चेन्नई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को एक बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जीएसटी सुधार के तहत 12% टैक्स स्लैब वाली 99% वस्तुओं पर कर को घटाकर सिर्फ 5% कर दिया है। इससे आम लोगों का टैक्स बोझ काफी कम हो जाएगा। ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के जॉइंट कॉन्क्लेव में बोलते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि यह कदम लोगों की जेब को हल्का करने के लिए उठाया गया है। अब खरीदारी सस्ती हो जाएगी, और अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
जीएसटी स्लैब की संख्या घटी, दो स्लैब में सीमित
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि पहले जीएसटी टैक्स स्लैब चार थे – 5%, 12%, 18% और 28%। लेकिन अब सरकार ने इसे सरल बना दिया है। अब सिर्फ दो मुख्य स्लैब रहेंगे – 5% और 18%। उन्होंने कहा, “जब लोगों को लगा कि टैक्स ज्यादा हो रहा है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत कदम उठाए।” यह बदलाव हमारे 140 करोड़ देशवासियों पर लंबे समय तक असर डालेगा। पीएम मोदी दिवाली से पहले यह तोहफा देना चाहते थे, लेकिन नवरात्रि से पहले ही घोषणा हो गई। वित्त मंत्री ने इसे सभी भारतीयों की साझा जीत बताया।
यह जीएसटी कटौती न सिर्फ व्यापारियों के लिए फायदेमंद है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सस्ते दामों पर सामान मिलेगा। उदाहरण के लिए, रोजमर्रा की जरूरी चीजें अब सस्ती पड़ेंगी।
90% वस्तुओं पर 18% से घटाकर 5% या जीरो टैक्स
वित्त मंत्री ने आगे खुलासा किया कि 18% टैक्स स्लैब वाली 90% वस्तुओं पर कर को घटाकर 5% या शून्य कर दिया गया है। इससे बाजार में कई प्रोडक्ट्स की कीमतें गिरेंगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सुधार टैक्स सिस्टम को और पारदर्शी बनाएगा। पहले जटिल स्लैब से लोग कन्फ्यूज हो जाते थे, लेकिन अब सब कुछ आसान हो गया है।
जीएसटी कलेक्शन में जबरदस्त उछाल, 1.5 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड
2017 में जीएसटी के तहत सिर्फ 65 लाख लोग टैक्स भर रहे थे। लेकिन आज यह संख्या बढ़कर 1.5 करोड़ हो गई है। जीएसटी कलेक्शन भी आसमान छू रहा है। 2018 में यह 7.18 लाख करोड़ रुपये था, जो अब 22.08 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वित्त मंत्री ने इसे सरकार की सफलता बताया। उन्होंने कहा कि यह आंकड़े दिखाते हैं कि सिस्टम मजबूत हो रहा है और लोग टैक्स देने के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण, सामूहिक फैसला
वित्त मंत्री ने जीएसटी परिषद की तारीफ की। उन्होंने कहा कि राज्यों के मंत्री शुरू से ही इसमें शरीक रहे हैं। यह निर्णय केंद्र और राज्य सरकारों का साझा प्रयास है। कुल 350 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है। अब कर ढांचा सिर्फ दो स्लैब तक सीमित है, जो व्यापार को आसान बनाएगा। वित्त मंत्री ने राज्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी भागीदारी से ही यह संभव हुआ।
नए जीएसटी नियम 22 सितंबर से लागू, लग्जरी आइटम पर 40% टैक्स
अब सबसे अहम बात – ये नए जीएसटी सुधार 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे। मुख्य स्लैब 5% और 18% के होंगे। लेकिन लग्जरी और सिन गुड्स जैसे महंगे सामान पर अलग से 40% टैक्स लगेगा। इससे सरकार को राजस्व तो मिलेगा, लेकिन आम जरूरतों पर बोझ नहीं पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव अर्थव्यवस्था को बूस्ट देगा और इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।
यह घोषणा नवरात्रि के मौके पर आई है, जो लोगों के लिए दोहरी खुशी लेकर आई। वित्त मंत्री की यह पहल निश्चित रूप से सराहनीय है। अब देखना है कि बाजार कैसे रिएक्ट करता है। कुल मिलाकर, टैक्स राहत से मध्यम वर्ग को फायदा होगा।
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