34.1 C
New Delhi
Monday, September 15, 2025

सीबीआई ने नासिक में दो अवैध कॉल सेंटर्स का भंडाफोड़ किया, साइबर धोखाधड़ी के लिए 2 गिरफ्तार

Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

नासिक, 14 सितंबर। साइबर क्राइम की दुनिया में एक और बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नासिक में दो साइबर फ्रॉडरों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों ब्रिटिश नागरिकों को धोखा देकर लाखों रुपये की ठगी कर रहे थे। आरोपी खुद को इंश्योरेंस एजेंट और सरकारी अफसर बताकर लोगों को फंसाते थे। इस खबर ने नासिक और आसपास के इलाकों में हड़कंप मचा दिया है।

अवैध कॉल सेंटरों का जाल: 60 लोगों को नौकरी देकर ठगी का खेल

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी गणेश और श्याम कामांकर ने ‘स्वागन बिजनेस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम से दो अवैध कॉल सेंटर चला रखे थे। इन कॉल सेंटर्स में करीब 60 लोग काम करते थे। ये लोग वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी), फर्जी नंबर और नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके ब्रिटिश लोगों को फोन करते थे। वे कहते थे कि आपका इंश्योरेंस पॉलिसी खतरे में है या सरकारी मदद मिलेगी। इस बहाने वे लोगों से क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल्स मांगते और पैसे ऐंठ लेते थे। असल में ये पॉलिसी बिल्कुल फर्जी होती थीं।

सीबीआई ने 11 सितंबर को चार लोगों और कुछ अज्ञात सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया। शिकायत आई थी कि ये लोग नासिक में दो अवैध कॉल सेंटर चला रहे थे। ब्रिटिश नागरिकों को निशाना बनाकर ये फ्रॉडर इंश्योरेंस एजेंट या सरकारी अधिकारी बन जाते थे। इस तरह की साइबर ठगी आजकल बहुत आम हो गई है, लेकिन सीबीआई की सतर्कता ने इस गिरोह को पकड़ लिया।

तलाशी में बरामद सामान: डिजिटल सबूतों ने खोला राज

केस दर्ज होने के बाद सीबीआई ने नासिक और ठाणे के कल्याण इलाके में कई जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान ढेर सारे सबूत मिले। पीड़ितों का डेटा, फर्जी इंश्योरेंस पॉलिसी के स्क्रिप्ट, आठ मोबाइल फोन, आठ कंप्यूटर सिस्टम या सर्वर, और 5 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई। ये सब इनक्रिमिनेटिंग डिजिटल एविडेंस थे, जो ठगी के पूरे नेटवर्क को उजागर करते हैं।

आरोपियों ने ठगे हुए पैसे को पेपैल और बैंक चैनलों के जरिए भेजा जाता था। उनके कंट्रोल में कई अकाउंट थे, जिनसे पैसा सफेद धन की तरह घुमाया जाता था। सीबीआई का कहना है कि ये फ्रॉडर ब्रिटेन के लोगों को टारगेट करते थे क्योंकि वहां इंश्योरेंस स्कैम ज्यादा आसान लगता था। इस ऑपरेशन से नासिक पुलिस भी हैरान है, क्योंकि ये कॉल सेंटर शहर के बीचों-बीच छिपे हुए थे।

मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार का नया मामला: MES के तीन अफसर गिरफ्तार

इसी बीच, एक अलग केस में सीबीआई ने मध्य प्रदेश में मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज (एमईएस) के तीन अफसरों और एक बिचौलिए को पकड़ा है। ये लोग एक ठेकेदार से 80,000 रुपये का रिश्वत लेते पकड़े गए। गिरफ्तार लोगों में नितेश कुमार सिंह (गैरिसन इंजीनियर, सागर), राकेश साहू (असिस्टेंट गैरिसन इंजीनियर, दीपक), जूनियर इंजीनियर दीपक और बिचौलिया राजेश मिश्रा शामिल हैं।

शिकायतकर्ता अजय कुमार ने बताया कि उनकी फर्म ‘श्री बालाजी एसोसिएट्स’ को 26.58 लाख रुपये का मरम्मत और मेंटेनेंस का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। लेकिन एमईएस के ये अफसर 1 लाख रुपये का रिश्वत मांग रहे थे, ताकि काम शुरू हो सके। सीबीआई ने 11 सितंबर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 7ए के तहत, साथ ही भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) (आपराधिक साजिश) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। ये केस भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई का एक और उदाहरण है।

ये घटनाएं बताती हैं कि साइबर ठगी और सरकारी भ्रष्टाचार दोनों ही देश की बड़ी समस्याएं हैं। सीबीआई की सख्ती से अपराधियों को सजा मिलेगी, लेकिन आम लोगों को भी सतर्क रहना होगा। फर्जी कॉल पर कभी कार्ड डिटेल्स न शेयर करें और सरकारी कामों में रिश्वत न दें। नासिक और मध्य प्रदेश के इन मामलों से सबक लेना जरूरी है। (कुल शब्द: 652)

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Women Express पर. Hindi News और India News in Hindi  से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Kurukshetra epaper

Latest Articles