42 C
New Delhi
Tuesday, May 13, 2025

भारतीय रेलवे ने चीनी कंपनी को दिया झटका, 471 करोड़ का ठेका किया रद्द

–DFC के कानपुर-मुगलसराय सेक्शन पर लगाना था सिगनल
–काम कम होने का दिया हवाला, 2016 में दिया था ठेका
-417 किलोमीटर के काम में महज 20 फीसदी काम हुआ 
–चाइनीज कंपनी केअधिकृत अधिकारी साइट पर ध्यान देने में सक्षम नहीं   
-सिर्फ रेलवे में कई काम करती हैं चीनी कंपनियां : सूत्र

(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली /टीम डिजिटल : भारतीय रेलवे ने काम कम होने का हवाला देते हुए चीन की कंपनी को आज एक बड़ा झटका दिया है। साथ ही चार साल पुराना करीब 471 करोड़ रुपये का ठेका कैंसिल कर दिया है। चाइनीज कंपनी को कानपुर से मुगलसराय (दीन दयाल उपाध्याय) सेक्शन पर करीब 417 किलोमीटर की दूरी में सिग्नल लगाने का काम दिया गया था। इस ठेके की कीमत 471 करोड़ रुपए थी। यह ठेका  बीजिंग के नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कॉम्युनिकेशन ग्रुप कंपनी लिमिटेड को 2016 में दिया गया था। इस कंपनी को भारतीय रेलवे के उपक्रम डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) के पूर्वी समर्पित मालवहन गलियारे (DFC) में कानपुर-दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन खंड में आधुनिक सिगनल एवं संचार प्रणाली लगाना था। कंपनी ने चार साल में महज 20 पर्सेंट का काम पूरा किया है।

यह भी पढें...भारतीय रेल ने पांच राज्यों में 960 कोविड केयर कोच तैनात किए

ठेका  को खत्म करने की घोषणा करते हुए भारतीय रेलवे की कंपनी डीएफसी (DFC) ने कहा कि कंपनी ने चार साल में महज 20 पर्सेंट का काम पूरा किया है। यह भी कहा है कि चीनी कंपनी समझौते के मुताबिक तकनीकी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए अनिच्छुक है। डीएफसी के मुताबिक चाइनीज कंपनी इंजिनीयर्स और अधिकृत अधिकारी साइट पर ध्यान देने में सक्षम नहीं है, जोकि एक गंभीर अड़चन है।  इसको लेकर हर स्तर पर बैठक हो चुकी है, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। चीनी कंपनी को विश्व बैंक से प्राप्त रिण के माध्यम से भुगतान किया जाना था।

यह भी पढें...RPF को मिलेंगे IPC में कार्यवाही के अधिकार

कंपनी ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब पूर्वी लद्दाख में गलवानी घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई है, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं। इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि चीन भारत के खिलाफ आर्थिक उपायों पर भी विचार कर रहा है।
बता दें कि एक दिन  पहले ही केंद्र सरकार ने दूरसंचार मंत्रालय ने बीएसएनएल (BSNL) एवं एमटीएनएल (MTNL) को चीनी कंपनियों के उपकरणों की उपयोगिता को कम करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अपने कामों में चीनी कंपनियों की उपयोगिता को कम करे।

रेलवे के कई अहम प्रोजेक्टों में चीनी कंपनियों को मिला है ठेका

भारतीय रेलवे के कई प्रोजेक्टों में चीन की कंपनियों का सामान इस्तेमाल होता है। इसमें डिब्बों के बीच लगने वाला कंपोनेंट में एयर स्प्रिंग,स्विच और फायर प्रूफिंग इलेक्ट्रिक केबल्स के रॉ मटेरियल सहित कई सामान हैं जिससे डिब्बे तैयार होते हैं। सूत्रों की माने तो ट्रेन के पहियों में लगने वाला एक्सल को लेकर चीन की तीन कंपनियों से 1 करोड़ 83 लाख 55 हजार 152 डॉलर का करार पर भी खतरे के बादल मंडरा सकते हैं। 6000 एलएचबी एक्सल को लेकर 44 लाख 70 हजार डॉलर का करार इस साल मई के महीने में हुआ जिसकी पूरी डिलीवरी अक्टूबर तक करनी है।

इसी तरह 4000 एलएचबी एक्सल को लेकर चीन की एक दूसरी कंपनी से 30 लाख 40 हजार 152 डॉलर का करार इसी साल मार्च में हुआ और तीन महीने में पूरी डिलीवरी तय हुई है। 15000 ब्रॉड गेज एक्सल का 1 करोड़ 8 लाख 45 हजार डॉलर का करार पिछले साल अक्टूबर में हुआ जिसकी पूरी खेप 7 महीने में भारत डिलीवरी की जानी थी लेकिन कोरोना की वजह से मामला अटका है। ऐसे में चीनी कंपनियों के लिए आज के हालात के मद्देनजर संभावनाएं कम भारत में कारोबार को लेकर आशंकाएं ज्यादा हैं।

latest news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Latest Articles