–किसानों को उपज का अधिक से अधिक मूल्य दिलवाने का ऐलान
–किसान घर से ही बेच सकेंगे अपनी उपज, फल, सब्जी
नई दिल्ली / टीम डिजिटल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को उनकी फसलों का अधिक से अधिक मूल्य दिलाने के उद्देश्य से मंडी अधिनियम में कई संशोधन किए हैं । इनके लागू हो जाने से अब किसान घर बैठे ही अपनी फसल निजी व्यापारियों को बेच सकेंगे, उन्हें मंडी जाने की बाध्यता नहीं होगी। इसके साथ ही उनके पास मंडी में जाकर फसल बेचने तथा समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने का विकल्प जारी रहेगा। अधिक प्रतिस्पर्धी व्यवस्था बनाकर हमने किसानों को उनकी फसल का अधिक से अधिक मूल्य दिलाने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के किसानों को मध्यप्रदेश में मंडी अधिनियम में किए गए संशोधनों की जानकारी दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब व्यापारी लाइसेंस लेकर किसानों के घर पर जाकर अथवा खेत पर उनकी फसल खरीद सकेंगे। पूरे प्रदेश के लिए एक लाइसेंस रहेगा, व्यापारी कहीं भी फसल खरीद सकेंगे। इसके अंतर्गत पूरे देश की मंडियों के दाम किसानों को उपलब्ध रहेंगे। वे देश की किसी भी मंडी में जहां उनकी फसलों का अधिक दाम मिले, सौदा कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि इस बार हमने प्रदेश में सौदा पत्रक व्यवस्था लागू की। जिसके माध्यम से व्यापारी किसानों से उनकी फसल घर से ही खरीद रहे हैं। मंडियों की खरीद की लगभग 80 फीसदी खरीदी सौदा पत्रों के माध्यम से हुई है तथा किसानों को अच्छा मूल्य भी प्राप्त हुआ है। इस प्रयोग के परिणाम सकारात्मक होने के कारण हमने मंडी अधिनियम में संशोधन किया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि भारत सरकार द्वारा एग्रीकल्चर प्रोड्यूस एंड लाइवस्टोक मैनेजमेंट एक्ट 2017 मॉडल मंडी अधिनियम राज्यों को भेजकर उसे अपनाने अथवा प्रचलित अधिनियम में संशोधन का विकल्प दिया गया था।
अधिनियम को लागू करने के लिए रोडमैप तैयार करने के उद्देश्य से गठित मुख्यमंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में कहा था कि यदि राज्य अपने मौजूदा मंडी अधिनियम में संशोधन करना चाहते हैं तो उन्हें उसमें आईपीएलएम के प्रावधानों में से कम से कम 7 को शामिल कर संशोधन करना होगा। चूंकि मध्यप्रदेश में आईपीएलएम के प्रावधानों में से दो प्रावधान पहले से ही लागू हैं, अत: अन्य सात प्रावधानों को मंडी अधिनियम में संशोधन के माध्यम से अब प्रदेश में लागू किया गया है।