पणजी/सुनील पाण्डेय। 56वां इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) गोवा के पणजी में शुरू हो गया है। पणजी नगर निगम जीएमसी भवन के बाहर मंच पर गोवा के राज्यपाल पूसापति अशोक गजपति राजू ने झंडी दिखाकर औपचारिक शुभारम्भ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केन्द्रीय राज्य मंत्री सूचना प्रसारण एवं संसदीय कार्य एल मुरुगन, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद यसो नाईक, गोवा सरकार के मंत्री, सांसद और विधायक मौजूद थे। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन सूचना प्रसारण सचिव संजय जाजू ने दिया। फिल्म महोत्सव के निदेशक शेखर कपूर और फिल्मकार अनुपम खेर भी मौजूद थे।
भव्य उद्घाटन की एक बोल्ड रीइमेजिनिंग में, इफ्फी-2025 ने पूरे शहर को एक विशाल, जीवंत कैनवास में बदल दिया—जहाँ सिनेमाई प्रतिभा सांस्कृतिक वैभव के साथ घुलमिल गई और कहानी सुनाने का चिरस्थायी जादू गोवा की सड़कों पर नृत्य कर उठा। जैसे ही कलाकारों, परफॉर्मर्स और सिनेप्रेमियों ने शहर को ऊर्जा और मनोरंजन से भर दिया, गोवा रचनात्मकता के एक धड़कते हुए गलियारे में बदल गया। यह केवल एक महोत्सव की शुरुआत का संकेत नहीं है, बल्कि इफ्फी की विरासत में एक साहसिक नए अध्याय के उदय का भी सूचक है।
—राज्यपाल पुसापति अशोक गजपति राजू एवं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने किया महोत्सव का उद्घाटन
—राज्यपाल बोले—इफ्फी विश्व भर के नए विचारों, अनूठी कहानियों और क्रिएटिव माइंड्स के परस्पर मिलन का केंद्र है
—प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सिनेमा अंतरराष्ट्रीय ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है: डॉ. प्रमोद सावंत
—कल्चरल कार्निवल हमारे राज्यों की विविध परंपराओं को प्रदर्शित करता है : डॉ. मुरुगन
—दिग्गज अभिनेता नंदमुरी बालकृष्ण को सिनेमा में 50 गौरवशाली वर्ष पूरे करने पर सम्मानित किया गया
महोत्सव का उद्घाटन करते हुए, गोवा के राज्यपाल, पुसापति अशोक गजपति राजू ने इफ्फी के बढ़ते वैश्विक कद की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, इफ्फी रचनात्मक आदान-प्रदान, नए सहयोग और सिनेमाई उत्कृष्टता के उत्सव के लिए एक सार्थक मंच बन गया है। गोवा के कॉस्मोपॉलिटन कैरेक्टर, सांस्कृतिक समृद्धि और ग्लोबल कनेक्टिविटी को देखते हुए, यह स्वाभाविक है कि फिल्म प्रेमी इतनी बड़ी संख्या में यहाँ एकत्र होते हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इफ्फी ने हमेशा एक पारंपरिक फिल्म महोत्सव की सीमाओं से आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव दुनिया भर के विचारों, कहानियों और क्रिएटिव माइंड्स के लिए एक संगम स्थल के रूप में कार्य करता है। इफ्फी युवा फिल्म निर्माताओं का सहयोग करता है, सिनेमाई प्रतिभा को सम्मानित करता है और फिल्म तथा रचनात्मक उद्योगों के वैश्विक केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करता है।
हमारी प्राकृतिक सुंदरता फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करती है : सावंत
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने अपने संबोधन में गोवा के अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ते कद पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, गोवा विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ तैयार है और यही कारण है कि यह इफ्फी का स्थायी स्थान बन गया है। हमारी प्राकृतिक सुंदरता फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करती है, लेकिन हमारे मजबूत नीतिगत सुधार ही उन्हें बार-बार यहां वापस लाते हैं। उन्होंने कहा कि इफ्फी-2025 क्रिएटिविटी और टेक्नोलॉजी का मेल थीम पर मनाया जा रहा है, जो ग्लोबल क्रिएटिव क्रांति में भारत की लीडरशिप को दिखाता है।

