निरंकारी मिशन के पूर्व प्रमुख बाबा हरदेव सिंह महाराज का समर्पण दिवस मनाया
–देशभर में बाबा हरदेव सिंह को भक्तों ने दी श्रद्धांजली
–बाबा की सिखलाई को क्रियात्मक रुप देने का अनोखा उदाहरण पेश
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : संत निरंकारी मिशन के पूर्व प्रमुख बाबा हरदेव सिंह महाराज की स्मृति में आज दिल्ली सहित देशभर में समर्पण दिवस मनाया गया। इस मौके पर लाखों निरंकारी परिवार ने बाबा को ‘समर्पण दिवस मनाते हुए श्रद्धांजली अर्पित की। कोविड के चलते इस वर्ष कोई बड़ा आयोजन नहीं किया गया, बल्कि आनलाइन संत समागम के माध्यम से माध्यम से निरंकारी भक्तों ने बाबा हरदेव सिंह के प्रति अपने श्रद्धा भाव अर्पित किया। इस मौके पर मिशन की वर्तमान प्रमुख, सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज ने लाखों भक्तों के लिए एक संदेश भी प्रसारित किया। बता दें कि 4 वर्ष पूर्व आज ही के दिन बाबा हरदेव सिंह का निधन हो गया था। तभी से आज के दिन को समर्पण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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बाबा हरदेव सिंह ने 36 साल मिशन की बागड़ोर सम्भाली। साथ ही अनथक परिश्रम करते हुए आध्यात्मिक जागरुकता के माध्यम से मिशन का सत्य, प्रेम, मानवता एवं विश्वबंधुत्व का संदेश संसार के कोने कोने में पहुंचाया। उनका मकसद था कि वैर, द्वेष, ईष्र्या, संकीर्णता, भेदभाव जैसी दुर्भावनायें दूर होकर मानवीय मूल्यों को बढ़ावा मिले और संसार में प्यार, अमन, दया, करुणा जैसे सद्गुणों का विकास हो।
वर्तमान में सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज के दिव्य मार्गदर्शन में बाबा की सत्य, प्रेम, एकत्व और विश्व शांति की सिखलाई को पूरे संसार में पहुँचाया जा रहा है। कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए सरकार के मार्गदर्शन के अनुसार हर प्रकार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मानवता की सेवा करने की प्रेरणा सद्गुरु माता जी निरंकारी भक्तों को दे रहे हैं।
मिशन 17 देशों से चलकर 60 राष्ट्रों तक पहुँच गया
बाबा हरदेव सिंह जी के समय में मिशन 17 देशों से चलकर विश्व के प्रत्येक महाद्वीप के 60 राष्ट्रों तक पहुँच गया जहाँ राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर के समागम, युवा सम्मेलन, सत्संग कार्यक्रम, समाज सेवा, विभिन्न धार्मिक तथा आध्यात्मिक संस्थाओं के साथ ताल-मेल आदि शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा संत निरंकारी मिशन को उनके सामाजिक एवं आर्थिक परिषद के सलाहकार के रूप में मान्यता भी बाबा जी के समय में ही प्रदान की गई है। बाबा जी ने विश्व के सामने एक नया दृष्टिकोण रखा कि प्रत्येक रेखा जो दो राज्यों या देशों को विभाजित करती है वो वास्तव में उन राज्यों व देशों को मिलाने वाली रेखा होती है। इस तरह की सोच अपना कर नफऱत की दीवारों को गिराकर प्रेम के पुलों का निर्माण किया जा सकता है।
समाज के प्रति अपने दायित्व को बाबा जी ने निभाया
मिशन के मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिक जागरुकता के अलावा समाज के प्रति अपने दायित्व निभाने की तरफ भी बाबा जी ने सार्थक कदम उठायें। समाज कल्याण की गतिविधियों में बाबा जी ने मिशन को आगे लाया । रक्तदान, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, स्वास्थ्य, महिला सक्षमीकरण, शिक्षा, व्यवसाय मार्गदर्शन केन्द्र आदि क्षेत्रों में मिशन के सराहनीय योगदान के पीछे बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के दिव्य मार्गदर्शन का सबसे बड़ा हाथ है । जनसाधारण को अत्याधुनिक वैद्यकीय सुविधायें सस्ते दामों में उपलब्ध कराने के लिए बाबा जी ने दिल्ली में ‘हेल्थ सिटी के महत्वाकांक्षी प्रकल्प का आरंभ किया है ।
देशव्यापी स्वच्छता अभियान शुरू किया
बाबा हरदेव सिंह जी ने मिशन की पहली रक्तपेढी का लोकार्पण 26 जनवरी, 2016 को किया था जो विले पार्ले, मुंबई में स्थित है। बाबा जी के मार्गदर्शन में ही उनके जन्मदिन के अवसर पर 23 फरवरी को वर्ष 2003 से मिशन द्वारा देशव्यापी स्वच्छता अभियान का प्रारंभ किया गया। इस स्वच्छता अभियान के अंतर्गत पुरातन स्मारक, सरकारी अस्पताल, रेल्वे स्थानक, समुद्र तथा नदीयों के किनारे, उद्यान, पर्यटन स्थल इत्यादि सार्वजनिक स्थलों का समावेश है। किसी अन्य संस्था द्वारा भी जब इस प्रकार के आयोजन किये गए तो उसका स्वागत करते हुए उसमें मिशन द्वारा भी हिस्सा लिया जाता रहा।
‘संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल का निर्माण कराया
मिशन की समाज कल्याण गतिविधियाँ विस्तृत रुप में चलाने के लिए बाबा जी ने अप्रैल, 2010 में संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन का निर्माण किया। समालखा (हरियाणा) में ‘संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल का निर्माण बाबा जी का बहुत बड़ा सपना रहा जहां पिछले कुछ वर्षों से मिशन के वार्षिक संत समागम आयोजित किये जा रहे हैं तथा अन्य गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं। बाबा हरदेव सिंह जी ने मिशन के भारत तथा दूर देशों के युवाओं को सद्भावपूर्ण एकत्व के भाव को धारण करते हुए मिशन के विभिन्न गतिविधियों में सम्मिलित होने के लिए प्रोत्साहित किया। आध्यात्मिक सिखलाई द्वारा बाबा जी ने युवाशक्ती को समाज के सकारात्मक उन्नति की तरफ मोड़ दिया।
सराहनीय कदम