–शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल के हरी झंडी का भी नहीं किया इंतजार
–अकाली दल ने अभी तक नहीं लिया फैसला, किसे करना है समर्थन
–कुलवंत सिंह बाठ पार्षद पत्नी सहित अमित शाह को शिरोपा डाला
( खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को समर्थन करने के मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) दो फाड़ हो चुकी है। साथ ही अकाली दल की दिल्ली ईकाई के कई बड़े नेता भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करना शुरू कर दिए हैं। ये सभी नेता अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के फैसले का इंतजार किए बिना ही बीजेपी प्रत्याशियों को समर्थन कर दिया है। अकाली दल से संबंधित निगम पार्षद एवं गुरुद्वारा कमेटी के सदस्य ख्ुालकर मैदान में उतर गए हैं।
जबकि, अकाली दल की केंद्रीय कोर कमेटी और बाद में दिल्ली प्रदेश की वर्किंग कमेटी भी यह तय नहीं कर पाई है कि दिल्ली चुनाव में भाजपा को समर्थन करना है या नहीं। बता दें कि दिल्ली में चुनाव के लिए मतदान 8 फरवरी को होगा। इस बार अकाली दल चुनाव नहीं लड़ रहा है। बीजेपी ने उसे एक भी टिकट नहीं दिया है।
अकाली नेताओं की कड़ी में दिल्ली कमेटी के उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह बाठ ने एक कदम आगे बढ़ते हुए रविवार को घोंडा में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह का भव्य स्वागत किया। एक रोड शो के दौरान अपनी पार्षद पत्नी गुरजीत कौर बाठ के साथ मिलकर उन्होंनें अमित शाह को शिरोपा व कृपाण भेंट कर दी। साथ ही भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार करना भी शुरू कर दिया। दिल्ली कमेटी एवं अकाली दल के अहम पदाधिकारी का भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष को सिख परम्पराओं के अनुसार सम्मानित करना सीधे तौर पर भाजपा द्वारा अकाली दल से किनारा करने की स्थिति के बाद अपनी स्थिति को साफ करने जैसा है। जिससे यह लगता है कि दिल्ली के अकाली नेता अपने पुराने संबंधों के चलते भाजपा के नेतृत्व तथा घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ चलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
DELHI: किस पार्टी को समर्थन देना है, फैसला नहीं कर पाए अकाली
उन्हें लगता है कि 2021 के दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी और 2022 के निगम चुनाव में भाजपा के सहयोग के बिना उनका राजनीतिक परिदृश्य पर रहना मुश्किल होगा। इससे साफ लगता है कि अपने सबसे ज्यादा संघर्ष मय हालात में चल रहे सुखबीर बादल के आदेश की इंतजार करने का भी जोखिम यह नेता नहीं उठाना चाहते हैं। उन्हें भी शायद लगता है कि भाजपा ने अकाली दल को दिल्ली में जो पटकनी दी है, अब नंबर पंजाब के गठबंधन के वजूद पर आ सकता है।
वैसे भी सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियो में पंजाब भाजपा के नेता 2022 में पंजाब में भाजपा का मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान कर चुके हैं। बादल परिवार की कमजोर हो रही सियासी पकड़ तथा हमलावर भाजपा के बीच यह नेता अपना राजनीतिक वजूद बरकरार रखना चाहते हैं। कुलवंत सिंह बाठ के अलावा कमेटी के सदस्य आत्मा सिंह लुभाना ने भी रविवार को तिलक विहार में बीजेपी के राजीव बब्बर के कार्यक्रम में शामिल हुए। इसी तरह मालवीय नगर से कमेटी सदस्य ओंकार सिंह राजा ने भी बीजेपी कंडीडेट शैलेंद्र सिंह मोंटी के पक्ष में प्रचार करने की खबर है। कमेटी सदस्य परमजीत सिंह राणा शुरू से ही सरदार आरपी सिंह के साथ जुटे हैं।
बीजेपी ने सिख हलकों में अपने सिख नेताओं को उतार दिया
सूत्रों की माने तो अकालियों की कमजोर सियासी पकड़ को भापते हुए बीजेपी ने सिख हलकों में अपने सिख नेताओं खासकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को उतार दिया है। पुरी ने कल 1984 सिख विरोधी दंगा पीडि़तों की बस्ती तिलक विहार में छोटी रैली कर पूरी कालोनी गोद ले लेने का ऐलान भी कर दिया। इस मौके पर कमेटी सदस्य लुभाना ने केंद्रीय मंत्री पुरी से भाजपा कंडीडेट (BJP candidate) के पक्ष में पूरी तरह से उतरने की बात कह डाली, बशर्ते भाजपा एक बार सुखबीर बादल से बात कर ले। बाकी अकाली पार्षद एवं कमेटी सदस्य अपने-अपने इलाकों में चोरी छिपे मदद कर रहे हैं।