इफ्फी भारतीय प्रतिभा को वैश्विक संभावनाओं से जोड़ता है। हमारा सपना गोवा को भारत की ‘रचनात्मक राजधानी’ बनाना है। गोवा आएं, अपनी कहानियाँ सुनाएं, अपनी फिल्में शूट करें।” उन्होंने भारतीय सिनेमा को अभूतपूर्व अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने और भारत को कहानी कहने की दुनिया में एक उभरती हुई सॉफ्ट पावर बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दिया।
इफ्फी हर संस्करण के साथ बेहतर होता जा रहा : मुरुगन
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री, डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि इफ्फी हर संस्करण के साथ बेहतर होता जा रहा है। उन्होंने कहा, पारंपरिक रूप से, महोत्सव की शुरुआत श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में हुआ करती थी। लेकिन इस साल, यह एक भव्य सांस्कृतिक कार्निवल के रूप में शुरू हुआ है, जो हमारे राज्यों की विविध परंपराओं को प्रदर्शित कर रहा है।

उन्होंने प्रधानमंत्री के भारत की बढ़ती ऑरेंज इकॉनमी के विज़न को याद किया, जो कंटेंट, क्रिएटिविटी और कल्चर से चलेगी। उन्होंने बताया कि मुंबई में आयोजित विश्व ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट शिखर सम्मेलन (वेव्स) जैसी पहलें देश भर की उभरती रचनात्मक प्रतिभाओं को सशक्त बना रही हैं। उन्होंने दिवंगत श्री मनोहर पर्रिकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और गोवा को इफ्फी का स्थायी स्थान बनाने में उनकी अहम भूमिका को भी याद किया।
पहली बार, इफ्फी का उद्घाटन भव्य कार्निवल के साथ हो रहा :जाजू
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, ने इस वर्ष के संस्करण की अनूठी विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया, पहली बार, इफ्फी का उद्घाटन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाते हुए एक भव्य कार्निवल के साथ हो रहा है। इस एडिशन में फिल्मों का अब तक का सबसे बड़ा कलेक्शन दिखाया जा रहा है—जो लगभग 80 देशों को दिखाता है—साथ ही कई इंटरनेशनल और ग्लोबल प्रीमियर भी होंगे।”

उन्होंने एआई फिल्म हैकाथॉन और अब तक के सबसे बड़े वेव्स फिल्म बाजार जैसे नए जुड़ावों को रेखांकित किया। ये पहलें इफ्फी को रचनात्मकता, प्रौद्योगिकी और उद्योग नवाचार में सबसे आगे स्थापित करती हैं। दिग्गज अभिनेता श्री नंदमुरी बालकृष्ण को सिनेमा में उनके 50 गौरवशाली वर्षों और तेलुगु सिनेमा को समृद्ध बनाने में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
दो दर्जन से ज़्यादा झांकियों में दिखा लघु भारत
दो दर्जन से ज़्यादा झांकियों में दिखा लघु भारत। जिसमें गोवा सरकार की 12 झांकियां भी शामिल थीं – भारत की सिनेमाई विरासत, एनिमेशन की दुनिया और क्षेत्रीय संस्कृतियों की समृद्ध विविधता का उत्सव मनाया गया। इस इवेंट की खास बातें सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ कम्युनिकेशन और एनएफडीसी 50 इयर्स टैब्लो का शानदार लोक प्रोडक्शन भारत एक सूर था, जिसमें देश भर में फिल्ममेकर्स को बढ़ावा देने और सिनेमाई इनोवेशन को बढ़ावा देने के पांच दशकों का सम्मान किया गया। 100 से ज़्यादा कलाकारों ने पारंपरिक डांस पेश किए, इस प्रोडक्शन ने अपने स्केल और एनर्जी से दर्शकों का मन मोह लिया।
उद्घाटन फिल्म
गैब्रियल मस्कारो की डायस्टोपियन कहानी ‘द ब्लू ट्रेल’, जिसे अपनी मूल पुर्तगाली भाषा में ‘ओ अल्टिमो अज़ुल’ के नाम से जाना जाता है, ने आज 56वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव (इफ्फी) में का आगाज किया है। ओपनिंग फिल्म को बहुत पसंद किया गया है, जिसने दर्शकों के बीच प्रशंसा और आश्चर्य दोनों को समान रूप से जगाया है।
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