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Saturday, September 13, 2025

कंगना रनौत : आरजेडी एक महिला विरोधी पार्टी, ऐसी पार्टियों को जड़ से खत्म कर देना चाहिए

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मुंबई, 3 सितंबर। बिहार में हाल ही में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कुछ लोगों ने अपमानजनक टिप्पणियां कीं। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हंगामा मचा दिया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दलों ने इस मामले में विपक्षी पार्टियों से जवाब की मांग की है। इस विवाद में अब बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस तरह की टिप्पणियों की कड़ी निंदा की और महिला विरोधी पार्टियों को जड़ से खत्म करने की बात कही।

विवाद की शुरुआत

यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब बिहार में राहुल गांधी की अगुवाई में चल रही वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं। इन टिप्पणियों में पीएम मोदी की मां को भी निशाना बनाया गया, जिसे लेकर बीजेपी ने कड़ा रुख अपनाया है। यह घटना सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर चर्चा का विषय बन गई है। बीजेपी का कहना है कि ऐसी टिप्पणियां न सिर्फ पीएम का अपमान हैं, बल्कि देश की सभी महिलाओं के सम्मान के खिलाफ हैं।

कंगना रनौत की प्रतिक्रिया

कंगना रनौत ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी देश की हर महिला के लिए अपमानजनक है। यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पीएम की मां ने कभी कोई सरकारी सुविधा नहीं ली और इतने बड़े पद पर होने के बावजूद सादगी भरा जीवन जिया। उनके खिलाफ ऐसी सोच रखना उन पार्टियों की मानसिकता को दर्शाता है। सोचिए, अगर ये लोग पीएम की मां के बारे में ऐसा सोचते हैं, तो आम महिलავल महिलाओं के लिए इनकी क्या राय होगी?”

कंगना ने आगे कहा, “राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) जैसी पार्टियां महिलाओं का सम्मान नहीं करतीं। इनकी सोच में औरतों की कोई इज्जत नहीं है। मेरे साथ भी पहले ऐसा हुआ है, और मैं आज तक उन टिप्पणियों से उबर नहीं पाई। यह मेरे लिए सदमे जैसा था। ऐसी पार्टियां बार-बार महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करती हैं। ये लोग इसलिए ऐसा करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि महिलाएं उन्हें वोट नहीं देतीं। आज देश की हर महिला दुखी है। अगर ये लोग सत्ता में आए, तो सोचिए महिलाओं का क्या हाल होगा? ऐसी महिला विरोधी पार्टियों को जड़ से खत्म कर देना चाहिए।”

तेजस्वी यादव का जवाब

इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “किसी की मां के खिलाफ अपशब्द कहना ठीक नहीं है। यह हमारे भारतीय संस्कारों का हिस्सा नहीं है। हम इसका समर्थन भी नहीं करते। मां, चाहे किसी की भी हो, मां होती है। मां का नाम लेने से सुकून मिलता है।”

हालांकि, तेजस्वी ने बीजेपी पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, “बीजेपी नेताओं का इतिहास महिलाओं का अपमान करने और विपक्षी नेताओं पर गलत टिप्पणियां करने का रहा है। प्रज्वल रेवन्ना के प्रचार में खुद पीएम मोदी गए थे। इससे पहले सोनिया गांधी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया और नीतीश कुमार के डीएनए पर भी सवाल उठाए गए।”

राजनीतिक गलियारों में हलचल

यह विवाद अब सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहा। पूरे देश में इसकी चर्चा हो रही है। बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियों, खासकर कांग्रेस और आरजेडी, पर हमला बोला है। उनका कहना है कि ऐसी टिप्पणियां सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि देश की संस्कृति और महिलाओं के सम्मान के खिलाफ हैं। वहीं, विपक्षी दल इस मुद्दे को बीजेपी की रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं, ताकि लोगों का ध्यान बिहार के असल मुद्दों से हटाया जा सके।

महिलाओं के सम्मान का सवाल

कंगना रनौत ने जिस तरह इस मुद्दे को महिलाओं के सम्मान से जोड़ा, उसने इस विवाद को और गंभीर बना दिया है। उनके बयान ने उन महिलाओं की भावनाओं को声 दी, जो अक्सर ऐसी टिप्पणियों का शिकार होती हैं। कंगना ने यह भी कहा कि ऐसी पार्टियां सिर्फ इसलिए महिलाओं को निशाना बनाती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि महिलाएं उनका वोट बैंक नहीं हैं। यह बयान न सिर्फ राजनीतिक है, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी एक बड़ा सवाल उठाता है कि क्या हमारी राजनीति में महिलाओं के सम्मान को पर्याप्त महत्व दिया जाता है?

यह विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा। बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों पर दबाव बढ़ा दिया है। दूसरी तरफ, विपक्षी दल इसे बीजेपी की रणनीति बता रहे हैं। बिहार में अगले कुछ दिनों में इस मुद्दे पर और बयानबाजी होने की संभावना है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस तरह की टिप्पणियां सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए की जाती हैं, या यह हमारी समाज की गहरी सोच को दर्शाता है?

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि राजनीति में नैतिकता और सम्मान की जगह कम होती जा रही है। देश की जनता अब यह उम्मीद कर रही है कि सभी दल इस तरह की घटनाओं से सबक लें और भविष्य में ऐसी टिप्पणियों से बचें।

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