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Saturday, October 18, 2025

शाह बोले-भगोड़े अपराधियों के खिलाफ भी ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाये प्रवर्तन एजेन्सियां

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नयी दिल्ली /सुनील पाण्डेय : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah)  ने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में छिपे बैठे भारत के भगोड़े अपराधियों के खिलाफ भी ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाने तथा उनकी भारतीय न्याय व्यवस्था के समक्ष पेशी सुनिश्चित करने के लिए कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने पर जोर देते हुए राज्यों से भी केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सहयोग से इन भगोड़ों को वापस लाने के लिए एक तंत्र स्थापित करने को कहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अपराध और अपराधी की चाल चाहे कितनी भी तेज हो न्याय की पहुंच उससे भी तेज होनी चाहिए।
श्री शाह ने गुरूवार को यहां सीबीआई के भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण से संबंधित दो दिन के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चाहे कोई भी भगोड़ा अपराधी हो और उसने किसी भी तरह का अपराध किया हो उसे कठोर से कठोर कदम उठाकर भारतीय न्याय व्यवस्था के समक्ष खड़ा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा भगोड़े चाहे आर्थिक अपराधी हों, साइबर अपराधी हों, आतंकवादी घटनाओं में लिप्त हों या संगठित अपराध नेटवर्क के हिस्सेदार हों, हर भगोड़े के साथ रुथलेस अप्रोच अपनाकर उन्हें भारतीय न्याय व्यवस्था के समक्ष खड़ा करने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। इसका समय आ गया है।

—सीबीआई के सहयोग से इन भगोड़ों को वापस लाने के लिए एक तंत्र स्थापित करने का आदेश
—सीबीआई के भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण से संबंधित दो दिन के सम्मेलन

उन्होंने राज्यों से भी इसके लिए अपने यहां एक अलग तंत्र बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा   सीबीआई हमारे यहां प्रत्यर्पण के लिए नामित एजेंसी है और सीबीआई के सहयोग से हर राज्य को अपने यहां एक यूनिट खड़ी करनी चाहिए, जो राज्य से भागे हुए भगोड़ों को वापस लाने के लिए एक तंत्र स्थापित करे। इसे ‘संपूर्ण सरकार’ अप्रोच से गति भी देनी पड़ेगी।
श्री शाह ने जोर देकर कहा कि अपराध और अपराधी की चाल चाहे कितनी भी तेज हो न्याय की पहुंच उससे भी तेज होनी चाहिए। उन्होंने कहा, अपराध और अपराधी की चाल चाहे कितनी भी तेज क्यों न हो, न्याय की पहुंच उससे भी अधिक गतिमान होनी चाहिए। मोदी जी के नेतृत्व में एक मज़बूत भारत, सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ रूल ऑफ लॉ की मज़बूती सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भगोड़े अपराधियों के खिलाफ भी जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा   हम भारत में भ्रष्टाचार, अपराध और आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस तो ज़रूर रखें, लेकिन भारत की सरहदों के बाहर बैठकर जो इसे चला रहे हैं, उनके लिए भी ज़ीरो टॉलरेंस रखना, उन्हें कानून के दायरे में लाने का प्रयास करना और इसके लिए एक सुनिश्चित तंत्र बनाना, यह ज़िम्मेदारी भी हमारी ही है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में इस दिशा में कई तरह के बदलाव किये गये हैं । वर्ष 2018 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम लाया गया, इससे सरकार को भगोड़ों की भारत में स्थित संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिला। लगभग चार वर्षों के भीतर लगभग 2 अरब डॉलर की रिकवरी हुई है, यह बहुत बड़ी उपलब्धि है और इसमें आगे और भी गति बनाए रखनी होगी।
उन्होंने कहा कि धन शोधन निवारण कानून को भी और सशक्त तथा पुख़्ता बनाया गया है और लगभग 12 अरब डॉलर की संपत्तियां 2014–23 के बीच जब्त की गई हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भगोड़ों को पकड़ने के लिए एक विशेष ‘ग्लोबल ऑपरेशन सेंटर’ भी स्थापित किया है जो दुनिया भर की पुलिस के साथ रीयल-टाइम समन्वय कर रहा है। गृह मंत्री ने कहा कि इस सेंटर ने इस वर्ष जनवरी से सितंबर के बीच 189 रेड नोटिस जारी किए हैं जो सीबीआई की स्थापना के बाद से अब तक सबसे अधिक हैं। उन्होंने कहा यह दर्शाता है कि जब व्यवस्था होती है तो बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं।
श्री शाह ने कहा कि इस जनवरी में गठित भारतपोल पोर्टल के भी बहुत अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि राज्य पुलिस भी इसका अधिकतम इस्तेमाल करें तो उद्देश्यों की प्राप्ति में और अधिक सफलता मिलेगी। उन्होंने भगोड़ों की संपूर्ण जानकारी पर आधारित एक वैज्ञानिक डेटाबेस बनाये जाने पर जोर देते हुए कहा कि इसे पूरे देश की पुलिस के साथ साझा किया जाना चाहिए।

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