के जाने-माने नेता, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुरवरम सुधाकर रेड्डी का सोमवार को निधन हो गया। इसकी जानकारी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (ट्विटर) पर दी है। उन्होंने इस दुखद समाचार पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
सीएम एमके स्टालिन ने निधन पर शोक व्यक्त किया
एमके स्टालिन ने कहा कि सुधाकर रेड्डी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र नेता के रूप में की थी और बाद में संसद सदस्य और भाकपा के राष्ट्रीय नेता के तौर पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। उन्होंने बताया कि सुधाकर रेड्डी ने हमेशा मजदूरों, किसानों और समाज के हाशिए पर पड़े लोगों के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी।
सीएम ने कहा, “मैंने तमिलनाडु में उनकी कई यात्राओं में उनके साथ समय बिताया है। इनमें गठबंधन की बातचीत और थलाइवर कलैगनार की स्मृति समारोह जैसी महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल थीं। इन मौकों पर मैंने उनकी गर्मजोशी और स्पष्ट विचारों को देखा है।”
एमके स्टालिन ने आगे कहा कि सुधाकर रेड्डी का जीवन न्याय और सम्मान के लिए संघर्ष की प्रेरणा बना रहेगा। उन्होंने उनके परिवार, सहयोगियों और साथियों के प्रति संवेदनाएं भी प्रकट कीं।
Deeply saddened by the passing of Comrade Suravaram Sudhakar Reddy, former General Secretary of @CPI_National.
From his early days as a student leader to his service in Parliament and later as the CPI’s national leader, Thiru. #SudhakarReddy devoted his life to the struggles of… pic.twitter.com/RHMKaxAZKR
— M.K.Stalin (@mkstalin) August 23, 2025
सुधाकर रेड्डी का जीवन: छात्र जिन्होंने राजनीति में कदम रखा
सुधाकर रेड्डी का जन्म बहुत ही साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र आंदोलन से की। छात्र जीवन में ही वे समाज के कमजोर वर्गों की आवाज बन गए। उनका मानना था कि मजदूर, किसान, और वंचित समुदायों को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी।
वे बहुत मेहनती और जुझारू युवा थे। अपने छात्र जीवन में ही उन्होंने संघर्ष शुरू कर दिया था। बाद में, उन्होंने अपने संघर्ष को और बड़े स्तर पर लाने का फैसला किया और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ गए। पूरी जिंदगी उन्होंने समाज के हाशिए पर पड़े लोगों के हक के लिए काम किया।
सांसद रहकर किए कई बड़े प्रयास
सुधाकर रेड्डी ने अपने समाज सेवा के कार्यों के चलते लोकसभा में अपना स्थान पाया। वे संसद सदस्य बनने के बाद भी समाज के कमजोर वर्गों का साथ देने से कभी पीछे नहीं हटे। उनके कार्यकाल में कई ऐसे प्रयास हुए, जिनसे मजदूरों और किसानों को लाभ पहुंचा।
उन्होंने गरीबों के हक के लिए आवाज बुलंद की। उनके नेतृत्व में कई आंदोलनों ने बल पाया। वे हमेशा अपने स्पष्ट विचारों और मजबूत इरादों के साथ जाने जाते थे। उन्होंने अपने सभी प्रयासों में समाज में बराबरी और न्याय का पक्ष लिया।
उनकी खास बातें: संघर्ष और समाज सेवा का प्रतीक
सुधाकर रेड्डी की खासियत थी कि वे कभी भी अपने विचारों से समझौता नहीं करते थे। उन्होंने जीवन भर सामाजिक न्याय और समानता के लिए संघर्ष किया। वे मजदूरों, किसानों, और वंचित वर्ग के अधिकारों के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी।
उनकी जीवनी युवाओं और कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आज भी लोग उन्हें उनके संघर्ष और समाज के प्रति समर्पण के लिए याद करते हैं। उनके संघर्ष को देखकर कई युवा अपने जीवन में सुधार लाने की प्रेरणा लेते हैं।
उनके निधन से देश में शोक की लहर
सुधाकर रेड्डी के निधन की खबर सुनते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। तमिलनाडु ही नहीं, पूरे भारत के राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके समर्थक और साथी उनके साथ बिताए ही पल को याद कर रहे हैं।
उनके प्रिय नेता, कार्यकर्ता और उनके समर्थक उनके निधन पर दुख व्यक्त कर रहे हैं। कई नेताओं ने उन्हें समाज में बदलाव लाने वाला नेता कहा है। उनके गौरवमय जीवन और संघर्ष को इतिहास में सदैव याद किया जाएगा।
उनकी विरासत और आजीवन संघर्ष
सुधाकर रेड्डी का जीवन प्रेरणा से भरा था। उन्होंने हमेशा समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद की। उनकी नीतियों और कार्यशैली से तमिलनाडु और पूरे भारत में बदलाव आया।
उनके जन्मदिन और स्मृति समारोह में उनके संघर्ष और समाज सेवा का जिक्र खासतौर पर होता है। उनका जीवन छात्रों, मजदूरों और किसानों के लिए एक आदर्श उदाहरण है। उनकी नीतियों से प्रेरणा लेकर आज भी कई संगठन और नेता काम कर रहे हैं।
सीख और संदेश: समाज के लिए कर्मठता
सुधाकर रेड्डी का जीवन यह सिखाता है कि समाज के लिए लड़ना और उसकी सेवा करना सबसे बड़ा धर्म है। कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी। उनका जीवन यह दर्शाता है कि संघर्ष और ईमानदारी से किये गए काम का फल अवश्य मिलता है।
उनकी कहानी हर युवा को यह सिखाती है कि समाज के प्रति ईमानदारी और कर्मठता से ही बदलाव संभव है। वे हमारे लिए एक मिसाल हैं, जो दिखाते हैं कि कितना भी कठिन समय हो, संघर्ष करने से ही सफलता मिलती है।
सुधाकर रेड्डी जैसे समाज के सच्चे योद्धा का निधन हम सबके लिए एक बड़ी क्षति है। उनके विचार, उनके संघर्ष और उनका जीवन हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा। उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जाएगा। पूरे देश की जनता, खासतौर पर तमिलनाडु, उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दे रही है।
उनके परिवारजनों, सहयोगियों और समर्थकों के प्रति हमारी संवेदनाएँ हैं। ईश्वर उनके आत्मा को मंज़िल दे और उनके कार्य को सलाम। उनके जीवन का संघर्ष और संघर्षशील नेतृत्व हमारे समाज की दिशा को बदलने का काम करेगा।
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