भुवनेश्वर : ओडिशा की उभरती हुई कैनोइंग खिलाड़ी रश्मिता साहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में अपनी जगह बनाकर पूरे देश का ध्यान खींचा है। रश्मिता ने इस सम्मान पर खुशी जताते हुए कहा कि वह आगामी एशियाई खेलों में भारत के लिए पदक जीतने के लिए पूरी तरह दृढ़ हैं। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल ओडिशा बल्कि पूरे देश में खेल प्रेमियों के बीच उत्साह पैदा किया है।
रश्मिता साहू: एक प्रेरणादायक सफर
रश्मिता साहू वर्तमान में ओडिशा पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं और जगतपुर स्थित राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र में कैनोइंग का प्रशिक्षण ले रही हैं। हाल ही में उन्होंने खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए। इस उपलब्धि ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां दिलाईं, और अब प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ‘मन की बात’ में उनके जिक्र ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर में आयोजित खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल के बारे में बात की और रश्मिता की उपलब्धियों को विशेष रूप से सराहा। उन्होंने बताया कि रश्मिता ने इस प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। रश्मिता ने इस मौके पर अपने खेल के सफर को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने 2017 में कैनोइंग शुरू की थी और तब से अब तक 41 पदक अपने नाम किए हैं, जिनमें 13 स्वर्ण, 14 रजत और 14 कांस्य पदक शामिल हैं।
छोटे से गांव से राष्ट्रीय मंच तक
कटक के चौद्वार के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाली रश्मिता का सफर प्रेरणादायक है। एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली रश्मिता ने बताया कि उनके परिवार का पारंपरिक व्यवसाय नौकायन था, जिसने उन्हें कैनोइंग की ओर आकर्षित किया। उन्होंने कहा, “मेरे परिवार ने हमेशा मुझे सपोर्ट किया। मेरी मां का निधन जल्दी हो गया था, और आर्थिक तंगी के बावजूद मेरे चाचा और कोच ने मेरा हौसला बढ़ाया। इस खेल ने मुझे एक नई पहचान दी।”
रश्मिता ने ‘मन की बात’ में अपने जिक्र पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी से बात करना मेरे लिए बहुत बड़ा मौका था। उनकी बातों ने मुझे और मेहनत करने की प्रेरणा दी है। यह मेरे लिए, मेरे खेल केंद्र और ओडिशा के लिए गर्व का पल है।”
कोच और समर्थकों का योगदान
रश्मिता के कोच एल. जॉनसन सिंह ने भी इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “मुझे गर्व है कि प्रधानमंत्री ने रश्मिता की कहानी को पूरे देश के सामने रखा। वह बहुत प्रतिभाशाली हैं और भविष्य में भी देश का नाम रोशन करेंगी।” कोच ने ओडिशा सरकार और अन्य समर्थकों का भी धन्यवाद किया, जिनके सहयोग से रश्मिता को यह मुकाम हासिल हुआ।
युवाओं के लिए रश्मिता का संदेश
रश्मिता ने युवाओं से अपील की कि वे अपने जुनून को पहचानें और उसका पीछा करें। उन्होंने कहा, “अगर आप किसी खेल या क्षेत्र में जुनूनी हैं, तो मेहनत और लगन से आप जरूर सफल होंगे।” उनकी यह बात न केवल युवा खिलाड़ियों बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहता है।
ओडिशा के लिए गर्व का पल
रश्मिता की इस उपलब्धि ने ओडिशा के खेल जगत में एक नया उत्साह भरा है। उनके प्रशिक्षण केंद्र के साथी खिलाड़ी और परिवार भी इस सम्मान से गदगद हैं। रश्मिता ने कहा कि वह अपने अगले लक्ष्य, यानी एशियाई खेलों में पदक जीतने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
भविष्य की योजनाएं
रश्मिता अब पूरी तरह से एशियाई खेलों की तैयारी में जुटी हैं। उनके कोच का मानना है कि उनकी प्रतिभा और मेहनत उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी शानदार प्रदर्शन करने में मदद करेगी। ओडिशा सरकार और खेल प्राधिकरण भी रश्मिता जैसे खिलाड़ियों को लगातार समर्थन दे रहे हैं, ताकि वे देश का नाम और ऊंचा कर सकें।
रश्मिता साहू की कहानी न केवल एक खिलाड़ी की मेहनत और लगन की मिसाल है, बल्कि यह भी दिखाती है कि छोटे शहरों और गांवों से निकलकर भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं। उनकी इस उपलब्धि ने पूरे देश को प्रेरित किया है, और अब सभी की नजरें उनके अगले प्रदर्शन पर टिकी हैं।
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